सर आशुतोष को कहा जाता था 'बंगाल का बाघ'
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सर आशुतोष को कहा जाता था ‘बंगाल का बाघ’

by WEB DESK
Feb 18, 2021, 09:12 am IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सर आशुतोष अपनी बेटी के लिए रूढ़िवादी हिन्दुओं के सामने खड़े हो गए। उन्होंने आज से 100 बरस से भी पहले अपनी बेटी का पुनर्विवाह हाई कोर्ट के वकील ब्रजेंद्र नाथ कांजीलाल से करवाया था। वहींं जब 2019 में जब देश की संसद में तीन तलाक के खिलाफ कानून लाया गया तो कथित सेकुलर दल उसके खिलाफ खड़े थे

आशुतोष मुखर्जी के पास सी.आई.ए, सी.एस.आई, पी.आर.एस, डी.एस.सी, डीएल, एफ.आर.ए.एस एफ.आर.एस.ई, सरस्वती, शास्त्र वाचस्पति , संबुद्धागम – चक्रवर्ती और अंग्रेजों द्वारा दी गई नाइट और बंगाल के लोगों द्वारा दी गई ‘बंगाल का बाघ’ जैसी दर्जन भर उपाधियां थी। 1883 में बी.ए की परीक्षा में वो कोलकाता विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम आए। उस समय हिन्दू समाज में ये मान्यता थी कि समुद्र यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता है। अत: जब आशुतोष को उनकी माताजी ने विदेश पढ़ने जाने से मना किया तो उन्होंने उनकी इस बात को सहर्ष स्वीकार कर लिया और इंग्लैंड नहीं गए। आगे चल कर आशुतोष एक न्यायाधीश एवं न्यायविद्, गणितज्ञ, विद्वान भाषाविद् और शिक्षाविद् बने।

1893 में वो कलकत्ता हाईकोर्ट की बार कौंसिल में शमिल हुए और 1904 में कलकत्ता हाईकोर्ट में जज बने। एक गणतिज्ञ के तौर पर उनकी लिखि किताब ‘ ज्योमेट्री ऑफ कॉनिक सेक्शंस” ग्रेजुएशन से नीचे की कक्षाओं के लिए ज्यामिति की एक मानक पुस्तक मानी जाती है। एक भाषाविद के तौर पर उन्होंने फ्रंच और जर्मन भाषाओं में कुशलता प्राप्त की लेकिन उनकी सबसे ज्यादा ख्याति एक शिक्षक के तौर पर रही है। 1906 में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने और इस पद पर 1914 तक और बाद में 1921-23 तक रहे । जाधवपुर में बंगाल टेक्निकल इंस्टीट्यूट बनाने के श्रेय भी सर आशुतोष को ही जाता है जो आगे चलकर जाधवपुर यूनिवर्सिटी बना।

एक शिक्षक के तौर पर सर आशुतोष में छात्रों में प्रतिभा पहचानने की गजब की प्रतिभा थी। जिन लोगों की प्रतिभा को उन्होंने पहचाना उनमें नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी.रमन, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और संयुक्त बंगाल के प्रधानमंत्री रहे अबुल कासिम फजलुल हक जैसे नाम शामिल थे।

संतान के तौर पर सर आशुतोष को चार बेटे और तीन बेटियां हुईं। इनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी तीसरे नंबर की संतान थे जो आगे चल कर हिन्दू महासभा और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे और 1952 में कश्मीर में परमिटराज का विरोध करते हुए गिरफ्तार हुए और संदेहास्पद स्थिति में वहीं बंदी बने हुए मृत्यु को प्राप्त हुए।

इस तरह जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में बंदी थे उस समय देश के राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों उनके पिता सर आशुतोष के शिष्य रहे थे लेकिन इसके बाद भी सर आशुतोष की पत्नी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की श्रद्धेय माताजी योगमाया ने पं. नेहरू को पत्र लिखकर कहा कि इतनी बड़ी ऐतिहासिक त्रासदी हो गई और आपने जांच के आदेश तक जारी नहीं किया।

