सुलगते सवाल और ‘सेकुलर’ चुप्पियां
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

सुलगते सवाल और ‘सेकुलर’ चुप्पियां

by WEB DESK
Jan 27, 2021, 07:18 am IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पिछले दिनों हमने दो घटनाक्रम देखे। एक यूरोप में जिहाद, उसके खिलाफ फ्रांस का कड़ा रुख। दूसरा घटनाक्रम, एक पत्रकार के तीखे सवालों से परेशान महाराष्ट्र की सरकार का सरकारी आतंकवाद। दोनों घटनाक्रम आपको अलग-अलग लग सकते हैं, लेकिन दोनों में एक समानता है और यह समानता ऐसी है जिसने दुनिया में कुछ किया हो या न किया हो, हमारे यहां के कथित वौद्धिक उदारवादियों की संकीर्णता को एक बार फिर उघाड़कर रख दिया। जिहाद हो या सेकुलर सरकार का राजनीतिक आतंकवाद, इसके खिलाफ इस देश में लिबरल्स, तथाकथित बुद्धिजीवी, वामपंथी खेमे के पत्रकार या तो चुप्पी साध जाते हैं या फिर ताली बजाते हैं।
जिहाद के खिलाफ फ्रांस के कड़े कदम हों या जनमानस से जुड़े मुद्दों पर अर्णब गोस्वामी के तीखे सवाल, ऐसी बातों पर इनकी जबान को लकवा मार जाता है। फ्रांस में जिहादी जीवन का अधिकार छीन रहे हैं और महाराष्ट्र में सरकार अभिव्यक्ति का अधिकार छीन रही है। ये दोनों ही मानव जीवन से जुड़े मूलभूत अधिकार हैं। इनके हनन की भर्त्सना होनी ही चाहिए। हो भी रही है, लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह होनी चाहिए।
स्वयं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा पैरोकार मानने वाला तबका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता साड़ी के पसंदीदा रंग जैसे चारण प्रश्नों जैसी पत्रकारिता तक ही सीमित मानता है।
मीडिया की मुखरता यदि सत्ता के विरुद्ध जाती तो कांग्रेस रंग में रंगी सत्ता किस हद तक जा सकती है, इसके दो हालिया उदाहरण हैं। पहला फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत के सवाल उठाने पर उनके कार्यालय को नियम-कायदों की आड़ लेकर तोड़ा जाना और दूसरा अर्णब गोस्वामी की आतंकी की तरह गिरफ़्तारी।
अर्णब की गलती क्या थी? अर्णब की गलती बस यही थी कि उन्होंने देश के जनमानस से जुड़े मुद्दे उठाए। सत्ता पक्ष से तीखे सवाल पूछे। अर्णब ने पालघर में साधुओं की बर्बरता से हुई हत्या पर मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए। सुशांत आत्महत्या मामले में तीखे सवाल पूछे। सोनिया गांधी को ‘प्राइम टाइम’ में उनके असली नाम ‘अंतोनियो माइनो’ से पुकारा जिस पर एक तरह से अघोषित पाबंदी है।
अर्णब के मुद्दे उठाने की शैली पर बहस हो सकती है, लेकिन जो मुद्दे उठाए गए उन्हें गलत नहीं कहा जा सकता। देश का तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग, पत्रकारिता का वामपंथी धड़ा जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देकर कभी ‘अवार्ड’ वापसी अभियान चलाता है, कभी धरने प्रदर्शनों के बहाने तलाशता है। सोशल मीडिया समेत तमाम तरीकों से एक ‘सलेक्टिव नेरेटिव’ बनाने के लिए जी जान झोंक देता है। वह यहां चुप है। अर्णब की गिरफ्तारी पर मीडिया एकजुट हुआ, एडिटर्स गिल्ड ने भी नपे-तुले शब्दों में मामले की निंदा की लेकिन वह धड़ा, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बिगुल बजाए फिरता है, विशेषकर अपने चुने उन मुद्दों को जो उसे भाते हैं, वह इस पर शांत है, बिल्कुल शांत है, क्योंकि अर्णब की गिरफ्तारी उनके लिए लोकतंत्र पर हमला नहीं है। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। मोमबत्ती बिग्रेड शांत है, टुकड़े-टुकड़े गैंग भी चुप्पी साधे हुए है, क्योंकि उन्हें अर्णब के तीखे सवालों से परहेज है। एक मामला जो बंद हो चुका था, उसकी आड़ लेकर अर्णब की गिरफ्तारी की गई। असल बात यह है कि लोकतंत्र के चार अलग-अलग स्तंभों में से पत्रकारिता एक स्तंभ है। यह सरकार को निरंकुश होने से रोकता है, उसकी खामियां बताता है, लोगों की आवाज उठाता है। मगर कांग्रेसी रंग में रंगी सरकारों को कुछ ऐसा अहंकार है कि पत्रकारिता में भी अपनी प्रतिबद्धता यानी ‘कमिटमेंट’ चाहिए होता है। इस बीमारी की शुरुआत इंदिरा गांधी के शासन के दौरान शुरू हुई। उन्हें अपने लिए प्रतिबद्ध न्यायपालिका चाहिए थी, प्रतिबद्ध पत्रकार और पत्रकारिता चाहिए थी। कार्यपालिका और विधायिका तो उनके हाथ में थी ही। न्यायपालिका में अपनी पसंद के न्यायाधीशों की नियुक्ति, अपनी पसंद के पत्रकारों को पुरस्कार देकर आगे बढ़ाना, यह तभी से चलता आया है। महाराष्ट्र में ऐसा ही हो रहा है। यहां गठबंधन की महाअघाड़ी सरकार है। कांग्रेस का मीडिया को साधने का यह अपना तरीका है कि मीडिया उसका कृपापात्र बनकर रहे। आपातकाल के दौरान कांग्रेस मीडिया के साथ ऐसा कर चुकी है। जो झुक गए वे ठीक, नहीं तो तमाम वे हथकंडे अपनाए गए जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटा जा सके।
मीडिया में राष्ट्रीय विचारों का आग्रह करते स्वर, उनसे जुड़ते पाठक-दर्शक, लीक तोड़ती अपनी अलग तरह की शैली की पत्रकारिता का निकलता कद, उसके चैनल की बढ़ती दर्शक संख्या यानी ‘व्यूअरशिप डेटा’, तीखे सवाल महाराष्ट्र में सत्ता और पूरे देश में वामपंथी धड़े को असहज करते हैं। सत्ता पक्ष को निरंकुश होने से बचाने के लिए मीडिया की जो साख है महाराष्ट्र की ताजा घटना से उसमें अब सुराख हो चुका है। लेकिन यह न भूलें कि जिन-जिन सवालों से आपका दिमाग भट्ठियों की तरह जलने लगता है, वे सवाल तो उठेंगे। आप जवाब दें या न दें, लोगों को अंदाजा है कि क्या कहां से और क्यों हो रहा है। @hiteshshankar

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies