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उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के आठ महीने बाद किसानों की दशा में सुधार दिखने लगा है। चाहे किसानों को बिचौलियों से बचाने का मामला हो या कर्ज माफी या फसल की खरीद कृषि विभाग ने सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य किया है। विश्व मृदा दिवस के मौके पर किसान पाठशाला की शुरुआत के दौरन प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से संवाददाता सुनील राय की बातचीत के प्रमुख अंश-
भाजपा सरकार ने किसानों की कर्ज माफी का वादा पूरा किया, लेकिन कुछ जगहों पर देखने में आया कि कर्ज माफी की रकम मामूली थी। ऐसा क्यों?
यह भ्रम विपक्ष के लोगों द्वारा फैलाया गया, लेकिन प्रदेश की जनता व किसानों को मालूम है कि भाजपा की सरकार उनके हित के लिए काम कर रही है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद बकाया रकम का आकलन किया गया तो मालूम हुआ कि प्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ आएगा। इसके बावजूद लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया गया। जिस किसान के खाते में जितने रुपये शेष रह गए थे, उसे माफ कर प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। दो-तिहाई से ज्यादा किसानों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक की कर्ज माफी मिली है।
प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले पैकेज लघु एवं सीमांत किसानों पर ही ज्यादा केंद्रित क्यों होते हैं?
इसकी वजह यह है कि प्रदेश में अधिकतम संख्या लघु एवं सीमांत किसानों की है। दो हेक्टेयर से अधिक खेत वाले किसानों की संख्या कम है। यही वजह है कि सरकार लघु एवं सीमांत किसानों पर मुख्य रूप से ध्यान दे रही है।
परंपरागत खेती के अलावा और कौन सी फसलें हैं, जिनसे किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं?
उत्तर प्रदेश में खासकर पूर्वांचल में गेहूं और धान की खेती पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसी प्रकार बुदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुराने तरीके से खेती करने वाले किसानों को शिक्षित एवं जागरूक किया जा रहा है। अब किसान औद्यानिक खेती, जैविक खेती पर ध्यान दे रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। हमीरपुर में जैविक खेती की शुरुआत कराई गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि 50-50 एकड़ का एक कलस्टर बनाया जाए और कुल 61 हजार एकड़ में जैविक खेती की शुरुआत कराई जाए।
किसानों के हित में और क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?
केंद्र एवं राज्य सरकार पारंपरिक कृषि योजना के तहत 14.95 लाख करोड़ रुपये किसानों को सिंचाई, बीज, खाद और कीटनाशकों आदि के लिए दे रही है। प्रदेश के 36 जनपदों में यह योजना चल रही है। प्रदेश सरकार को किसानों की चिंता है, इसलिए फसल बीमा योजना के जरिये फसल नुकसान की भरपाई का भी इंतजाम किया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी बनवाए जा रहे हैं।
किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा?
प्रधानमंत्री का मुख्य जोर 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने पर है। देश का अन्नदाता जब तक सुखी नहीं होगा, तब तक देश भी खुशहाल नहीं हो सकता। इसलिए प्रदेश में सरकार बनते ही किसानों की दशा सुधारने के लिए लघु एवं सीमांत किसानों की कर्ज माफी सहित कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री के ‘वन ड्रॉप मोर क्रॉप’ आह्वान के मद्देनजर किसानों को स्प्रिंकलर दिए जा रहे हैं ताकि कम पानी में उन्नत खेती की जा सके और भू-जल स्तर बना रहे। गन्ने की खेती में स्प्रिंकलर बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। साथ ही, जिन इलाकों में भू-जल स्तर बहुत नीचे चला गया था, वहां के लिए भी यह तकनीक कारगर साबित हो रही है।
कृषि योजनाओं के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं का किसान लाभ उठा सकें, इसके लिए विश्व मृदा दिवस के अवसर पर ‘किसान पाठशाला’ की शुरुआत की गई है। दिसंबर में दो चरणों इसका संचालन किया जाना है। पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है और इन पाठशालाओं में किसान सरकारी योजनाओं के साथ कृषि संबंधी अन्य जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं। साथ ही कृषि योजनाओं और अनुदानों में पारदर्शिता रहे, इसके लिए प्रत्येक योजना का विवरण और अनुदान का विवरण कृषि विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
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