प्रदेश के बीमार,असहाय, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए राशन वितरण की विशेष योजना भी शुरू की गई है. बीमार,बुजुर्गों और दिव्यांगों के घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है. सरकारी दुकानों के संचालक निशक्त कार्डधारकों के घर जा कर उनका राशन पहुंचा रहे हैं खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी इस योजना की निगरानी कर रहे हैं. खाद्यान्न लेने में अक्षम कार्डधारकों को चिन्हित कर 8,577 लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया गया है. इसके साथ ही प्रदेश भर में ऐसे लोगों को चिन्हित कर योजना से जोड़ने का अभियान चल रहा है.
उत्तर प्रदेश की जनता को राशन मिल सके. इसके लिए सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए यूपी में कड़े कदम उठाये गए हैं. राशन वितरण प्रणाली की पूरी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण करने के साथ सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन पर निगरानी बढ़ा दी है. पूरे प्रदेश में आन लाइन राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर सभी अंत्योदय और पात्र गृहस्थी लाभार्थियों के राशन कार्ड का पूरा डाटा डिजिटल कर दिया गया है. अंत्योदय योजना के कुल 40,76,302 और चयनित पात्र गृहस्थी के 3,17,57,376 कार्डधारकों का डाटा डिजिटल कर दिया गया है. राज्य की सभी उचित दर की राशन दुकानों का डाटा भी डिजिटल कर दिया है.
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 11 हज़ार और ग्रामीण क्षेत्र की 68,850 दुकानों को डिजिटल प्रक्रिया में लाया गया है. शहर से लेकर गांव तक राशन वितरण की प्रक्रिया को ई पास मशीन से जोड़ दिया गया है. आधार कार्ड और ओटीपी प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन वितरण व्यवस्था को पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त किया गया. कंप्यूटरीकृत सप्लाई चेन मैनेजमेंट प्रणाली लागू कर गोदामों से खाद्यान्न उठान एवं आवंटन को प्रदेश भर में लागू किया गया. खाद्य तथा रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2020 में ई पास के जरिये कुल 3,33,87,865 ट्रांजेक्शन किए गए. आधार प्रमाणीकरण माध्यम से कुल 3,28,43,503 ट्रांजेक्शन किए गए हैं.
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