पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह वर्ष में दुष्कर्म के 22 हजार मामले दर्ज किए गए। औसतन रोजाना 11 बलात्कार की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि पिछले छह वर्ष में मात्र 77 मामले में ही सजा सुनाई गई। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से ही हिंदू बच्चियों के कन्वर्जन एवं बलात्कार की सर्वाधिक शिकायतें मिलती रहती हैं
पाकिस्तान में केवल अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ ही दुराचार नहीं हो रहा। बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय की लड़कियों की आबरू भी सुरक्षित नहीं है। 20—21 करोड़ की आबादी वाले इस देश में औसतन रोजाना 11 महिलाएं बलात्कार का शिकार होती हैं। स्थिति यह है कि बलात्कारी मासूम बच्चियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसी ही एक और दिल दहलाने वाली खबर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आई है। इस प्रदेश के दादू शहर की तीन वर्षीय मासूम के साथ एक युवक ने ऐसी हैवानियत दिखाई कि पिछले 36 घंटे से उसकी जिंदगी खतरे में बनी हुई है। घटना के बाद से एक बार फिर पाकिस्तान में महिलाओं की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला गरमाया हुआ है। एक ग्रुप ने तो बजाप्ता हैशटैग जस्टिस अभियान चला रखा है।
पूरा मामला कुछ यूं है। बुधवार को गुलफिशां (बदला हुआ नाम) अपने घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं और सुबह होते ही काम पर चले गए थे। इस बीच पड़ोस में रहने वाला एक 18 वर्षीय युवक घर में घुस आया और बच्ची के साथ उस वक्त तक दुष्कर्म करता रहा, जब तक कि उसकी स्थिति गंभीर नहीं हो गई। बच्ची की हालात खराब देखकर युवक वहां से फरार हो गया।
पाकिस्तान के चर्चित अंग्रेजी अखबार ‘डान’ के मुताबिक, बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग वहां पहुंचे। उसके बाद इसकी सूचना बच्ची के मां-बाप और बी-सेक्शन पुलिस थाना को दी। महिला थाना की एसएचओ बेनजीर जमाली का कहना है,‘‘ शिकायत के तुरंत बाद ही आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।’’
दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलने पर वहां पहुंचे पड़ोसियों ने खून से लतपथ गुलफिशां को दादू के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी स्थिति अब तक खतरे में बनी हुई है। अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ इरफाना पीरजादा का कहना है कि बलात्कार के कारण बच्ची का अत्यधिक रक्तस्राव होने से स्थिति ज्यादा बिगड़ गई है।
घटना से संबंधित विडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने से कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अधिकांश लोग आरोपी को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे हैं।
कुछ लोग बच्ची के बहाने पाकिस्तान में महिला सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह वर्षों में दुष्कर्म के 22 हजार मामले दर्ज किए गए। औसतन रोजाना 11 बलात्कार की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि पिछले छह वर्षों में मात्र 77 मामले में ही सजा सुनाई गई। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से ही हिंदू बच्चियों के कन्वर्जन एवं बलात्कार की सर्वाधिक शिकायतें मिलती रहती हैं।
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