विश्व हिंदू परिषद् के अनुसार मेवात हिंदुओं के लिए ‘कब्रिस्तान’ बनता जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित करने में मेवात उस पाकिस्तान को मात दे रहा है, जिसकी नींव हिंदू नफरत पर पड़ी है।
उपरोक्त घटनाएं पाकिस्तान या बांग्लादेश की नहीं हैं, बल्कि हरियाणा के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र मेवात की हैं। विश्व हिंदू परिषद् के अनुसार मेवात हिंदुओं के लिए ‘कब्रिस्तान’ बनता जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित करने में मेवात उस पाकिस्तान को मात दे रहा है, जिसकी नींव हिंदू नफरत पर पड़ी है। जिहादी तत्वों के आतंक के कारण इस पूरे क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन हो रहा है। हाल की एक रपट के अनुसार 25 वर्ष में 50 से अधिक गांव हिंदू-विहीन हो चुके हैं। हिंदुओं की आबादी मुश्किल से आठ प्रतिशत भी नहीं रह गई है। मेवात के सामाजिक कार्यकर्ता सुन्दरलाल मुनि कहते हैं, ‘‘1950 में मेवात में लगभग 30 प्रतिशत हिंदू होते थे। अब केवल आठ प्रतिशत ही बचे हैं। यदि कट्टरवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो मेवात को कश्मीर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह देश की राजधानी दिल्ली के लिए भी खतरा है, जिसकी मेवात से दूरी करीब 60 किलोमीटर है।’’
पूरे मेवात में अवैध मस्जिद और मदरसे बन रहे हैं। कहा जाता है कि इनमें से ज्यादातर में तब्लीगी जमात और आतंकवादी संगठनों का पैसा लग रहा है। उटावड़ गांव में बन रही मरकजी मस्जिद (काम अभी रुका हुआ है) के बारे में तो जांच एजेंसियों ने कई खुलासे किए हैं। इसमें आतंकवादी हाफिज सईद का पैसा लगा है। पूरे मेवात में जमीन जिहाद भी चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कट्टरवादी तत्व पहले कहीं भी छोटी मजार बनाते हैं और बाद में उसे मस्जिद का रूप दे देते हैं। जिला न्यायालय, नूंह में भी इसी तरह की एक अवैध मस्जिद इन दिनों बन रही है।
मेवात में लव जिहाद भी चरम पर है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 10 वर्ष में करीब 500 हिंदू लड़कियों का जबरन निकाह मुसलमानों के साथ कराया गया है। मेवात में घटने वाली घटनाओं को उजागर करने वाले पत्रकारों के विरुद्ध भी ये कट्टरवादी तत्व फर्जी मुकदमे दायर करवाते हैं।
‘‘1950 में मेवात में लगभग 30 प्रतिशत हिंदू होते थे। अब केवल आठ प्रतिशत ही बचे हैं। यदि कट्टरवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो मेवात को कश्मीर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह देश की राजधानी दिल्ली के लिए भी खतरा है, जिसकी मेवात से दूरी करीब 60 किलोमीटर है।’’
मेवात के लोगों ने ही बताया कि कट्टरवादी तत्वों की हरकतें योजनाबद्ध और चरणबद्ध होती हैं। पहले किसी न किसी बहाने किसी हिंदू से जबर्दस्ती झगड़ा किया जाता है और बाद में उसी आधार पर अन्य हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है। इसके बाद जब मुकदमा होता है, तो मुस्लिम समाज के कुछ लोग गंगा-यमुनी तहजीब की ‘ताबीज’ लेकर समझौता कराने के लिए कूद पड़ते हैं। जब समझौते से कोई हिंदू आनाकानी करता है, तो कल,बल और छल का सहारा लिया जाता है। आखिर में वह पीड़ित हिंदू समझौते के लिए तैयार हो जाता है और सभी आरोपी ‘आजाद’ हो जाते हैं। इसके बाद फिर कहीं किसी हिंदू को पीटा जाता है, और फिर समझौते के लिए दबाव डाला जाता है। मेवात में यह षड्यंत्रकारी ‘खेल’ बरसों से चल रहा है। इसके पीछे एक ही मकसद है पूरे मेवात से हिंदुओं को कश्मीर की तरह पलायन करने के लिए मजबूर करना।
अब 12 मई को पुन्हाना में घटी उस घटना की बात, जिसके कारण एक बार फिर से मेवात के हिंदुओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। लोगों ने बताया कि 4 मई को पुनीत नामक एक युवा कहीं जा रहा था। तभी कुछ मुसलमान युवकों ने उसकी चोटी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘तुम्हारी चोटी ठीक नहीं लग रही है, इसलिए हम लोग इसे काटेंगे।’’ पुनीत ने इसका विरोध किया तो उसके साथ उन लोगों ने मारपीट की। उस दिन तो कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया। लेकिन 12 मई को कुछ लोगों ने पुनीत को फिर से बुरी तरह पीट दिया। इस पर उसके घर वाले आरोपितों के घर गए और उनकी शिकायत की। इसके बाद तो लगभग 500 मुसलमानों की भीड़ जमा हो गई और उन लोगों ने करीब दो घंटे तक पुनीत के घर पत्थरबाजी की। उल्लेखनीय है कि पुनीत का घर मुसलमानों के बीच है। उसके आसपास और कोई हिंदू घर नहीं है। आधे घंटे बाद पुलिस आई तो भीड़ ने उन्हें भगा दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आए तब कहीं जाकर पुनीत और उनके परिवार के लोगों की जान बची। फिर 13 मई को भी तीन हिंदुओं को पीटा गया।
इन घटनाओं की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इनकी निंदा करते हुए मांग की कि जो भी तत्व मेवात में हिंदुओं के साथ अत्याचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही विहिप ने मेवात की अन्य घटनाओं की विस्तृत जानकारी लेने के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया। इसमें मेजर जनरल (सेनि.) जी. डी. बख्शी, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव और प्रसिद्ध अधिवक्ता चन्दकान्त शर्मा शामिल थे। जांच दल ने मेवात के दर्जनों हिंदुओं से बात करके एक रपट तैयार की है। यह रपट हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को भेजी गई है। इस रपट पर प्रतिक्रिया देते हुए विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘‘रपट में वर्णित घटनाओं को पढ़कर ह्दय द्रवित हो जाता है। हरियाणा सरकार से निवेदन है कि जांच दल ने जो भी अनुशंसाएं की हैं, उन्हें सरकार स्वीकार करे।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेवात में प्रशासन दबाव में रहता है। इसलिए वहां के संपूर्ण प्रशासन और पुलिस तंत्र को हटाकर कर्मठ और कर्तव्य पालन करने वाले तथा बिना दबाव में काम करने वाले अधिकारियों की तैनाती की जाए।’’ डॉ. जैन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि मेवात के संदर्भ में एक ऐसा आयोग बने, जो यह पता करे कि कहां-कहां निजी, सार्वजनिक या धार्मिक संपत्ति पर कब्जा करके मजार या मस्जिदें बनाई जा रही हैं। उनमें जो भी हिंदुओं की संपत्ति है, वह उन्हें तुरंत वापस की जाए।
सच में मेवात में जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए हरियाणा सरकार कोई ठोस कदम उठाए, ताकि मेवात को कश्मीर बनने से रोका जा सके।
(31 मई, 2020 के अंक से )
Leave a Comment