काफी है क्या माफी!
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

काफी है क्या माफी!

by WEB DESK
Jan 29, 2021, 10:08 am IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

काफी है क्या माफी!
दिनांक 29-जनवरी-2021
WhatsApp

विशाल ठाकुर

फिल्मों और वेब धारावाहिकों में हिन्दुओं की भावनाओं पर कुठाराघात जारी है। ताजा मामला ‘तांडव’ का है। इस पर सोशल मीडिया मंचों पर लोगों ने जमकर गुस्सा जाहिर किया है। लोग ‘तांडव’ पर रोक की मांग करने लगे हैं। सरकार के स्पष्टीकरण मांगने पर इसके निर्माता ने किया ‘माफीनामे’ का दिखावा
Tandav_1 H x W
‘काल्पनिक’ कथा पर आधारित तांडव वेब धारावाहिक में शिव की भूमिका में कलाकार मोहम्मद जीशान अयूब

दृश्य 1
‘‘नारायण़…नारायण…हे प्रभु, हे ईश्वऱ.़ ये राम जी के फॉलोअर्स लगातार सोशल मीडिया पर बढ़ते ही जा रहे हैं़.़ .(पार्श्व में ठहाके गूंज रहे हैं) हमें लगता है कि हमें भी कोई नई सोशल मीडिया स्ट्रेटजी बना ही लेनी चाहिए। क्या करूं? नयी फोटो लगाऊं? भोलेनाथ, आप बहुत ही भोले हैं, कुछ नया कीजिए़, कुछ नया ट्वीट कीजिए, कुछ भड़कता हुआ शोला’’। (पार्श्व में ठहाके जारी हैं, साथ में तालियां भी बज रही हैं)

दृश्य 2
कुछ दिन बाद एक बयाऩ.़ .‘‘मेरा इरादा किसी को भी अपमानित करने या किसी भी धर्म और राजनीतिक पार्टी का अपमान करने का नहीं है। किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना हमारा उद्देश्य नहीं था, लेकिन अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हैं तो इसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।’’

जरा सोचिये कि कितना आसान रहा होगा न यह सब करना? पहले आस्था के साथ खिलवाड़ करो और बाद में विवाद बढ़ जाने पर माफी मांग लो। फिल्मों और वेबसीरीज में आये दिन हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। ताजा उदाहरण अमेजन प्राइम वीडियो पर प्रसारित की गई वेबसीरीज ‘तांडव’ का है। उपरोक्त दृश्य1 इसी वेबसीरीज की पहली कड़ी का है, जिसमें अभिनेता मो. जीशान अयूब हाथों में त्रिशूल और डमरू थामे दिखता है। दृश्य 2 इस सीरीज के निर्देशक अली अब्बास जफर का माफीनामा है, जो उन्होंने इसमें दिखाई गई हिन्दू विरोधी चीजों से उपजे विवाद के बाद दिया है। अभिव्यक्ति की आजादी, सिनेमाई एवं रचनात्मक स्वतंत्रता की ओट में जिसका जो दिल चाह रहा है, वह परोस रहा है। लेकिन सिर्फ एक धर्म विशेष को लेकर ही। क्यों? बाकी मत-पंथों पर भी जरा ऐसे स्वतंत्र विचार रख कर देखिये?

‘तांडव’ पर विवाद बढ़ने के बाद अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों पर कुछ ऐसे ही सवाल उठने लगे। देखते-देखते जनता का रोष बढ़ने लगा। लोग ‘तांडव’ सीरीज पर रोक लगाने की मांग करने लगे। सरकार ने अमेजन प्राइम वीडियो से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा, जिसके बाद अली अब्बास जफर ने एक ट्वीट के जरिये मांफी मांग ली। हालांकि ‘तांडव’ सीरीज का प्रसारण अब भी जारी है।

