मेवात : अजय को बनाया अजहरुद्दीन
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मेवात : अजय को बनाया अजहरुद्दीन

हरियाणा के मेवात में जमाती तत्वों ने अजय को अजहरुद्दीन बना दिया, लेकिन यह खबर देश के बड़े मीडिया संस्थानों तक नहीं पहुंची। हां, यदि कोई अजहरुद्दीन अजय बन गया होता, तो ‘इस्लाम खतरे में’ की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती और सेकुलर मीडिया भी इसे मुद्दा बनाता। यह जिहाद का ही एक रूप है और मेवात इसकी ‘प्रयोगशाला’ बन चुका है

by अरुण कुमार सिंह
May 31, 2020, 02:02 pm IST
in विश्लेषण, हरियाणा
तब्लीगी जमात ने कथित तौर पर इस 20 वर्षीय अजय को अजहरुद्दीन बनाया

तब्लीगी जमात ने कथित तौर पर इस 20 वर्षीय अजय को अजहरुद्दीन बनाया

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 विश्व हिंदू परिषद् के अनुसार मेवात हिंदुओं के लिए ‘कब्रिस्तान’ बनता जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित करने में मेवात उस पाकिस्तान को मात दे रहा है, जिसकी नींव हिंदू नफरत पर पड़ी है।

  •  मेवात के पुन्हाना प्रखंड के नई गांव का 20 वर्षीय अजय प्रजापत करीब छह महीने पहले अपने एक मुसलमान पड़ोसी के साथ बेंगलूरु काम की तलाश में गया। उसके साथी ने उसे इस्लाम की पट्टी इस तरह पढ़ाई कि वह मुसलमानी वेशभूषा धारण कर नमाज अता करने लगा। दो महीने पहले वह घर आया। एक दिन घर वालों ने उसे नमाज पढ़ते हुए देखा तो उससे पूछताछ की। इतनी-सी बात पर वह घर छोड़कर चला गया और एक मस्जिद में रहने लगा। उसकी मां वहां पहुंची तो उसके साथ मुसलमानों ने मारपीट की। उसे भी मुसलमान बनने के लिए कहा गया। इसके बाद अजय के घर वालों ने पुलिस से शिकायत की। 14 मई, 2020 को पुन्हाना पुलिस ने अजय के माता-पिता और उसे मुसलमान बनाने वाले मौलानाओं को थाने में बुलाया। पुलिस के सामने अजय ने कहा कि वह अपनी मर्जी से मुसलमान बना है। मेवात के अनेक लोगों ने बताया कि अजय को मुसलमान बनाने में उसी तब्लीगी जमात का हाथ है, जिसने चायनीज वायरस को पूरे भारत में फैलाने में अहम भूमिका निभाई है। लोगों ने यह भी बताया कि हिंदू युवाओं को मुसलमान बनने के लिए अनेक तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं और बाद में उसे मंझधार में छोड़ दिया जाता है। इसके बाद तो वह चाहकर भी फिर से हिंदू नहीं बन पाता है। लोग कह रहे हैं कि अजय को भी लालच देकर ही मुसलमान बनाया गया।
  •  लगभग एक साल पहले नगीना प्रखंड के नांगल गांव के प्रवीण को भी तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने मुसलमान बनाया था।
  •  कुलैटा गांव (नगीना) में हिंदुओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं। इस गांव में कुल 500 घर हैं। इनमें केवल 10 घर हिंदुओं के हैं, बाकी मुसलमानों के।
  •  जिन सरकारी विद्यालयों में सारे शिक्षक मुस्लिम हैं, उनमें हिंदू बच्चों को नमाज पढ़ने के लिए बाध्य किया जाता है।
    ल्ल बिछोर थाने के गांव सिंगार में बहुत पुराने श्री राधाकृष्ण मंदिर के रास्ते के एक बड़े हिस्से पर उमरदीन नामक एक व्यक्ति ने घर बना लिया है। मंदिर का रास्ता खुलवाने के लिए हिंदुओं को अदालत की शरण लेनी पड़ी। कुछ दिन पहले यह समझौता हुआ है कि रास्ते से घर तो नहीं हटेगा, पर कुछ पैसा दिया जाएगा।
  •  सिंगार गांव की श्मशान भूमि पर कब्जा करके नालियां बना ली गई हैं और अनेक लोगों ने अपने घर की देहरी बढ़ा ली है।
  •  दुडोली गांव (थाना बिछोर) की 70 एकड़ गोचर भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।
    ल्ल बिसरू गांव (थाना बिछोर) के होलिका दहन स्थल पर मुसलमानों ने कब्जा कर रखा है।