अपनी सभी संतानों में सर आशुतोष को अपनी बड़ी बेटी कमला ही सबसे प्रिए थी। 9 वर्ष की आयु में कमला का विवाह राष्ट्रगीत वंदे मातरम के रचियता बंकिम चंद्र के नाती शुभेंदु बनर्जी से हुआ लेकिन माह बाद ही टाइफाइड बुखार के चलते उनका देहांत हो गया। पं ईश्वरचंद्र विद्यासागर की कोशिशों के चलते तब तक विधवा-विवाह कानूनी रूप से मान्य हो चुका था लेकिन सामाजिक रूप से अभी भी इसका बहुत विरोध था लेकिन अपनी 9 साल की बेटी को विधवा के तौर पर सारे जीवन देखने के लिए सर आशुतोष तैयार नहीं थे।

तो इस तरह जो सर आशुतोष अपनी मां के कहने पर समुद्र यात्रा करने नहीं गए वो अपनी बेटी के लिए रूढ़िवादी हिन्दुओं के सामने खड़े हो गए। उन्होंने अपनी बेटी का पुनर्विवाह हाई कोर्ट के वकील ब्रजेंद्र नाथ कांजीलाल से करा दिया। इस पर शुभेंदु की मां ने अपनी नाबालिग बहू को वापस ले जाने के लिए न सिर्फ उनके घर पर जमकर हंगामा किया बल्कि उन पर केस भी कर दिया। उनके पैतृक गांव जिराट में भी लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया लेकिन सर आशुतोष टम से मस नहीं हुए।

सोचिए, 20वीं शताब्दी की शुरुआत में रूढ़िवादी माने जाने वाले और कथित मनुस्मृति का राज लाने की इच्छा रखने वाले भारतीय दक्षिणपंथ के सबसे बड़े नेता जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पिता समाज के विरोध के बावजूद अपनी बेटी का पुनर्विवाह करा रहे थे और 2019 में जब देश की संसद में तीन तलाक के खिलाफ कानून लाया गया तो देश की प्रगतिशील समाज के सबसे बड़ी झंडाबरदार कांग्रेस और महिला अधिकारों की सबसे बड़ी हितैषी लेफ्ट असदुद्दीन ओवैसी की रूढ़िवादी मुस्लिम पार्टी एआईएमआईएम और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन में तीन तलाक खत्म करने के कानून के खिलाफ संसद में मतदान कर रही थी।

हिन्दुत्व की विचारधारा के एक और बड़े नाम विनायक दामोदर सावरकर ने जिस 7 बंदियों को खत्म करने की बात कही उनमें अंतरजातीय विवाह का विरोध करती बेटीबंदी भी एक है और साथ ही बाल विधवा की सामाजिक स्थिति पर उनकी एक बेहद मार्मिक कविता भी है।
महिला अधिकारों को लेकर जिस बदलाव की बात सावरकर 100 साल पहले कर रहे थे या जिस बदलाव को सर आशुतोष 100 साल पहले स्वीकार कर रहे थे भारत की सेक्युलर वर्ग 2019 में भी उसे स्वीकार नहीं कर पाया।

ये अंतर है जो हिन्दुत्व को किसी भी दूसरे रूढ़ीवादी विचारधारा से अलग करता है। जिनके समर्थन में वोट बैंक के लिए कांग्रेस और लेफ्ट पूरी मजबूती से खड़ा है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

जवाब जरूरी था…

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

जवाब जरूरी था…

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

सीजफायर का पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ा, समझौते का कर रहा घोर उल्लंघन

‘अच्छा इसलिए झुका पाकिस्तान’… : जानिए India Pakistan Ceasefire के पीछे की कहानी

पाकिस्तानी गोलाबारी में JCO बलिदान, 6 की मौत और 20 से अधिक घायल

मऊ में ट्रिपल तलाक का सनसनीखेज मामला : रिजवाना को छोड़कर अशरफ ने रचाया दूसरा निकाह, पीड़िता ने SP से लगाई गुहार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies