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21 Jan. 2018
आवरण कथा ‘पहचान की परख’ से स्पष्ट है कि असम में बंगलादेशी घुसपैठियों की पहचान से सेकुलर खेमे में बौखलाहट है। यह खेमा नहीं चाहता कि कहीं से भी घुसपैठियों की पहचान हो और उन्हें खदेड़ा जाए। क्योंकि उन्हें पता है कि अगर ऐसा होता है तो लंबे समय से उन्होंने घुसपैठियों को एकत्र करके जो वोट की फसल उगाई है, वह तहस-नहस हो जाएगी और उनकी राजनीति औंधे मुंह गिरेगी। दरअसल अभी तक सेकुलर दल और उनके नेता देश की सुरक्षा को धता बताते हुए घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे थे। लेकिन अब न्यायालय की सख्ती के बाद उनकी दम फूल रही है।
—आनंद कुमार, फरीदाबाद (हरियाणा)
सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में असम में जो पहचान-परख का काम चल रहा है, उससे न केवल स्थानीय नेता खुश हैं बल्कि राज्य की जनता को विश्वास हुआ है कि अब घुसपैठियों की पहचान होगी और वे खदेड़े जाएंगे। यकीनन यह सत्य है कि दशकों से राजनीतिक संरक्षण में पूर्वोत्तर समेत देश के कई राज्यों में बंगलादेशी घुसपैठियों ने बसकर स्थानीय लोगों के हक एवं संसाधनों पर डाका डाला है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश पनपा लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते वे कुछ नहीं कर पाए। पर अब न्यायालय ने उनकी आस जगाई है।
—कृष्ण वोहरा, सिरसा (हरियाणा)
पिछले कुछ समय में कई बार अनेक सामाजिक संगठनों ने असम एवं पश्चिम बंगाल में तेजी से हो रही घुसपैठ पर चिंता जाहिर की थी। पर जानबूझकर उसे अनसुना कर दिया गया। जिसके गंभीर परिणाम अब यह राज्य भुगत रहे हैं। देश की कई सुरक्षा एजेंसियों ने बंगलादेशी घुसपैठियों की अपराध सहित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता को उजागर किया। इसलिए घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना अतिआवश्यक है।
—विमल नारायण खन्ना, कानपुर (उ.प्र.)
असली मित्र
‘पुरानी किताब, नई बात (7 जनवरी, 2018)’ रपट बहुत अच्छी लगी। यह बिल्कुल सत्य है कि किताब हमारी सबसे प्रिय मित्र हैं। उन्हें पढ़कर जो आनंद आता है, वह अद्भुत है। यह ज्ञान का सागर हैं, इसमें कोई संशय नहीं।
—दुर्गेश्वरी शर्मा, भीलवाड़ा (राज.)
मुंंहतोड़ जवाब देने का समय
पाकिस्तान की ओर से आए दिन सीज फायर का उल्लंघन किया जाता है। कुछ समय के आंकड़ों को देखें तो नियंत्रण रेखा पर किए जा रहे हमलों में बड़ा अंतर नजर आया है। ऐसा करके वह बढ़ते भारत के राह में रोढ़ा अटकाना चाहता है। क्योंकि वह जानता है कि विश्वस्तर पर भारत की छवि एक मजबूत राष्ट्र की बन चुकी है। ऐसे में उसे कैसे नुकसान पहुंचाया जाए इसके लिए वह बौखलाया हुआ है और सीमा सहित कश्मीर में आतंक फैलाए हुए है। सेना को पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देना होगा और ऐसी सुदृढ़ नीति बनानी होगी जिससे सदैव के लिए ऐसे हमलों पर लगाम लगे।
—रामदास गुप्ता,
जनता मिल (जम्मू-कश्मीर)
न आए बहकावे में!
लेख ‘सऊदी अरब की बदलती फिजा (14 जनवरी,2018)’ मजहबी जकड़न से निकलने का संदेश देता है। आज पूरा विश्व ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नित नए प्रयोग करके उन्हें मानवीय हित के लिए अपना रहा है लेकिन कट्टर मौलाना अभी भी दकियानूसी ख्यालातों के बाने में मुसलमानों को बहकाए हुए हैं और ‘आसमानी किताब’ का हवाला देकर उन्हें भेड़-बकरियों की तरह बांधे हुए हैं। इसलिए मुस्लिम समाज अपने हक-हुकूक की लड़ाई खुद लड़े और मौलानाओं के चंगुल से बाहर आए।
—मनोहर मंजुल, प.निमाड़ (म.प्र.)
इतिहास बनाया
राष्टÑोदय के नाद से, गंूजा सारा देश
मोहन जी ने भी दिया, सबको यह संदेश।
सबको यह संदेश, जाति के भेद मिटाएं
हिन्दू हम सब एक, भाव सर्वत्र जगाएं।
कह ‘प्रशांत’ मेरठ ने नव इतिहास बनाया
सदा वत्सले मातृभूमि का मंत्र गुंजाया॥
— ‘प्रशांत’
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