नहीं थम रहा सिलसिला
किसी फिल्म या वेबसीरीज में अंतिम बार कब हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई गयी थी? इस पर बहुत ज्यादा सोच-विचार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि ये तो लगातार हो रहा है, बल्कि अब जाकर तो साफ दिखने लगा है कि यह सब जान-बूझकर किसी साजिश के तहत किया जा रहा है। माफी का ऐसा ही स्वर तो पिछले महीने भी सुनाई दिया था। और माफी मांगने वाले भी यही सैफ अली खान थे, जिन्होंने इस वेबसीरीज में एक युवा राजनेता समर प्रताप सिंह की भूमिका निभाई है। दिसंबर, 2020 के पहले सप्ताह में सैफ अली ने एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘वह रावण की भूमिका निभाने को लेकर काफी उत्साहित हैं। और इस फिल्म में रावण के सकारात्मक एवं मानवीय पहलुओं पर रोशनी डाली जाएगी।’ यही नहीं, लंकापति रावण द्वारा मां सीता के अपहरण के अमानवीय कृत्य के संदर्भ में उन्होंने कहा था कि इस फिल्म में उस बात को न्यायसंगत ढंग से दिखाया जाएगा। यह भी कि रावण द्वारा राम के साथ युद्घ करना एक न्यायसंगत कदम था, क्योंकि लक्षमण ने रावण की बहन की नाक काट दी थी। सैफ ये सारी बातें उस फिल्म के बारे में कह रहे थे, जो बननी शुरू भी नहीं हुई थी। ‘आदिपुरुष’ नामक इस फिल्म में सैफ रावण की भूमिका में दिखाई देंगे और इस फिल्म के निर्देशक हैं ओम राउत। वही जिन्होंने अजय देवगन को लेकर फिल्म ‘तानाजी: दि अनसंग वारियर’ फिल्म बनाई थी। बता दें कि इस फिल्म में दक्षिण भारतीय अभिनेता प्रभास राम की भूमिका निभाएंगे, और खबर है कि अभिनेत्री कृति सैनन सीता की भूमिका में दिखेंगी।

सैफ के उक्त बयान की खूब आलोचना हुई। भाजपा नेता राम कदम ने कहा था कि भाजपा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। चारों ओर से खुद को घिरता देख तब सैफ ने अपने बयान पर तुरंत माफी मांग ली थी। लेकिन मात्र एक महीने के भीतर माफीनामे के रूप में एक जैसे दो बयान क्या दर्शाते हैं? क्या यह कोई संयोग है? नहीं, यह कोई संयोग नहीं है। आम जनता की स्मृति से एक घटना ठीक से मिट नहीं पाती कि तुरंत ही दूसरी ऐसी ही कोई घटना घट जाती है। फिर कोई नयी सीरीज या फिल्म आ जाती है, जिसमें हिन्दुओं की आस्थाओं की बलि दी जाती है।

काल्पनिक कहकर किया बचाव
तांडव के निर्देशक अली अब्बास जफर के माफीनामे को जरा ध्यान से पढ़िये। इसके एक हिस्से में वह लिखते हैं कि ‘तांडव’ एक काल्पनिक कहानी पर आधारित है। किसी व्यक्ति, कार्य और घटना से समानता मात्र एक संयोग हो सकती है। दरअसल, अली का यह खेद पत्र उस अस्वीकार्यता की नकल के अलावा कुछ नहीं है, जो अक्सर फिल्मों की शुरुआत में दिया जाता है। ‘तांडव’ की शुरुआत से पहले भी ऐसा ही एक ‘डिस्क्लेमर’ है, जिसमें कहा है कि इस प्रस्तुति का उद्देश्य लोगों को मनोरंजन प्रदान करना है और यह एक काल्पनिक कहानी पर आधारित है।

बहरहाल ऐसे ‘डिस्क्लेमर’ का इस्तेमाल ज्यादातर वे फिल्मकार करते हैं, जिन्हें वास्तविक तथ्यों की आड़ में अपना एजेंडा चलाना होता है। ‘तांडव’ के संदर्भ में देखें तो अली और उनकी टीम ने ना तो कोई माफी मांगी है और ना ही विशेषरूप से हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने हेतु खेद प्रकट किया है बल्कि वे अपने ट्वीट के जरिये ‘डिस्क्लेमर’ चेपकर बेशर्मी से ठेंगा दिखाते हुए कह रहे हैं कि ‘लो पढ़ लो, शायद वेबसीरीज में ठीक से पढ़ा नहीं होगा’।

बता दें कि ‘तांडव’ की कहानी गौरव सोलंकी ने लिखी है। वह कई फिल्मों के गीत या कहानी लिख चुके हैं। ओटीटी मंच पर ‘तांडव’ उनकी पहली प्रस्तुति है। कहानी बेशक सोलंकी ने लिखी है, लेकिन आप पता करेंगे तो पाएंगे कि अली अब्बास जफर न केवल ‘तांडव’ के निर्देशक हैं बल्कि वह इसके रचयिता भी हैं। यानी ‘तांडव’ में एक काल्पनिक कहानी के आधार पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने की चेष्टा के रचयिता वही हैं। पर ऐसी क्या वजह हो सकती है कि ‘एक था टाइगर’, ‘टाइगर जिंदा है’, ‘सुल्तान’ और ‘भारत’ सरीखी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार को अपनी वेबसीरीज में एक छात्र नेता को शिव के रूप में दिखाने पर मजबूर होना पड़ा?

