दिनांक 27-जनवरी-2021
ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों के साथ दिल्ली पुलिस की जिन बिंदुओं और रास्तों को लेकर सहमति बनी थी, किसान नेताओं द्वारा उनका बिल्कुल पालन नहीं किया गया। हिंसा और अराजकता की भेंट चढ़ने के बाद वही किसान नेता उल्टे पुलिस को दोष देते नजर आए। लेकिन निर्लजता की पराकाष्ठा तब हुई जब किसान नेता राकेश टिकैत ने उल्टे पुलिस पर बेवुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने गलत रूट बताया। बेचारे किसानों को रास्ता नहीं पता था, इसीलिए वे भटक गए।
ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस से जिन बिंदुओं और रास्तों को लेकर सहमति बनी थी, किसान नेताओं द्वारा उनका बिल्कुल पालन नहीं किया गया। हिंसा और अराजकता की भेंट चढ़ने के बाद वही किसान नेता उल्टे पुलिस को दोष देते नजर आए। लेकिन निर्लजता की पराकाष्ठा तब हुई जब किसान नेता राकेश टिकैत ने उल्टे पुलिस पर बेवुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने गलत रूट बताया। बेचारे किसानों को रास्ता नहीं पता था, इसीलिए वे भटक गए।
यही वही राकेश टिकैत हैं, जो कथित किसान आंदोलन में समय-समय पर मीडिया के सामने भड़काऊ बयान देते नजर आए हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे उनके एक वीडियो से समझा जा सकता है कि कैसे लोगों को भड़काकर हिंसा कराई गई। वे एक वीडियो में साफ कहते नजर आ रहे हैं,‘‘दिल्ली खबरदार जो ट्रैक्टर को रोका, उसका इलाज भर देंगे जो ट्रैक्टर को रोकेगा। उसके बक्कल उतार दिए जाएंगे जिसने ट्रैक्टर को रोका। कौन रोकेगा ट्रैक्टर को ? कोई नहीं रोकेगा ट्रैक्टर को…’’
दर्ज की गई 22 रिपोर्ट
कथित किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुए उपद्रव पर दिल्ली पुलिस ने सख्ती दिखाई है। पुलिस ने इन मामलों को लेकर कुल 22 रिपोर्ट दर्ज की हंै। खबरों की मानें तो दिल्ली के पूर्वी जिले में इस संबंध में 3 रिपोर्ट दर्ज की गर्इं तो वहीं द्वारका और शाहदरा जिले में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। बाकी की रिपोर्ट पुलिसकर्मियों से मारपीट, लाल किला में अराजकता, सरकारी संपत्ति को नुकसान, वाहनों में तोड़-फोड़ और हिंसा के मामलों में दर्ज होने की बात सामने आ रही है।
अर्धसैनिक बलों की हुई तैनाती
कल की हिंसा के बाद दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। इस दौरान दिल्ली की सीमाओं पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शाम को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह सचिव और आईबी के प्रमुख से मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। आईटीओ, नांगलोई और गाजीपुर में अधिक संख्या में जवानों की तैनाती होगी। 10 सीआरपीएफ कंपनियां और 5 अन्य सशस्त्र बलों की कंपनियां दिल्ली में तैनात की जाएंगी।
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