साक्षात्कार :‘‘दलित हित में जितने काम 3 साल में हुए उतने 60 साल में नहीं’’
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

साक्षात्कार :‘‘दलित हित में जितने काम 3 साल में हुए उतने 60 साल में नहीं’’

by
Jan 15, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 15 Jan 2018 11:11:10


रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया के अध्यक्ष एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले कहते हैं कि कुछ लोग सामाजिक संतुलन बिगाड़कर देश को बांटना चाहते हैं। लेकिन दलित समाज छत्रपति शिवाजी महाराज और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की दी हुई शिक्षाओं को माने जिन्होंने समाज को एकसूत्र में बांधा। कोरेगांव-भीमा की घटना को केंद्र में रखकर उनसे बातचीत की पाञ्चजन्य संवाददाता अश्वनी मिश्र ने। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-

कोरेगांव-भीमा की हिंसा को आप किस रूप में देखते हैं? किसे जिम्मेदार मानते हैं?
देखिए, कोरेगांव-भीमा की हिंसा को जब आप नजदीक से देखेंगे तो उसके कई रंग-रूप दिखेंगे।  हर घटना के पीछे कोई न कोई सुनियोजित साजिश जरूर होती है। महाराष्ट्र और देश के लोग यह जान रहे हैं कि कोरेगांव की घटना के पीछे मास्टरमाइंड कौन है और किसका दिमाग चल रहा है। जब सबकुछ ठीक चल रहा होता है तो अचानक ऐसी घटनाएं होना संदेह  पैदा करती ही हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि जो हिंसा हुई, वह ठीक नहीं थी। हिंसा की न्यायिक जांच हो रही है और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। घटना पर अलग-अलग तरीके की बातें चलाई जा रही हैं। लेकिन मेरा मानना है कि इसे दलित और मराठा संघर्ष का रूप देना महाराष्ट्र के हित में नहीं है, क्योंकि ऐसे संघर्षों से सामाजिक संतुलन बिगड़ता है। छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्यकाल में दलित और मराठा सब एक साथ रहे। शिवाजी महाराज के शासनकाल में जब सभी एकजुट होकर देश की रक्षा कर रहे थे तो आज भी इसी तरह देश की रक्षा के लिए संघर्ष करना चाहिए, न कि आपस में लड़ना चाहिए।

दो सौ साल पूर्व के घटनाक्रम को लेकर वर्तमान में ऐसा माहौल तैयार करना, जिससे समाज आपस में बंट जाए। आपको लगता है कि दलितों को मोहरा बनाकर कुछ लोग देश-समाज के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं?
बिल्कुल, ऐसा राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है। इस समय कुछ लोग दलितों और मराठों में संघर्ष कराकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश में हैं, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार सबको साथ लेकर चल रही है, जो कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा। दूसरी बात, जहां हिंसा हुई, वहां बाबासाहेब आंबेडकर स्वयं भी जा चुके हैं। वहां के महार समाज के लोगों को इस स्थल पर जाकर लगता है कि वे भी योद्धा हैं।  आप देखिए, महार बटालियन सेना में है। जब-जब देश पर संकट आता है तो इस समाज के लोग दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने का काम करते हैं। इसलिए कोरेगांव में 1 जनवरी को महार समाज के लोग जुटते हैं और ‘हम भी लड़ने वाले लोग हैं’ का भाव मन में भरते हैं। पर इसे लेकर समाज को बांटना कुत्सित राजनीति है। समाज को इसे समझना जरूरी है।

कोरेगांव-भीमा में जितने भी संगठन के नेता जुटे, उन सबका यही कहना था कि देश में कहीं भी दलितों पर अत्याचार होता है तो उसमें भाजपा और संघ के लोग ही होते हैं। आपका क्या कहना है?
यह पूरी तरह से झूठ है। कांग्रेस की हमेशा यही चाल रहती है कि देश में कोई भी अप्रिय घटना घटे, उसे भाजपा और रा.स्व.संघ से जोड़कर फायदा उठाओ। रही बात अत्याचार की तो दलितों पर अत्याचार कोई एक वर्ग ही करता हो, ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरा इस मसले पर यही कहना है कि दलित अत्याचार का कारण जातीय भेदभाव है। जब भी कहीं दलित उत्पीड़न की घटनाएं हों तो किसी भी दल को आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाय जातीय भेदभाव खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए।

