राज्यसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील से भारत-चीन चरणबद्ध तरीके से सेना को हटाएंगे। हमने एक इंच भी जमीन नहीं गंवाई है
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र में विस्थापन के लिए हम चीनी पक्ष के साथ जो समझौता करने में सक्षम हुए हैं, वह इस बात का परिचायक है कि दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से अग्रिम मोर्चों से अपनी सेनाओं को हटाएंगे।
उन्होंने सदन को बताया कि हमारे सशस्त्र बलों ने एकतरफा चीनी कार्रवाई द्वारा चुनौतियों का जवाब दिया और पैंगोंग त्सो के दक्षिण और उत्तर दोनों तटों पर वीरता और साहस दिखाया। कई रणनीतिक बिंदुओं की पहचान की गई और हमारे सैनिकों ने हमारे दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर मोर्चा संभाला। रक्षामंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे के साथ संचार संबंध बनाए रखा। हमारा उद्देश्य एलएसी पर शांति बहाल करना है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत-चीन की सेना आमने-सामने थीं। चीनी सैनिकों के दुस्साहस पर भारतीय जवानों के मुंहतोड़ जवाब के बाद एलएसी पर माहौल काफी गर्म था। भारतीय सेना हर स्थिति से निपटने तैयार थीं। इस बात को कई बार सेना प्रमुख से लेकर देश के रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया था।
अब नौ महीने के तनाव के बाद भारत -चीन की सेनाओं के सीमा से पीछे हटने की पुख्ता खबरें आ रही हैं। बहरहाल, रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन की किसी भी बात पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता। उसकी प्रत्येक चाल पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। हालांकि सेना और सरकार चीन की हरेक चाल को समझने और उसका प्रतिकार करने में सक्षम है।
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