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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में ईद के दन मुस्लिमों ने गुरगुट्टा गांव में जमकर उत्पात मचाया। घर, दुकानों में लूटपाट के अलावा दर्जनों लोगों पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमले किए
अश्वनी मिश्र
सुबह का यही कोई 10 बजा होगा। मैं हर दिन की तरह घर का रोजमर्रे का काम निपटा रही थी। अचानक घर से कुछ दूरी पर तेज शोर और नारों की आवाज सुनाई दी। मैं इसे टाल कर अपने काम पर लग गई। जब धीरे-धीरे यह शोर बढ़ने लगा तो मैंने बाहर जाकर देखा कि मोहल्ले के चारों ओर बड़ी तादाद में ‘टोपी पहने मुस्लिमों’ की भीड़ दिखाई दे रही है। इसमें से कुछ लोग ‘जोशीले’ अंदाज में हिन्दुओं को देख लेने की धमकी दे रहे थे। देखते ही देखते बिना बात के कुछ नए लड़कों ने हिन्दुओं के घर-दुकानों पर हमला व लूटपाट करना शुरू कर दिया। हाथों में तलवार लिए ये लड़के जिसे देख रहे थे, उसे पकड़कर मारने लगे। इसी भीड़ में से एक लड़के ने मेरे ऊपर भी हमला किया और मेरा हाथ तलवार के वार से घायल हो गया।’’
यह कहना है बहराइच जिले के कोतवाली नानपारा के ग्राम गुरगुट्टा की रहने वाली कलावती का। कलावती हमले के बाद से बेहद डरी हुई हैं। वह कहती हैं कि मैंने ऐसा पहली बार देखा। जबकि हमने तो कुछ किया भी नहीं, फिर भी वे हमारी जान लेने के लिए उतावले थे। कलावती के अलावा गांव की रमादेवी, रेश्मा, बनवारी लाल, शोभाराम, गोविंद प्रसाद, विनोद कुमार पर भी उन्मादियों ने कहर बरपाया। किसी के सिर पर वार किया तो किसी के पैर पर।
दरअसल 2 दिसंबर को ईद मिलादुल नबी का जुलूस कोतवाली नानपारा के गुरगुट्टा गांव से निकलना था। जुलूस को बबकुट्टी से होते हुए लालकपुर गांव तक जाना था। लेकिन भीड़ परंपरागत रास्ते की जगह बाबा कुट्टी तिराहे से एक धर्मस्थल की ओर मुड़ गई। इस पर हिन्दू समाज ने आपत्ति दर्ज कराई। देखते ही देखते तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और भीड़ में शामिल लोग मारपीट पर आमादा होने लगे। और देखते ही देखते भीड़ से कुछ अराजक तत्व नंगी तलवार लेकर निकले और हिन्दुओं पर हमला बोल दिया और जमकर उत्पात मचाया। उन्मादी भीड़ घर, दुकान में घुसकर लूटपाट करने लगी। भगवानदीन, इंद्रवली, रामचंद्र, जमुना, विनोद, बबलू, देवी प्रसाद, संपत, रामसूरत, प्रह्लाद, आशाराम, भगौती, मायावती, फूलमती व राजुकमार सहित दर्जनों घरों व दुकानों में लूटपाट शुरू कर दी। उपद्रवियों ने इसी बीच एक मोटसाइकिल और कार भी फूंक दी और महिलाओं व युवतियों से छेड़खानी भी की। प्रत्यक्षदर्शी रामसूरत इस पूरी घटना के बारे में बताते हैं,‘‘भीड़ इतनी आक्रामक थी कि मुस्लिम लड़के तलवार लेकर सीधे हिन्दुओं के घरों पर टूट पड़ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि सबके सब गर्दन काटने पर ही आमादा हों। इसे देखकर लोगों में अफरातफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। जब तक गांव में पुलिस आती तब तक बलवाई उत्पात मचाकर फरार हो चुके थे। ’’
प्रशासन की चूक बड़ी वजह
दरअसल प्रत्यक्षदर्शी मानते हैं कि यह पूरी घटना प्रशासन की लापरवाही के कारण ही घटित हुई। अगर प्रशासन सचेत होता तो यह कुछ नहीं होता। गुरगुट्टा गांव के रहने वाले जमुना प्रसाद की मोबाइल की दुकान है। जुलूस के दिन उन्मादी भीड़ ने उनकी दुकान का शटर तोड़कर न केवल तोड़फोड़ की बल्कि लाखों रुपये का सामान व नकदी भी लूट ले गए। इस दौरान उपद्रवियों ने तीन दर्जन से ज्यादा घरों में तोड़-फोड़, लूटपाट, धारदार हथियार से दर्जनों लोगों पर जानलेवा हमले और कई राउंड गोलियां भी चलाईं। वे बताते हैं, ‘‘जुलूस को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की ओर से सिर्फ दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। जब विवाद बढ़ा और कट्टरपंथियों ने लूटपाट शुरू की तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। लेकिन अराजक तत्वों ने इन पुलिसकर्मियों की बात मानने के बजाय उल्टे उन्हें तलवार लेकर दौड़ा लिया। वे खुद जान बचाने के लिए भागे। और फिर उत्पातियों ने जमकर उपद्रव मचाया।’’ विनोद कुमार पेशे से दुकानदार हैं। उन्मादियों ने उनकी मोबाइल की दुकान को न केवल तोड़ा बल्कि लूटपाट भी की।
वे कहते हैं,‘‘यह बलवा अचानक हुआ हो, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सब कुछ जानबूझकर किया गया है।’’ वे इसके पीछे का कारण बताते हुए कहते हैं,‘‘1 दिसंबर को निकाय चुनाव के आए परिणामों में जिले की चारों सीटों पर मुसलमान उम्मीदवार ही जीते। जिनमें दो निर्दलीय और बाकी कांग्रेस के उम्मीदवार थे। इस वजह से क्षेत्र के मुस्लिमों में जश्न जैसा माहौल था और वे उद्दंडता पर आमादा थे। बारावफात का जुलूस उनके लिए एक बहाना था, जहां उन्होंने अपने मंसूबों को कामयाब किया।’’ इस पूरे घटनाक्रम पर जिले के पुलिस अधीक्षक जुगुल किशोर कहते हैं, ‘‘घटना में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मैंने मामले को गंभीरता से लिया है और बलवे में शामिल 16 लोगों को विभिन्न आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार किया है। साथ ही लूटे सामान के साथ हमले के समय प्रयोग में लाई गई तलवार भी बरामद की है।’’
बढ़ती मुस्लिम आबादी
2011 की जनगणना पर नजर डालें तो बहराइच में मुस्लिमों की जनसंख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2001 में बहराइच की आबादी लगभग 23 लाख के करीब थी। जबकि साल 2011 की जनगणना में इसमें 11 लाख का इजाफा हुआ है। अब जिले की जनसंख्या 34 लाख से अधिक है। बहराइच शहर में कुल आबादी 2 लाख 84 हजार है। इसमें नगर पालिका क्षेत्र में एक लाख 86 हजार की आबादी है, जिसमें 78,966 हिंदू और 1 लाख से अधिक मुस्लिम हंै। वहीं नानपारा क्षेत्र में 48,337 जनसंख्या है, जिसमें हिंदू आबादी 13 हजार और मुस्लिम आबादी 35 हजार के करीब है।
तस्करी में शामिल कट्टरपंथी मुस्लिम
बहराइच जिले की सीमा नेपाल से सटी है। जिसके कारण यह इलाका तस्करी के लिए बड़ा ही उपयुक्त है। चाहे वह हथियारों की तस्करी हो या फिर चरस, स्मैक,गांजा और गोतस्करी। गुरगुट्टा के रहने वाले कमला प्रसाद बताते हैं,‘‘प्रशासन की मिलीभगत से यहां हर तरह की तस्करी होती है। सबसे ज्यादा नशे का कारोबार होता है, जो षड्यंत्रपूर्ण तरीके से स्थापित किया गया है। पूरे जिले में जिधर भी नजर जाती है गली-चौराहे और नुक्कड़ पर नशे की दुकान दिखाई दे जाती है। इससे जिले का हिन्दू समाज खासकर युवावर्ग नशे का आदी हो गया है और नशे की लत के चलते उसका भविष्य खराब हो रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि तस्करी का जितना भी धंधा यहां होता है उसमें अधिकतर मुस्लिम ही शामिल हैं।’’ बहरहाल कोई भी त्योहार प्रसन्नता और उत्साह लाता है लेकिन ईद या मोहर्रम के आते ही तनाव का माहौल बनाया जाता है। शायद ही कभी ये दोनों अवसर बिना हिंसा के गुजरते हों।
पोस्टर से माहौल बिगाड़ने की साजिश
मध्य प्रदेश के खंडवा में ईद मीलादुल नबी पर शहर में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले पोस्टर लगाए गए। विवादित पोस्टरों पर जैसे ही लोगों का ध्यान गया तो उनमें गुस्सा फैल गया। लेकिन मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया कि प्रशासन ने असामाजिक तत्वों को पकड़ लिया है, जो पोस्टर के बहाने जिले के माहौल को खराब कराना चाहते थे।
कई जिलों में मचाया उत्पात
ईद मिलादुल नबी पर राज्य के कई जिलों में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया। मीडिया रपटों की मानें तो पीलीभीत, कुशीनगर, कन्नौज, मुरादाबाद और लखीमपुर खीरी के कुछ स्थानों पर जुलूस को लेकर विवाद खड़ा हुआ। इस दौरान पथराव और फायरिंग हुई और पुलिस को लाठियां चलाने तक की नौबत आ गई।
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