जब भी कहीं चुनाव होने को होते हैं तो अक्सर दलित उत्पीड़न का मामला उछाला जाता है और राजनीति की जाती है। ऐसी राजनीति के पीछे स्वार्थी तत्वों का मकसद क्या होता है?
असल में स्वार्थी तत्वों का मकसद वोट की फसल काटना होता है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां दलितों पर अत्याचार होते ही कांग्रेस को राजनीति करने का मौका मिल जाता है और वह देश में दुष्प्रचार करने लगती है कि भाजपा के राज में दलितों पर अत्याचार किया जा रहा है। मैं कहता हूं कि कोई भी सरकार अत्याचार करने के लिए नहीं बनती। इसे समझना चाहिए।

 कथित दलित संगठन और दलितों की राजनीति करने वाले नेता केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हैं कि वह दलितों के हित के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। इसमें कितना सच और कितना झूठ है?
मुझे लगता है कि ऐसे आरोप लगाना कुछ लोगों का ‘स्टाइल’ है। वे सच या तो जानते नहीं या देश को बताना नहीं चाहते। सच यह है कि मोदी सरकार के साढ़े तीन साल में दलितों के हित में इतने काम हुए हैं जितने 60 साल के कांग्रेस के शासन में नहीं हुए। जैसे- मुंबई में बाबासाहेब का इंटरनेशनल मेमोरियल बनने जा रहा है जिसमें उनकी 350 फीट ऊंची प्रतिमा खड़ी होगी। दूसरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब के 125वें जन्मदिवस पर ऐलान किया कि देश के सभी बैंक अपनी-अपनी शाखाओं से वंचितों को जोड़ें। साथ ही, स्टार्टअप में 200 करोड़ का निवेश किया गया, जिसमें 100 करोड़ दलितों के लिए हैं। इसी तरह जनधन योजना, फसल बीमा योजना, स्टार्टअप इंडिया जैसी कई योजनाएं गरीबों को न्याय दिलाने की कोशिश हैं।
ल्ल ऊना से लेकर पूना तक और उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान तक समाज में जहर घोला जाता है। समाजविरोधी टोली से कैसे निपटेंगे?
मुझे लगता है कि ऊना में जो कुछ हुआ था, वह सरकार को बदनाम करने के लिए ही किया गया था। इस घटना पर मोदी जी ने भी कहा था- मेरे ऊपर जो आरोप लगाने हो, लगाओ, लेकिन दलितों, गरीबों पर अत्याचार मत करो। रही बात इन ताकतों से निबटने की तो समाज जागरण से ही इनसे लड़ा जा सकता है।

दलित समाज को आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
मैं दलित समाज से इतना ही कहना चाहता हूं कि देश में कुछ दल ऐसे हैं जो इस समाज के वोट का फायदा तो लेते हैं, लेकिन उनके हित में कुछ नहीं करते। कांग्रेस ने दलित समाज के विकास के लिए कोई अच्छा काम नहीं किया। न तो संसद के सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब की तस्वीर लगाई और न भारत रत्न दिया। वीपी सिंह जब प्रधानमंत्री बने तब ही सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब का फोटो लगाया गया और वर्ष 1990 में भारत रत्न दिया गया। और अब श्री नरेन्द्र मोदी बाबासाहेब की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ दलों द्वारा दलित समाज को यह कहकर बरगलाना कि भारतीय जनता पार्टी एक खास वर्ग की पार्टी है, बिल्कुल गलत है। आज इसमें दलितों सहित मुस्लिम-ईसाइयों की भी सहभागिता है। इसलिए मैं दलित समाज से अपील करना चाहता हूं कि सच को समझें और उन्हीं का साथ दें जो सचाई के रास्ते पर चल रहे हैं। बाकी जो भी आपको करना हो करें पर कांग्रेस पार्टी के बहकावे   में बिल्कुल मत आएं। कांग्रेस जान-बूझकर भाजपा के खिलाफ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ऐसे षड्यंत्रों को फैलाने का काम कर रही है।    

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies