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‘‘राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति का निर्माण है और साहित्य सृजन किए बिना जिन्होंने पूरा जीवन व्यक्ति निर्माण में बिताया, ऐसे बाबासाहेब चव्हाण हैं।’’ उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने कही। वे पिछले दिनों राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं भारतीय किसान संघ के शहर अध्यक्ष बाबासाहेब चव्हाण के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने श्री चव्हाण को सम्मानपत्र, शॉल एवं एक लाख रुपये नगद पुरस्कार प्रदान किया।
भैया जी ने कहा कि बाबासाहेब का जीवन देखा। पिछले साठ वर्षों से ध्येयनिष्ठा रखते हुए उन्होंने कभी भी विचार नहीं किया। मैं भाषण करना नहीं जानता, बोलना नहीं जानता, ऐसा कहने वाले बाबासाहेब ने अनगिनत लोगों को अपने साथ जोड़ा और उन्हें संघ परिवार में ले आए। उनकी दोस्ती उम्र, शिक्षा या आर्थिक परिस्थिति की सीमा में कभी नहीं बंधी। इसलिए उनके जैसे लोगों की आंतरिक प्रामाणिकता कार्य करने वालों को प्रेरित करती है। आज भी इस उम्र में किसान संघ का काम करते हुए पुणे जैसे शहर में 1000 लोगों को किसान संघ से जोड़ने का काम उन्होंने किया है। संघ ही मेरा जीवनकार्य है, इस मजबूत ध्येयनिष्ठा के बिना ऐसा कार्य नहीं होता।
इस मौके पर बाबासाहेब चव्हाण ने कहा कि मेरा किया कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं है। मैं जिनके साथ कार्य कर रहा था, ऐसे स्वयंसेवक बंधुओं का उसमें अहम हिस्सा है। उस समय के स्वयंसेवकों को मैं यह सम्मान समर्पित करता हूं। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर समर्पित किए गए एक लाख रुपये की सम्मान निधि बाबासाहेब ने किसान संघ के कार्य हेतु समर्पित कर दी। इस अवसर पर पश्चिम महाराष्टÑ प्रांत के संघचालक श्री नाना जाधव और अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री दादासाहेब बेंद्रे उपस्थित रहे।
(विसंकें,पुणे)
‘‘भगवान श्रीराम सभी के आराध्य एवं आदर्श पुरुष’’
गत दिनों विश्व हिन्दू परिषद, इंद्रप्रस्थ के तत्वावधान में सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली एवं हिन्दू पर्व समन्वय समिति द्वारा भगवान श्री रामनवमी शोभायात्रा एवं श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण संकल्प सभा का आयोजन दिल्ली के रामलीला मैदान में किया गया। शोभायात्रा का उद्घाटन स्वामी राघवानंद महाराज, विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री श्री चंपत राय, नवल किशोर महाराज, विवेक शाह महाराज ने किया। मुसलमान बंधुओं द्वारा शोभायात्रा का भव्य स्वागत कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री चंपत राय ने कहा कि भगवान श्री राम समस्त मानवता के आराध्य देव एवं आदर्श पुरुष हैं। क्योंकि त्रेता युग में श्रीराम का जन्म हुआ, तब इस्लाम-ईसाइयत या अन्य किसी मत-पंथ का प्रादुर्भाव इस धरती पर नहीं हुआ था। तत्कालीन मानवता ने भगवान श्रीराम को अपना आराध्य स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जी का मंदिर भारतीयों की कमजोरी के कारण टूटा था, लेकिन अब भारत स्वतंत्र और शक्तिशाली है। इस मौके पर नामधारी संत दिलीप सिंह नामधारी, महामंडलेश्वर महंत नवल किशोर दास, राघवानंद महाराज ने भी जनसमूह को संबोधित किया। इस अवसर पर डेल्को के प्रमुख जगदीश चन्द्र चावला, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री करुणा प्रकाश सहित पतंजलि, महावीर दल, इस्कान मंदिर तथा आर्ट आॅफ लिविंग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(इंविसंकें, नई दिल्ली)
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