योगी सरकार, केंद्र की तरह प्रदेश का बजट भी पेपरलेस करने की तैयारी में है. उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की बैठक से लेकर विधानमंडल की कार्यवाही तक सब कुछ पेपरलेस होने जा रहा है. मंत्री हों या विधायक किसी के हाथ में पत्रावली नहीं होगी. विधानसभा और विधानपरिषद में प्रश्नकाल की कार्यवाही हो या फिर कैबिनेट बैठकों की सूचना हो, सब कुछ टैबलेट पर होगा. इसकी शुरुआत आगामी कैबिनेट बैठक से होने जा रही है. प्रदेश में अब केवल ई-कैबिनेट बैठकें ही होंगी.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक बैठक में मंत्रियों को बताया गया कि, किस प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होगी, उसकी सूचना पोर्टल पर कैसे प्राप्त होगी, फिर गोपन विभाग के माध्यम से कैसे मंत्रिपरिषद के लिए टिप्पणियों को यहां एक्सेस किया जा सकेगा. यही नहीं, मीटिंग एजेंडा, पिछली बैठकों के एजेंडे और निर्णयोपरांत हुई कार्यवाही की जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी.
उल्लेखनीय है कि एक क्लिक पर डीबीटी के माध्यम से सहयोग राशि सीधे लाभार्थी को मिल रही है.इससे पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है. अब तक 217 से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन कर दिया गया है. अब इसे आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट की बैठकों को पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा. प्रदेश मंत्रिपरिषद की अगली बैठक ई-कैबिनेट के रूप में होगी. इस संबंध में मंत्रियों का व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है. यह कार्य अगले 2 से 3 दिन में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद, मंत्रियों के निजी स्टाफ की भी प्रशिक्षित किया जाएगा. यह प्रशिक्षण कार्यशाला मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मंत्रियों के प्रशिक्षण के बाद, अगले चरण में, संसदीय कार्य मंत्री द्वारा विधानमंडल के दोनों सदनों से समन्वय स्थापित कर सभी विधायकों को प्रशिक्षित कराया जाएगा.
ई-कैबिनेट के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय, गोपन विभाग और एनआईसी के परस्पर समन्वय से एक विशेष ‘कैबिनेट पोर्टल’ तैयार किया गया है. इस पोर्टल को एक्सेस करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों को आईडी-पासवर्ड दिए जाएंगे. पोर्टल पर ही मंत्रियों को कैबिनेट बैठक की सूचना प्राप्त होगी. वहीं, कैबिनेट नोट और संबंधित विवरण भी उपलब्ध होंगे.
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