पिछले एक महीने की प्रमुख घटनाएं

  •  16 अप्रैल को पुन्हाना प्रखंड के बिछोर गांव में अंकित गौतम के परिवार पर सैकड़ों हथियारबंद मुसलमानों ने हमला किया। बिछोर थाने की पुलिस ने मामला दर्ज किया, जिसकी एफआईआर सं. है-0069,18/4/2020। बाद में प्रशासन और कुछ प्रमुख मुसलमानों ने कुछ हिंदुओं को जबर्दस्ती बुलाकर समझौता करा दिया।
  •  18 अप्रैल, 2020 को नूंह खंड के चंदैनी गांव में एक हिंदू चौकीदार के घर के बाहर सैकड़ों मुसलमान इकट्ठा हो गए और उन्हें मारने की धमकी देने लगे। पुलिस के आने पर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। मामला दर्ज नहीं करने का दबाव बनाया और बाद में समझौता हो गया।
  •  21 अप्रैल, 2020 को उलेटा गांव (नगीना खंड) में एक हिंदू युवक, जो दलित है, अपने मोबाइल के पैसे मांगने एक मुस्लिम के पास गया। उसने पैसा तो दिया नहीं, उल्टे उसकी पिटाई कर दी। यही नहीं, लगभग 50-60 लोगों को लेकर उसके घर पर भी हमला किया। यह मामला (एफआईआर 88,23/4/2020) नगीना थाने में दर्ज तो हुआ, पर बाद में समझौते का दबाव डाला गया। सूत्रों ने बताया कि समझौते न करने पर पुलिस ने हरिजन एक्ट हटा दिया और आरोपितों को जमानत
  •  22 अप्रैल, 2020 को पुन्हाना में मोक्षधाम मंदिर के महंत श्री रामदास जी महाराज पर कुछ कट्टरवादी तत्वों ने अभद्र टिप्पणी की। बहस होने पर उनके कपड़े फाड़ दिए। पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने हिंदुओं के विरुद्ध ही मामला दर्ज किया है, जिसकी संख्या है- 129/2020,131/ 2020, पुन्हाना थाना।
  •  28 अप्रैल, 2020 को गोतस्करों ने रघुवीर नामक एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी।
  •  29 अप्रैल, 2020 को नगीना खंड के घाघस गांव में लालाराम के घर पर मुस्लिमों द्वारा पथराव किया गया। बाद में दबाव बनाकर समझौता करा दिया गया।
  •  भादस गांव (नगीना खंड) में जैन मेडिकल स्टोर को लूटा गया और बंद करने की धमकी दी गई। पुलिस ने 15 दिन बाद बड़ी मुश्किल से मामला दर्ज (99/2020 नगीना थाना) किया, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

उपरोक्त घटनाएं पाकिस्तान या बांग्लादेश की नहीं हैं, बल्कि हरियाणा के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र मेवात की हैं। विश्व हिंदू परिषद् के अनुसार मेवात हिंदुओं के लिए ‘कब्रिस्तान’ बनता जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित करने में मेवात उस पाकिस्तान को मात दे रहा है, जिसकी नींव हिंदू नफरत पर पड़ी है। जिहादी तत्वों के आतंक के कारण इस पूरे क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन हो रहा है। हाल की एक रपट के अनुसार 25 वर्ष में 50 से अधिक गांव हिंदू-विहीन हो चुके हैं। हिंदुओं की आबादी मुश्किल से आठ प्रतिशत भी नहीं रह गई है। मेवात के सामाजिक कार्यकर्ता सुन्दरलाल मुनि कहते हैं, ‘‘1950 में मेवात में लगभग 30 प्रतिशत हिंदू होते थे। अब केवल आठ प्रतिशत ही बचे हैं। यदि कट्टरवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो मेवात को कश्मीर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह देश की राजधानी दिल्ली के लिए भी खतरा है, जिसकी मेवात से दूरी करीब 60 किलोमीटर है।’’

पूरे मेवात में अवैध मस्जिद और मदरसे बन रहे हैं। कहा जाता है कि इनमें से ज्यादातर में तब्लीगी जमात और आतंकवादी संगठनों का पैसा लग रहा है। उटावड़ गांव में बन रही मरकजी मस्जिद (काम अभी रुका हुआ है) के बारे में तो जांच एजेंसियों ने कई खुलासे किए हैं। इसमें आतंकवादी हाफिज सईद का पैसा लगा है। पूरे मेवात में जमीन जिहाद भी चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कट्टरवादी तत्व पहले कहीं भी छोटी मजार बनाते हैं और बाद में उसे मस्जिद का रूप दे देते हैं। जिला न्यायालय, नूंह में भी इसी तरह की एक अवैध मस्जिद इन दिनों बन रही है।

मेवात में लव जिहाद भी चरम पर है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 10 वर्ष में करीब 500 हिंदू लड़कियों का जबरन निकाह मुसलमानों के साथ कराया गया है। मेवात में घटने वाली घटनाओं को उजागर करने वाले पत्रकारों के विरुद्ध भी ये कट्टरवादी तत्व फर्जी मुकदमे दायर करवाते हैं।