इस सीरीज में मो. जीशान अयूब ने एक छात्र नेता की भूमिका निभाई है। नाम है शिव शेखर और वह बिहार का रहने वाला है। वह विवेकानंद नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है, जिसे वीएनयू पुकारा जाता है। एक दिन एक युवा नेता से मिलने के बाद वह चुनाव लड़ने का फैसला लेता है। एक पात्र को लेकर ये बातें कितनी ‘काल्पनिक’ हो सकती हैं! कोई भी बता सकता है कि जीशान का यह किरदार जेएनयू के टुकडेÞ-टुकड़े गैंग के नेता कन्हैया कुमार से प्रेरित है। सीरीज में एक मां-बेटे की भी भूमिका है जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के चलते कुछ भी कर सकती है। प्रधानमंत्री देवकी नंदन सिंह के रोल में तिग्मांशु धूलिया हैं। इस गरिमामय पद को भी सीरीज में तार-तार किया गया है। प्रधानमंत्री का एक महिला राजनेता अनुराधा किशोर (डिंपल कपाड़िया) से विवाहेतर संबंध है। उसका एक नशेबाज बेटा है, जिसे बस किसी भी कीमत पर रक्षा मंत्री बनना है। सुनील ग्रोवर ने गुरपाल नामक एक ऐसे गुर्गे की भूमिका निभाई है, जो एक समय तक अपने मालिक देवकी नंदन के इशारों पर हर बुरा कार्य करता रहा है और अब उसके बेटे समर प्रताप (सैफ अली खान) के लिए लोगों को मारने से लेकर गैर-कानूनी काम तक संभालता है। समर के अपनी ही पार्टी की एक अन्य युवा नेत्री अदिति मिश्र, जो कि काफी तड़क-भड़क वाली भी है, से अंतरंग संबंध हैं। अली की इस काल्पनिक कहानी में सब काला ही काला है, शायद इसीलिए उन्होंने इसके ‘टाइटल्स’ भी काले रंग में प्रस्तुत किये हैं। यह कहानी इतनी ‘काल्पनिक’ है कि वीनयू से एक छात्र गायब हो जाता है। कहीं ये जेएनयू के लापता छात्र नजीब की बात तो नहीं? शिव शेखर की टीम में एक युवा छात्रा है सना मीर (कृतिका कामरा)] जो कि नाक में लौंग-बाली पहनती है। लेकिन आप ये ना समझें कि यह पात्र जेएनयू की किसी शहला रशीद से प्रेरित है। यह ‘काल्पनिक’ कहानी इतनी काल्पनिक है कि राजनीति और उससे जुड़ी खबरों में जिसकी रत्तीभर भी रुचि न हो, वह भी आसानी से पहचान लेगा कि ‘तांडव’ के ‘कल्पनालोक’ में किसे, किस तरह से निशाना बनाया गया है।

ट्विटर पर दिखा गुस्सा
इस सीरीज के प्रति लोगों का गुस्सा सहज समझ आता है। बीते साल नवंबर माह में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक ‘नोटिफिकेशन’ तक जारी किया जा चुका है ओटीटी मंचों को नियंत्रित किये जाने को लेकर। लेकिन हिन्दुओं की भावनाओं पर कुठाराघात जारी है। ‘तांडव’ पर विवाद बढ़ने के बाद अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों पर कुछ ऐसे ही सवाल उठने लगे। लोग ‘तांडव’ सीरीज को बंद करने की मांग करने लगे। सरकार ने अमेजन प्राइम वीडियो से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा, जिसके बाद अली अब्बास जफर ने एक ट्वीट के जरिये मांफी मांग ली। लेकिन इसके पहले ट्विटर पर ‘अनइंस्टाल अमेजन’, ‘बैन तांडव’, ‘तांडव को बैन करो’ और ‘सॉरी नहीं गिरफ्तारी’ जैसे हैशटैग खूब चले। पत्रकार सुशांत सिन्हा ने एक सर्वे शुरू किया, जिसमें लोगों से पूछा गया कि ‘क्या माफी मांगना काफी है या उन्हें गिरफ्तार करना चाहिये?’ हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने एक वीडियो जारी कर अपना गुस्सा जताया, सैफ अली को खूब लताड़ लगाई। उन्होंने सैफ को गिरफ्तार करने की मांग की।नि:संदेह सेकुलर फिल्मकारों को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिन्दू धर्म का उपहास उड़ाने की छूट नहीं दी जा सकती।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जल बचाओ अभियान से जुड़े विशेषज्ञ

‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जल बचाओ अभियान से जुड़े विशेषज्ञ

‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies