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‘‘अंग्रेजी पढ़ें और बोलें पर आचरण, व्यवहार, खानपान से स्वदेशी रहें तथा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें। अपनी जीवनचर्या में पश्चिमी जीवन पद्धति का प्रवेश न होने दें।’’ उक्त उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने दिया। वे गत दिनों देहरादून के परेड मैदान में शाखा दर्शन कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वयंसेवकों से बस्ती सेवा, ग्राम सेवा, धर्म जागरण, कुटुम्ब प्रबोधन, जातिवाद से ऊपर उठकर समानतायुक्त हिन्दू जागरण, आपसी सद्भाव, राष्टÑीयता, निस्वार्थ सेवा, अच्छा हिन्दू (उत्तम सिद्धान्त से युक्त स्वयंसेवक) बनने, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा केवल खेलकूद का मैदान नहीं है। हमारा जीवन किसलिए है, यह भी चिंतन का विषय है। संघ की शाखा में आकर स्वयंसेवक बनें एवं समाज में जाकर अच्छा काम करें। अपने समाज में अस्पृश्यता के भाव को समाप्त करें।
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं में कोई पतित नहीं है। समाज के सबसे दुर्बल लोगों की सेवा भी हमें ही करनी है। जब हम शुद्धि की बात करते हैं तो हमारे मन एवं आचरण में शुद्धि होनी चाहिए। जैसे तालाब का पानी अगर अशुद्ध है तो सबके लिए अशुद्ध है। इसी प्रकार यदि समाज में कोई दोष है तो सबमें दोष आता है। अत: उस दोष के निवारण की चिन्ता करें। प्रतिनिधि
‘गोरक्षा के लिये कटिबद्ध है संघ’
मेरठ में 25 फरवरी, 2018 को होने वाले ‘राष्टÑोदय’ कार्यक्रम हेतु जागृति विहार एक्सटेंशन में तैयार किए गए संघ स्थान का गत दिनों विधिवत् भूमि पूजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी जोशी उपस्थित रहे। भूमि पूजन के बाद श्री जोशी ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए राष्टÑोदय कार्यक्रम के विभिन्न आयामों व संघ के लक्ष्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गत 9 दशकों से राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ राष्टÑ सेवा में लगा है। हिन्दू शक्ति को जगाना ही हमारा लक्ष्य है क्योंकि यही वह ईश्वरीय शक्ति है जो अन्याय के विरुद्ध खड़ी है। संघ एक संस्कारित समाज की रचना करना चाहता है क्योंकि इससे ही देश में बड़ा सामाजिक परिवर्तन सम्भव हो सकेगा और हम पूरे विश्व का सही मार्गदर्शन कर सकेंगे। यह परिवर्तन सरकार, संविधान, कानून इत्यादि से नहीं आएगा। अगर हम इतिहास देखें तो समाज में जो भी बड़े परिवर्तन हुए हैं, वे संतों, महंतों, संन्यासियों और समाजसेवियों के माध्यम से हुए हैं, सरकार तो केवल सुविधा दे सकती है। लेकिन परिवर्तन समाज के भीतर से ही होता है। संघ मानता है कि हमें ऐसे आदर्श प्रस्तुत करने चाहिये, जिनसे जन सामान्य प्रेरणा ले सके। शाखा के माध्यम से ऐसे ही आदर्श प्रस्तुत किये जाते रहे हैं। आज हिन्दू समाज के सशक्तिकरण में जो सबसे बड़ी बाधा है, वह है उसका जाति व वर्गों में विभाजित होना। सामाजिक अस्पृश्यता हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी कमजोरी है,जिसे हमें समाप्त करना है। संघ का मानना है कि हिन्दू समाज की सबसे बड़ी पहचान जाति नहीं, बल्कि उसका अपने हिन्दू होने पर गौरवान्वित होना है। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर प्रहार करते हुए इस कुरीति को जड़ से मिटाने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि स्वच्छ भारत का निर्माण सरकार के निर्णय से नहीं, बल्कि समाज की पहल से ही संभव है। श्री जोशी ने कहा कि गोहत्या का विरोध किसी मजहब का विरोध नहीं है, बल्कि यह विषय इस देश की अस्मिता से जुड़ा है। संघ गोरक्षा के लिये कटिबद्ध है। इस मार्ग में हिन्दू विरोधी शक्तियां सदैव ही रोड़ा अटकाती रही हैं, पर संघ कभी अपने मार्ग से डिगा नहीं है। हम अपने राष्टÑ सेवा के लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षेत्र संघचालक ड़ॉ दर्शन लाल अरोड़ा, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश, क्षेत्र कार्यवाह श्री मनवीर सिंह, क्षेत्र प्रचारक श्री आलोक कुमार, संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्रीकृपा शंकर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री पदम सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे। (विसंकें, मेरठ)
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