समरसता का बजट
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

समरसता का बजट

by
Feb 12, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Feb 2018 11:41:48

समाज के सभी वर्गों की चिंता करने वाला बजट समरसता लाने की ओर एक कदम है

रमेश पतंगे
हर साल केंद्र सरकार लोकसभा में बजट पेश करती है। आम आदमी के लिए बजट में पेश किए जाने वाले आंकड़े चौंकाने वाले होते हैं। वैसे हर परिवार अपना बजट बनाता ही है, लेकिन उसमें पैसे की लागत काफी सीमित रहती है। आमदनी कितनी है और कितना खर्चा करना है, इस पर विचार किया जाता है। शासन का बजट भी यही होता है कि करों के द्वारा होने वाली आमदनी को किन-किन चीजों पर खर्च करना है। शासन के पास घाटे की भरपाई के लिए मुद्रा छापे जाने का विकल्प रहता है। इसे मुद्रास्फीति कहते हैं।
स्वतंत्रता के बाद 1950 में जॉन मथाई ने पहला बजट पेश किया था। उसके बाद से हर साल बजट पेश होता आ रहा है। लेकिन बहुत कम बजट ऐसे हैं, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को नया मोड़ देने का प्रयास किया। भारत कृषि प्रधान देश है। दुर्भाग्य से 1950 के बजट से अब तक अधिकांश समय इस क्षेत्र को उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई।
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 का बजट पेश किया था जिसके जरिए समाजवादी अर्थव्यवस्था की इतिश्री की गई। आयात और निर्यात से अनेक बंधन हटाए गए। लाइसेन्स, परमिट राज को समाप्त कर दिया गया। भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार पूंजीवाद बनाया गया। भारत का दरवाजा विदेशी निवेशों के लिए खोला गया। इसके बाद आर्थिक सुधार, आर्थिक वृद्धि दर, विदेशी मुद्रा भंडार आदि की चर्चा होने लगी। 1997 में पी. चिंदबरम ने जो बजट रखा उसे करों के लिहज से ‘ड्रीम बजट’ कहा गया। उसमें कर पद्धति में बुनियादी सुधार की कोशिश हुई थी।
हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का बजट रखा है। विपक्षी दल बजट पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते ही आ रहे हैं, सो इसे भी केवल भाषणबाजी, रोजगार के लिए बेकार, महंगाई बढ़ाने वाला आदि बताया गया। लेकिन राजनीतिक बयानबाजियों से परे बजट पर गंभीर दृष्टि डालने की जरूरत है।
क्या यह पथ-प्रदर्शक सिद्ध होगा? शायद हां। अगले साल आम चुनाव हैं, लेकिन यह चुनावी बजट नहीं, देश का बजट है। इस बजट में विशेष अल्पकालिक फायदा नहीं है। लेकिन दीर्घकालिक लाभ प्रचुर मात्रा में है। बजट में कौशल विकास, विमान क्षेत्र विकास, इलैक्ट्रॉनिक्स, चमड़ा, टैक्सटाइल, कपड़ा उद्योग आदि के विकास पर विशेष बल दिया गया है। सड़क, रेल, जहाजरानी, आवास परियोजना आदि में बुनियादी ढांचे के विकास की लाखों करोड़ की योजनाएं हैं। किसानों के लिए इस बजट में विशेष योजनाएं बनायी गयी हैं। 2022 तक कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आमदनी दुगुनी करने की योजना रखी गयी है। फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि लागत कम करने के उपाय प्रस्तुत किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फसल लागत से डेढ़ गुना कीमत उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। किसानों को आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिए 11 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। भारत के सभी अर्थशास्त्री एक बात बार-बार दोहराते हैं कि सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने की क्षमता कृषिक्षेत्र में है। पहली बार कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश की योजना बनी है। सरकार का लक्ष्य 70 लाख नयी नौकरियां पैदा करना है। कृषि उत्पादन बढ़ने से उसके यातायात में भी बढ़ोतरी होगी। अच्छे स्कूलों का मांग बढ़ेगी। बुनियादी क्षेत्र में निवेश करने के कारण आर्थिक बदलाव आएंगे ही। सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की इस बजट में काफी चिंता की गई है। राष्टÑीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा देने की बात है।  शिक्षा, प्रशिक्षण, बुनियादी सुविधाएं, रोजगार आदि पर काफी फैसा लगाया जाना है। उज्जवला योजना का विस्तार 8 करोड़ गैस कनक्शन तक किया गया है। हर परिवार को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में सब्सिडी बढ़ी है, भूसंपदा के क्षेत्र को भी प्रोत्साहन दिया गया है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था कि केवल राजनीतिक प्रजातंत्र से काम नहीं चलेगा, इसके साथ सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र भी होना चाहिए। यह बजट इस दिशा में रखा एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें किसान, मजदूर, विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक आदि का विचार किया गया है। समाज के सभी वर्ग आर्थिक दृष्टि से जब एक समान भूमिका पर आते हैं तब समरसता का माहौल बनता है। इसलिए इसे ‘समरसता बजट’ भी कह सकते हैं। आम जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास करती है। लेकिन बजट योजनाओं का क्रियान्वयन अकेले मोदी तो नहीं कर सकते। जो यह करने वाले हैं, उनके अंदर मोदी जैसी लगन, समर्पण, कार्यनिष्ठा हो तो यह बजट निश्चित एक बड़ा बदलाव लाएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies