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‘‘अगर कोई हिन्दुत्व से अपना नाता तोड़ता है तो उसका नाता भारत से भी टूट जाता है।’’ उक्त उद्बोधन राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने दिया। वे पिछले दिनों गुवाहाटी में ‘लूइट पोरिया हिन्दू समावेश’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। समारोह में लगभग 35 हजार स्वयंसेवक उपस्थित थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह 92 वर्षों की साधना का यह फल है कि आज हम इतनी बड़ी संथ्या में गुवाहाटी खानापाड़ा के इस खेल मैदान में एकत्रित हुए हैं। यह विहंगम दृश्य जितना ही आनंददायक आपके लिए है, उतना ही मेरे लिए भी है। आज से 92 वर्ष पूर्व देश के मध्य भाग में यह साधना शुरू हुई थी, जो आज पूरे देश में फैली हुई है। उन्होंने कहा कि अब लोगों को जगाने की जरूरत है और यह सिर्फ एक व्यक्ति के अकेले की जिम्मेदारी नहीं है। इस देश में निवास करने वाले हर व्यक्ति को बेहतर भारत के लिए अपने साथी देशवासी को जगाने की जिम्मेदारी अवश्य लेनी चाहिए। जब तक हिन्दुत्व फले-फूलेगा, तब तक ही भारत का अस्तित्व बना रहेगा। क्योंकि हमारे यहां हिन्दुत्व पर आधारित आंतरिक एकता है और इसीलिए भारत एक हिन्दू राष्टÑ है। भारत इस विश्व को मानवता का आह्वान करता सबको एक सूत्र में पिरोने का संदेश देता है। प्राचीन समय से और आज तक भारत अपने आचरण से ही दुनिया भर को शिक्षा देता आ रहा है। भारतवर्ष के इस स्वभाव को विश्व हिन्दुत्व का नाम देता है। अगर भारत के लोग हिन्दुत्व की भावना को भूल जाते हैं तो देश के साथ उनका संबंध भी खत्म हो जाएगा। श्री भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों के मन में आता है कि पाकिस्तान के विघटन के बाद बांग्लाभाषी बांग्लादेश भारत में शामिल क्यों नहीं हुआ? इसका कारण यह क्योंकि वहां हिन्दुत्व की भावना नहीं है। कार्यक्रम में से सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल विशेष रूप उपस्थित रहे। प्रतिनिधि
‘‘सामाजिक स्तर पर बदलाव की जरूरत’’
गत दिनों राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने बिहार के दरभंगा में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा सबके लिए सुलभ हो, यह आज की महती आवश्यकता है। दुर्भाग्य से आज चिकित्सा प्रणाली भी व्यवसाय बन गई है। इसलिए सिर्फ सरकारी स्तर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी बदलाव लाने की आवश्यकता है। ऐसे में दरभंगा का यह कैंसर अस्पताल इस क्षेत्र के रोगियों को काफी राहत देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक समाज की सेवा में प्रवृत्त हों। अपने बच्चों को अच्छा संस्कार दें, कुटुम्बियों को समय दें। अपने आसपास रहने वाले गरीबों की बिना जात-पात देखे मदद करें। सामाजिक समरसता पर ध्यान दें और छोटे किसानों की कृषि लागत को कम करने के लिए गोवंश का संरक्षण करें तथा समेकित और उपयोगी एवं कम लागत की खेती के लिए प्रोत्साहित भी करें और मदद करें। प्रतिनिधि
‘‘भिन्नता के
बावजूद हम एक हैं’’
केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने 69वें गणतंत्र दिवस पर राज्य सरकार की अराजक पाबंदियों को दरकिनार करते हुए एक स्कूल में झंडोत्तोलन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘मैं सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। यहां विभिन्न भाषा, संस्कृति, परंपराओं, रीति-रिवाजों के बावजूद सभी एक हैं।’
उल्लेखनीय है कि श्री भागवत के तीन दिवसीय केरल प्रवास के ठीक पहले केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने एक आज्ञापत्र जारी कर कहा था कि राज्य में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेजों में ध्वजारोहण विभिन्न विभागों के अध्यक्ष ही करेंगे। इससे पहले भी यही सरकार 15 अगस्त, 2017 को श्री भागवत के तिरंगा फहराने पर विवाद खड़ा कर चुकी है। प्रतिनिधि
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