‘भारत का प्रयोजन दुनिया को सन्मार्ग पर लाना’
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

‘भारत का प्रयोजन दुनिया को सन्मार्ग पर लाना’

by
Dec 25, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Dec 2017 12:56:38

‘‘भारत का प्रयोजन दुनिया को सन्मार्ग के रास्ते पर बढ़ाना है। अगर भारत ने अपना काम सही से नहीं किया तो सारी दुनिया हिन्दू समाज से ही पूछेगी। जहां पर हिन्दुत्व की भावना कम हुई है या हिन्दू संख्या बल कम हुआ है, वह हिस्सा भारत से अलग हो गया है।’’ उक्त उद्बोधन राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने दिया।
वे गत 17 दिसंबर को अगरतला में विशाल हिन्दू सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘भारत ने अपना काम नहीं किया तो कौन जिम्मेदार होगा? भारत के भाग्य का विधाता कौन हैं? सारी दुनिया हिन्दू समाज से पूछेगी। श्री भागवत ने कहा कि सताए गए हिन्दू सारी दुनिया से भारत में आते हैं और भारत की सरकार भी कहती है कि ऐसे सताए हुए आने वालों को हम आश्रय देंगे, बाहर नहीं निकालेंगे, क्योंकि यह हिन्दुओं का देश है। श्री भागवत ने आगे कहा, मुझे 2006-07 में राज्यसभा के एक सदस्य मिले। वह मजहब से मुसलमान थे। उस वक्त वह कांग्रेस में थे, उससे पहले समाजवादी पार्टी में थे। उन्होंने नरेन्द्र मोदी के लिए कुछ अच्छा बोला तो उन्हें निकाला गया, आज वह राजनीति में नहीं हैं, अखबार चला रहे हैं। एक बार संघ के साथ संवाद के कार्यक्रम में वह भी आए। वह पूछना चाहते थे कि संघ सच्चर कमेटी का विरोध क्यों करता है। लेकिन उन्होंने उसे इस तरह से पूछा-‘भागवत जी, भारत के मुसलमान तो हिन्दू ही हैं। किन्हीं वजहों से या मजबूरी में उनकी पूजा पद्धति बदल गई। लेकिन पुरानी आदत मूर्ति पूजा की नहीं छूटी, इसलिए कब्र-मजार पर जाकर पूजा करते हैं। देवपूजा में संगीत बजाने की पुरानी आदत है, इसलिए कव्वाली गाते हैं। फिर आवाज कम करते हुए कहा, ‘मैं आज के भारत की बात नहीं कर रहा, मैं अखंड भारत की बात कर रहा हूं। अगर मुसलमानों को यह पता चल जाए तो सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे। उन्हें यह शिक्षा से पता चल सकता है और सच्चर कमेटी शिक्षा देने की तो बात करती है।’ मैंने
उन्हें जवाब दिया, हम हिन्दू होने के नाते सबके कल्याण की कामना करते हैं। लेकिन जो आप कह रहे हैं, यह तो हमें पहले से मालूम है।
1925 से हम यही कहते आ रहे हैं। जिनके लिए आप बोल रहे हैं, उन्हें ये समझाइए। वे जब मान जाएंगे तो हम अपना विरोध वापस ले लेंगे।’                      (विसंकें,त्रिपुरा)

‘किसानों की दशा सुधारने के लिए कर रहे सभी प्रयास’
पिछले दिनों राष्ट्रीय विचार अभियान की ओर से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की फतेहपुर तहसील क्षेत्र में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अवध प्रांत के संघचालक श्री प्रभु नारायण द्वारा लिखित ‘भगवद्गीता और संघ’ पुस्तिका काभी विमोचन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की दशा सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में लघु और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया गया है। किसानों को कई प्रकार की छूट दी जा रही हैं। श्री शाही ने पुस्तिका पर अपनी बात केंद्रित करते हुए कहा कि लेखक प्रभु नारायण जी कर्म योग और ज्ञान योग के धनी हैं। उनकी लिखी यह पुस्तिका आम जनमानस का मार्गदर्शन करेगी।
वहीं अपने संबोधन में श्री प्रभु नारायण ने कहा कि संघ और गीता एक दूसरे के पूरक होने के साथ ही एक दूसरे के समर्थक भी हैं। संघ की विचारधारा और गीता के अध्ययन के बाद मुझे यह लगा कि दोनों में काफी समानता है। तभी यह विचार मन में आया कि ऐसी कोई पुस्तिका आमजन मानस के लिए लिखी जाए। इस पुस्तिका में इस तथ्य को स्पष्ट किया गया है कि संघ और गीता का दर्शन दोनों एक दूसरे से साम्य रखता है।        सुनील राय

