पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। इसका एक और प्रमाण सामने आया है। सिंध प्रांत के खैरपुर में तीन हथियारबंद लोगों ने हिंदू व्यापारी दीपक कुमार के घर में घुस कर ताबड़-तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे उन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस मामले को लूट-पाट बता रही है,जबकि पड़ोसियों का कुछ और कहना है। उनके मुताबिक, कुछ लोग नहीं चाहते कि इलाके में हिंदू रहें और फले-फूलें।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के खैरपुर के शाही बाजार क्षेत्र में अच्छी संख्या में हिंदू बिरादरी के लोग रहते हैं। चूंकि अधिकांश व्यापार से जुड़े हैं, इसलिए इलाके के कट्टरपंथियों की हमेशा उनपर नजरें रहती हैं। वे नहीं चाहते कि हिंदू कौम यहां रहे और मेहनत-मजदूरी से आगे बढ़े। इस कारण कट्टरपंथी उन्हें किसी न किसी बहाने परेशान करते रहते हैं। बताते हैं कि मजहबी गुंडों की शाही बाजार में रहने वाले माधोमल के पुत्र दीपक कुमार पर लंबे समय से नजर थी। दीपक इलाके के जाने-माने व्यापारी थे। गत दिनों तीन बदमाश घुस आए। पाकिस्तान के समा न्यूज के अनुसार, तीन हथियारबंद लोग एक बाइक से वहां आए। उन्होंने पहले अपनी बाइक लाल मंदिर के पास रोकी। उसके बाद दीपक के घर में जबरन घुस गए। पहले तो बदमाशों ने लूट-पाट की। जब दीपक ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उसके सीने में ताबड़-तोड़ कई गोलियां उतार दीं, जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि गोलियों की आवाज सुनकर वहां आस-पास के लोग जुट गए। तीन बदमाशों में से दो को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि जल्द ही तीसरा बदमाश भी पकड़ लिया जाएगा। मगर इलाके के हिंदू बेहद भयभीत हैं। उनकी दशा को देखते हुए वहां कुछ पुलिस वाले भी तैनात किए गए हैं, पर उनके शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े दिखने के कारण हिंदुओं का खौफ कम नहीं हो रहा है।
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