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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी जोशी ने एक वक्तव्य में पिछले दिनों ‘एस़ सी.-एस़ टी़ एट्रोसिटीज एक्ट’ के उपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण ठहराया। उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय की आड़ में जिस प्रकार से संघ के बारे में विषैला दुष्प्रचार करने का प्रयास किया जा रहा है, वह आधारहीन व निंदनीय है। राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ का न्यायालय के इस निर्णय से कोई संबंध नहीं है। दूसरी बात, संघ जाति के आधार पर किसी भी भेदभाव अथवा अत्याचार का सदा से विरोध करता रहा है। इस प्रकार के अत्याचारों को रोकने के लिए बनाये गये कानूनों का कठोरता से परिपालन होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस निर्णय से असहमति प्रकट करते हुए केंद्र सरकार ने जो पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय किया है, वह सर्वथा उचित है। राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ समाज के सभी प्रबुद्ध लोगों से अनुरोध करता है कि वे समाज में परस्पर सौहार्द बनाये रखने में अपना योगदान दें। लोग किसी प्रकार के बहकावे में ना आकर परस्पर प्रेम एवं विश्वास बनाये रखते हुए किसी भी दुष्प्रचार का शिकार ना हों। प्रतिनिधि
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