श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि अर्पित करते राम भक्त
इसे भगवान श्रीराम के प्रति आस्था कहें या फिर समर्पण भाव, समाज का वंचित व अभावग्रस्त वर्ग श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर स्वयं आगे आकर निधि समर्पण कर रहा है। राजस्थान में हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर मंदिर निर्माण में सहयोग दे रहे हैं। कई स्थानों पर किन्नर समाज ने भी स्वयं आगे आकर निधि समर्पित की। बाड़मेर के गूंगा गांव के कालबेलिया समाज के दो भाइयों जोशीनाथ व भंवरनाथ कालबेलिया ने परिवार सहित मंदिर निर्माण हेतु 51-51 सौ रुपए की निधि समर्पित की। इस दौरान उनका कहना था कि हम बहुत छोटा योगदान कर पा रहे हैं, लेकिन हमें गर्व है कि श्रीरामजी के काज में हमारा भी कुछ हिस्सा रहेगा। इससे हमारा जीवन सफल हो गया। इससे पता चलता है कि जनजाति समाज के लोग भगवान श्रीराम के प्रति कितनी श्रद्धा और जुड़ाव रखते हैं। इसी तरह राजसमंद जिले के चारभुजा में किन्नर सुशीला बुआ की उत्तराधिकारी ममता बुआ की ओर से भी एक लाख 51 हजार रुपए का समर्पण करते हुए क्षेत्रवासियों को मंदिर निर्माण के लिए अधिक से अधिक निधि समर्पण करने की अपील की। इसी प्रकार भरतपुर स्थित कुम्हेर के किन्नर समाज द्वारा श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान समिति को एक लाख एक हजार की निधि समर्पित की गई। वहीं कई स्थानों पर समर्पण की पराकाष्ठा भी देखने को मिली। एक बुजुर्ग महिला को 2400 रुपए पेंशन मिलती थी , लेकिन उन्होंने आग्रहपूर्वक 51 हजार रु. समर्पित किए। निधि समर्पण में दिव्यांगजन भी पीछे नहीं हैं। राजसमन्द जिले के देवगढ़ के दिव्यांग दंपति जयप्रकाश पानेरी ने मंदिर निर्माण के लिए 10 लाख एक सौ ग्यारह रुपए समर्पण करने का संकल्प लेकर समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया। राघवेंद्र सिंह
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