‘‘1950 में मेवात में लगभग 30 प्रतिशत हिंदू होते थे। अब केवल आठ प्रतिशत ही बचे हैं। यदि कट्टरवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो मेवात को कश्मीर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह देश की राजधानी दिल्ली के लिए भी खतरा है, जिसकी मेवात से दूरी करीब 60 किलोमीटर है।’’

मेवात के लोगों ने ही बताया कि कट्टरवादी तत्वों की हरकतें योजनाबद्ध और चरणबद्ध होती हैं। पहले किसी न किसी बहाने किसी हिंदू से जबर्दस्ती झगड़ा किया जाता है और बाद में उसी आधार पर अन्य हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है। इसके बाद जब मुकदमा होता है, तो मुस्लिम समाज के कुछ लोग गंगा-यमुनी तहजीब की ‘ताबीज’ लेकर समझौता कराने के लिए कूद पड़ते हैं। जब समझौते से कोई हिंदू आनाकानी करता है, तो कल,बल और छल का सहारा लिया जाता है। आखिर में वह पीड़ित हिंदू समझौते के लिए तैयार हो जाता है और सभी आरोपी ‘आजाद’ हो जाते हैं। इसके बाद फिर कहीं किसी हिंदू को पीटा जाता है, और फिर समझौते के लिए दबाव डाला जाता है। मेवात में यह षड्यंत्रकारी ‘खेल’ बरसों से चल रहा है। इसके पीछे एक ही मकसद है पूरे मेवात से हिंदुओं को कश्मीर की तरह पलायन करने के लिए मजबूर करना।

मेवात की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन करते हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता।

अब 12 मई को पुन्हाना में घटी उस घटना की बात, जिसके कारण एक बार फिर से मेवात के हिंदुओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। लोगों ने बताया कि 4 मई को पुनीत नामक एक युवा कहीं जा रहा था। तभी कुछ मुसलमान युवकों ने उसकी चोटी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘तुम्हारी चोटी ठीक नहीं लग रही है, इसलिए हम लोग इसे काटेंगे।’’ पुनीत ने इसका विरोध किया तो उसके साथ उन लोगों ने मारपीट की। उस दिन तो कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया। लेकिन 12 मई को कुछ लोगों ने पुनीत को फिर से बुरी तरह पीट दिया। इस पर उसके घर वाले आरोपितों के घर गए और उनकी शिकायत की। इसके बाद तो लगभग 500 मुसलमानों की भीड़ जमा हो गई और उन लोगों ने करीब दो घंटे तक पुनीत के घर पत्थरबाजी की। उल्लेखनीय है कि पुनीत का घर मुसलमानों के बीच है। उसके आसपास और कोई हिंदू घर नहीं है। आधे घंटे बाद पुलिस आई तो भीड़ ने उन्हें भगा दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आए तब कहीं जाकर पुनीत और उनके परिवार के लोगों की जान बची। फिर 13 मई को भी तीन हिंदुओं को पीटा गया।

इन घटनाओं की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इनकी निंदा करते हुए मांग की कि जो भी तत्व मेवात में हिंदुओं के साथ अत्याचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही विहिप ने मेवात की अन्य घटनाओं की विस्तृत जानकारी लेने के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया। इसमें मेजर जनरल (सेनि.) जी. डी. बख्शी, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव और प्रसिद्ध अधिवक्ता चन्दकान्त शर्मा शामिल थे। जांच दल ने मेवात के दर्जनों हिंदुओं से बात करके एक रपट तैयार की है। यह रपट हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को भेजी गई है। इस रपट पर प्रतिक्रिया देते हुए विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘‘रपट में वर्णित घटनाओं को पढ़कर ह्दय द्रवित हो जाता है। हरियाणा सरकार से निवेदन है कि जांच दल ने जो भी अनुशंसाएं की हैं, उन्हें सरकार स्वीकार करे।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेवात में प्रशासन दबाव में रहता है। इसलिए वहां के संपूर्ण प्रशासन और पुलिस तंत्र को हटाकर कर्मठ और कर्तव्य पालन करने वाले तथा बिना दबाव में काम करने वाले अधिकारियों की तैनाती की जाए।’’ डॉ. जैन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि मेवात के संदर्भ में एक ऐसा आयोग बने, जो यह पता करे कि कहां-कहां निजी, सार्वजनिक या धार्मिक संपत्ति पर कब्जा करके मजार या मस्जिदें बनाई जा रही हैं। उनमें जो भी हिंदुओं की संपत्ति है, वह उन्हें तुरंत वापस की जाए।
सच में मेवात में जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए हरियाणा सरकार कोई ठोस कदम उठाए, ताकि मेवात को कश्मीर बनने से रोका जा सके।

(31 मई, 2020 के अंक से )

Topics: हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनअजय को अजहरुद्दीनमेवात में हिंदुMewat's PunhanaAjay was made AzharuddinVishwa Hindu ParishadHindus in MewatHindu organizationsMewat: Ajay was made Azharuddin.तब्लीगी जमातTablighi Jamaatविश्व हिंदू परिषद्मेवात के पुन्हाना
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