‘भारत  के ऋषि-मुनियों
का चिंतन शाश्वत है’
गत दिनों जयपुर में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से ‘एकात्म मानवदर्शन की प्रासंगिकता’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी जोशी उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों के चिंतन की प्रासंगिकता पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं लगा सकता, क्योंकि उनका चिंतन मूलभूत और सर्वकालिक रहा है। युगानुकूल उसकी व्याख्याएं बदलती रही हैं, लेकिन मूलभूत विषय कभी नहीं बदला। इसलिए यह चिरंतन और शाश्वत है। इसी में विश्व के समग्र मानव समूह का कल्याण समाहित है। किसी देश के मूलभूत चिंतन के आधार पर बनाई व्यवस्थाएं ही समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जाती हैं।  जब हम चिंतन से भटक जाते हैं तो कई प्रकार की समस्याओं का जन्म होता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि साम्यवाद का जन्म मार्क्स के अंत:करण में जो समाज के प्रति वेदना थी, उसके परिणामस्वरूप हुआ था। उसमें अप्रमाणिकता नहीं थी, लेकिन चिंतन में अपूर्णता थी। दुनिया भर में जो चिंतन चलता है, उसका परिणाम लोग यही चाहते हैं कि सब सुखी हों, समृद्ध हों, सबका सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़े। आज की चकाचौंध में मूलभूत चिंतन क्या है, सही क्या है, उचित क्या है। इसी बात को समाज के सामने रखने का काम पं़ दीनदयाल उपाध्याय जी ने किया है।                         (विसंकें, जयपुर)

जिहादी तत्वों पर कार्रवाई करे प्रशासन
गत 19 दिसंबर को हिन्दू हितरक्षणा समिति के तत्वावधान में कर्नाटक के सभी जिलों में आए दिन होती हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में बेंगलुरू में हुए एक कार्यक्रम में विहिप, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि राज्य सरकार आए दिन होती इन हत्याओं पर कड़ी कार्रवाई करे और जिहादी तत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले परेश मेहता नाम के एक कार्यकर्ता की नृशंस हत्या कर दी गई थी। लेकिन न केवल प्रशासन बल्कि राज्य सरकार मूक दर्शक बनी रही और कार्रवाई के नाम पर ढुलमुल रवैया अपनाती रही है।    

‘समाज को सही इतिहास से रखा दूर’
गत 16 दिसंबर को गोरखपुर विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह सप्ताह के अंतर्गत इतिहास विभाग की ओर से ‘जरा याद करो कुर्बानी’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया था। अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्टÑीय संगठन सचिव ड़ॉ बाल मुकुंद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। व्याख्यान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास के समक्ष यह सोचने का बिन्दु है कि आखिर1857 की प्रथम राष्टÑीय क्रांति के काल में न तो सांप्रदायिक कट्टरवाद था और न ही जातिवादिता। लेकिन पाश्चात्य जगत ने आंग्लदासता से युक्त इतिहास लिखने के लिए हमारे राष्टÑीय इतिहास के गौरव का मर्दन करने का कुप्रयास किया। यह सौभाग्य का विषय रहा कि तत्कालीन भारतीय राष्टÑभावी इतिहासकारों और आध्यात्मिक संतों ने राष्टÑीय इतिहास और राष्टÑीय चेतना के पुनर्जागरण का दायित्व अपने कंधों पर संभाला। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय नीति प्रतिष्ठान के निदेशक प्रो़ राकेश सिन्हा ने कहा कि मार्क्सवादी इतिहासकारों का लेखन विद्वेष से भरा हुआ है। उनके लिए प्रथम राष्टÑीय मुक्ति संग्राम के इतिहास में रानी झलकारीबाई का कोई महत्व नहीं है। विडंबना है कि हमारे राष्टÑीय इतिहास के लेखन के लिए हमारी अभिदृष्टि भारतीय न होकर पाश्चात्य प्रधान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ वीके सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोेधन में कहा कि हमें आज अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति समझ विकसित करनी होगी और इसे विरासत के रूप में संजोने के लिए संवेदनशील होना होगा।     
    (विसंकें,गोरखपुर)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies