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52 लड़कियों में से 6 ने मदरसा संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, 5 लड़कियों ने लगाया छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप, एक लड़की ने कहा- तीन साल से संचालक कर रहा था बलात्कार
सुनील राय
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सआदतगंज स्थित मदरसे का प्रबंधक लंबे समय से छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और यौन शोषण करता आ रहा था। मदरसे पर 30 दिसंबर को पुलिस की संयुक्त छापामारी के बाद यह खुलासा हुआ। लड़कियों ने पहले भी शिकायत करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस तक उनकी शिकायत ही नहीं पहुंच पाई।
सआदतगंज थानांतर्गत मदरसा जामिया खादीजतुल कुबरा लिलबनात के मालिक सैयद जिलानी हैं, जबकि इसका प्रबंधक तैयब जिया कारी था। कुछ समय पहले जिलानी को यह सूचना मिली कि प्रबंधक कारी लड़कियों का यौन शोषण और उनके साथ दुर्व्यवहार जैसे अपराध कर रहा है। सूचना मिलने के बाद जिलानी मदरसा पहुंचे और प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद जब वे मदरसे से निकल रहे थे तब लड़कियों ने एक कागज पर शिकायत लिखी और पत्थर के टुकड़े पर उसे लपेट कर जिलानी की ओर फेंका। उस चिट्ठी को पढ़ने के बाद जिलानी शाम को सीधे लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार के पास गए और उन्हें इसकी सूचना दी।
करीब 30 मिनट के भीतर ही दीपक कुमार ने जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाल कल्याण समिति व कई थानों की पुलिस के साथ मदरसे पर छापा मारा और वहां से 52 लड़कियों को बाहर निकाला। साथ ही, प्रबंधक तैयब जिया कारी को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआत में तो 52 में से महज पांच लड़कियों ने ही प्रबंधक जिया कारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें उन्होंने कारी पर अपने साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
मदरसे में पढ़ने वाली लड़कियों के बीच दहशत का आलम यह था कि कारी को जेल भेजे जाने के एक दिन बाद एक अन्य लड़की आगे आई और उसने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि प्रबंधक तीन वर्षों से उसका यौन शोषण कर रहा था। कारी ने उसे करीब तीन वर्ष पहले अपने कार्यालय में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया। फिर उसने पीड़िता को धमकाया कि अगर उसने इसके बारे में किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। अपने ऊपर होने वाले अत्याचार का विरोध करने पर कारी अक्सर उसे मारता-पीटता था, जिससे वह भयभीत थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि अभियुक्त उससे कार्यालय का काम कराता था और परीक्षा में अधिक नंबर दिलवाता था।
मदरसा प्रबंधक की हरकतों से लड़कियां बहुत परेशान थीं और चाहकर भी किसी से शिकायत नहीं कर पाती थीं। कारी उन पर हर समय कड़ी नजर रखता था और लड़कियों को आसपास के घरों में रहने वाली महिलाओं से भी बात नहीं करने देता था। आरोपी लड़कियों को रसोई में भेजता था और वहीं पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करता था। इस वजह से लड़कियां रसोई में जाना नहीं चाहती थीं। अगर कोई लड़की विरोध करती थी तो वह उसके साथ मार-पीट करता था।
पुलिस का कहना है कि एक लड़की के साथ बलात्कार के बाद कारी का हौसला बढ़ गया और उसने दूसरी लड़कियों के साथ भी बदतमीजी शुरू कर दी। गौरतलब है कि मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में लड़कियों को इस तरह के अपराधों से बचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
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