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24 दिसंबर, 2017
आवरण कथा ‘सदाबहार चाबहार’ से स्पष्ट होता है कि भारत ने चाबहार संधि के जरिए पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूती दी है। तो वहीं पाकिस्तान का हिमायती बनने का ढोंग रचने वाले विस्तारवादी चीन को ठेंगा भी दिखाया है। इसे भारत-ईरान-अफ गानिस्तान के त्रिपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर कहा जा सकता है।
—वी.एस.शांताबाई, बेंगलुरू(कर्नाटक)
चाबहार बंदरगाह के विकास से भारत-ईरान-अफगानिस्तान के संबंध मजबूत होंगे। मई,2016 में तेहरान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए मिलकर निवेश किया था। महज एक साल के भीतर इस ऐतिहासिक संधि के सुफल मिलने शुरू हो गए हैं। इस संधि के जरिए भारत के संबंध ईरान और अफगानिस्तान से तो मजबूत होंगे ही बल्कि मध्य एशिया में और यूरोप के देशों के साथ संबंध बेहतर होंगे।
—कृष्ण वोहरा, सिरसा (हरियाणा)
प्रतिकार करने का समय
साक्षात्कार ‘धर्मविरोधियों का प्रबल प्रतिकार करें हिन्दू (24 दिसंबर,2017)’ अच्छा लगा। यह सत्य है कि आज तक हिन्दुत्व के बारे में देश ही नहीं दुनिया में बड़ी भ्रामकता फैलाई गई। अनर्गल प्रलाप करके इसकी गरिमा को धूमिल किया गया। लेकिन इन सब आक्रमणों को सहते हुए हिन्दुत्व आज भी दुनिया को सहिष्णुता, मानवता और शांति का संदेश दे रहा है। आज समय है जब हिन्दुओं को जागना होगा और जो भी सनातन धर्म का विरोध या उसकी गलत ढंग से व्याख्या करे, उसे रोकना होगा।
—बी.एल.सचदेवा, आईएनए मार्केट(नई दिल्ली)
सनातन धर्म जितना सहिष्णु है उतना दुनिया में कोई भी मत-पंथ सहिष्णु नहीं है। हर व्यक्ति में भगवान का रूप देखना, पशु-पक्षी से लेकर हरेक प्राणी मात्र के प्रति आदर और समानता का भाव शायद ही कोई दूसरा मत-पंथ देखता हो। लेकिन इस सबके बावजूद हिन्दुत्व पर प्रहार दर प्रहार किए गए और आज भी ये जारी हंै। इसका एक कारण यह भी कि हम शांत रहे और सब सहन करते रहे। यह सब कारण रहे जिनके चलते दुनिया ने हिन्दुत्व के बारे में एक अलग मानस बनाया। पर अब यह मानस बदला है।
—महेशचंद गंगवाल,अजमेर(राज.)
जनभावना का ज्वार
‘मंदिर के पक्ष में उतरा शिया बोर्ड(17 दिसंबर,2017)’ रपट अयोध्या की जनभावनाओं को सामने रखती है। अयोध्या आज अपने आराध्य के भव्य मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा में है। उसे पूर्ण आशा भी है कि तमाम साक्ष्यों और जांचों के आधार पर यह सत्य स्थापित हो चुका है कि जिस स्थान पर विवाद है वहां राम लला का मंदिर था। इसे देखते हुए अब सरकार को भी इस ओर कदम बढ़ाते हुए जनभावनाओं का भान रखना होगा और मंदिर निर्माण के लिए कदम बढ़ाना होगा।
—प्रदीप कुमार, कानपुर (उ.प्र.)
ङ्म देश से अब अयोध्या में श्री राम
मंदिर के निर्माण की आवाज उठने लगी है। और यह होना भी चाहिए। क्योंकि श्रीराम मंदिर का निर्माण इस सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। सरकार इस महत्वपूर्ण विषय
पर समय रहते विचार करे और आगे कदम बढ़ाए।
—राममोहन चंद्रवंशी, हरदा (म.प्र.)
सच की जीत
‘सबक सही (17 दिसंबर,2017)’ रपट साबित करती है कि सच की जीत होती ही है। कैलीफोर्निया में इतिहास और सामाजिक विज्ञान की कक्षा 6 से 8 तक की किताबों में सनातन धर्म की गलत ढंग से व्याख्या की गई थी। लेकिन वर्षों से जारी इस विरोध ने आंदोलन का रूप लिया और एजूकेशन बोर्ड को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह सब बताता है कि दुनिया हिन्दुत्व की ताकत मानने लगी है।
सुशील कुमार वर्मा, विकासपुरी(नई दिल्ली)
खिसकती जमीन से बिलबिलाती कांग्रेस
रपट ‘विकास में विश्वास (10 दिसंबर, 2017)’ अच्छी लगी। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधान सभा चुनाव के परिणामों ने बता दिया कि देश के लोगों का विश्वास नरेन्द्र मोदी जी पर जस का तस कायम है बल्कि जनाधार देश में और बढ़ रहा है। वोट बैंक की राजनीति करने वाली राजनीतिक दल बेचैन हैं। उन्हें होना भी चाहिए क्योंकि कांग्रेस तो जड़-मूल से सफाये की ओर जो है! भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास के रास्ते पर चल रही है, जिसके कारण 125 करोड़ देशवासी अपने प्रधानमंत्री के साथ हैं। —राजेंद्र सिंह ठाकुर, दतिया (म.प्र.)
दिया साफ संदेश
मोदी ने दावोस में, दिया साफ संदेश
सभी तरह मजबूत है, अपना भारत देश।
अपना भारत देश, समय है ऐसा आया
खोलेंगे हम द्वार, जरूरत इसे बताया।
कह ‘प्रशांत’ आतंकवाद से लड़ना होगा
बदल रहा है मौसम, इसे समझना होगा॥
— ‘प्रशांत’
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