चौथा स्तम्भ / नारद-जातीय संघर्ष को हवा दे रहा मीडिया
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चौथा स्तम्भ / नारद-जातीय संघर्ष को हवा दे रहा मीडिया

by
Apr 2, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Apr 2018 11:11:20

राजनीतिक फायदे के लिए लोगों की निजी जानकारियों के इस्तेमाल की प्रवृत्ति खतरनाक
बीते कुछ साल में देश के अंदर जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा करने की कोशिशों के पीछे कौन लोग हैं। छोटी-बड़ी घटनाओं को जाति का रंग देकर समाज को बांटने का षड्यंत्र किसके इशारे पर चल रहा है? इन प्रश्नों का जवाब सामने आ गया है। यह भी साफ हो गया है कि देश और हिंदू समाज को तोड़ने के इस घृणित खेल में मीडिया एक औजार की तरह काम कर रहा है। राजनीतिक फायदे के लिए समाज में घृणा फैलाने और इंटरनेट के जरिए लोगों की निजी जानकारियां बटोरने और उनकी मदद से लोगों की सोच पर हावी हो जाने के इस खेल में सीधे तौर पर कांग्रेस पार्टी का नाम सामने आया है। ब्रिटिश संस्था कैम्ब्रिज एनालिटिका का मामला जब खुला था तो मीडिया ने बड़ी सफाई से सारा दोष भाजपा और केंद्र सरकार पर मढ़ने की कोशिश की, लेकिन अब कंपनी के ही बड़े अधिकारी कबूल रहे हैं कि वे कांग्रेस पार्टी के लिए भारत में काम कर रहे हैं। उनके इस अभियान में संभवत: कई तथाकथित बड़े पत्रकार भी शामिल हैं।
बीते 2-3 साल में वायर, प्रिंट, क्विंट जैसे नामों से एक दर्जन से भी ज्यादा समाचार वेबसाइट खोली गई हैं। बड़े पत्रकार इनके संपादक और रिपोर्टर हैं जिन्हें लाखों रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। सवाल ये है कि किसकी शह पर ये वेबसाइट झूठ और दुष्प्रचार उगल रही हैं? राहुल गांधी बिना किसी तथ्य के आरोप लगाते हैं कि नरेंद्र मोदी एप से जानकारियां चोरी हो रही हैं तो ये प्रायोजित मीडिया उसे सच साबित करने में जुट जाता है। जब पता चलता है कि यह काम तो कांग्रेस पार्टी का एप कर रहा था, इसीलिए कांग्रेस ने अपना ऐप गूगल से गायब करवा दिया तो मीडिया का यह वर्ग अनसुनी कर देता है।
डोकलाम में चीन की घुसपैठ को लेकर फर्जी खबरों की भी झड़ी लगी हुई है। कोशिश है कि भ्रम फैलाया जाए कि चीन हमारी सीमा में घुस रहा है और सरकार और सेना हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं। ऐसी ज्यादातर खबरें कांग्रेस के दुष्प्रचार विभाग से शुरू होकर मुख्यधारा के चैनलों और अखबारों तक पहुंचीं। उधर, कर्नाटक में प्रचार के लिए गए राहुल गांधी ने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के लिए अनभिज्ञता जताई तो हर कोई हैरान रह गया कि प्रधानमंत्री बनने के सपने देखने वाला नेता अगर एनसीसी जैसी संस्था के बारे में नहीं जानता तो उससे क्या उम्मीद की जाए।
उधर, लालू यादव को चारा घोटाले के एक मामले में 7-7 साल की सजा हुई। यह बात छिपी नहीं है कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग उनके लिए भरपूर सहानुभूति रखता है। सजा पर हेडलाइनों की भाषा कुछ यूं थी- 'और दिल टूट गया', 'फिर निराश हुए लालू', 'मुश्किल दौर अभी जारी है'। गरीबों के करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले को अगर देश की अदालत सजा देती है तो क्या इसे किसी का दिल टूटने या निराश होने के तौर पर देखा जा सकता है? दरअसल लालू यादव को पीड़ित दिखाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश हो रही है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि आज भी कई बड़े पत्रकार लालू यादव के 'एहसानों' तले दबे हुए हैं। पिछले दिनों इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मंच से जेएनयू के एक छात्रनेता ने देश के प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। चैनल ने न तो उसकी निंदा की और न ही गाली-गलौज वाले हिस्सों को हटाने की जरूरत समझी। दरअसल ऐसे तमाम गालीबाजों को मुख्यधारा में लाने का अभियान चल रहा है। इसी क्रम में अब आजतक समेत कई चैनलों में माकपा नेता मोहम्मद सलीम की वापसी हुई है। उन्हें बहस के कार्यक्रमों में फिर से बुलाया जाने लगा है। जबकि वे पहले कई बार प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं।
रामनवमी पर बंगाल और बिहार से हिंसा की खबरें आईं। दंगे क्यों हुए और इनके पीछे कौन था, यह तो जांच का विषय है, लेकिन मीडिया ने जो कुछ किया वह अत्यंत आपत्तिजनक है। लगभग सभी चैनलों और अखबारों ने रामनवमी पर होने वाली शस्त्रपूजा और शोभा यात्राओं के लिए 'हथियारों की नुमाइश' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। ऐसा जताने की कोशिश हुई कि इसी कारण हिंसा हुई। बरसों पुरानी धार्मिक परंपरा को विवादित बनाने की मीडिया की ये कोशिश कहां तक उचित है?

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies