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15 अक्तूबर, 2017
आवरण कथा ‘अब निर्णायक मोड़’ से स्पष्ट है कि कश्मीर घाटी में आॅपरेशन आॅल आउट ने आतंकियों और उनके आकाओं की कमर तोड़कर रख दी है। इससे बौखलाए आतंकी घाटी में बड़े हमले की फिराक में हैं और श्रीनगर हवाई अड्डे के पास किया गया हमला इसी बौखलाहट का हिस्सा था। लेकिन इस सबसे साफ जाहिर है कि घाटी में सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई ने जहां आतंकियों का सफाया किया है, वहीं घाटी के माहौल में भी परिवर्तन आया है।
—अन्नु ठाकुर, रुड़की(उत्तराखंड)
कश्मीर में आतंकवाद की लौ बुझने का समय नजदीक है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने उस कोढ़ को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है, जो दशकों से धरती के स्वर्ग को लहूलुहान किए था। यह सब सेना को मिली खुली छूट और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है कि आतंकवादी बिलों में दुबक गए हैं या फिर मारे गए।
—राजेंद्र सिंह ठाकुर, दतिया (म.प्र.)
श्रीनगर हवाई अड्डे से सटे सीमा सुरक्षाबल के शिविर पर आतंकियों के हमले को सुरक्षाबलों ने जिस बहादुरी से निष्फल किया, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। अब स्पष्ट हो चला है कि केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों को पूरे अधिकार दे रखे हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक का यह बयान कि वह दिन दूर नहीं जब समूची घाटी से आतंक का सफाया कर दिया जाएगा, इसका प्रमाण है।
—कृष्ण वोहरा, सिरसा (हरियाणा)
जहां एक तरफ सेना आतंकवादियों का सफाया करके पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर रही है तो दूसरी ओर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कूटनीतिक पटखनी देकर दुनिया में उसकी नापाक हरकतों को उजागर करने का काम किया है। अब विश्व के अधिकतर देशों को पाकिस्तान का आतंक से सना चेहरा दिखने लगा है। और वे सभी यह समझने भी लगे हैं पाकिस्तान का एक ही काम है आतंकवाद को फैलाना।
—राममोहन चंद्रवंशी, हरदा (म.प्र.)
घाटी के हालात को देखकर पाकिस्तान बुरी तरह से डरा हुआ है। क्योंकि न तो कश्मीर में उसकी कोई चाल सफल हो पा रही है और न ही वह सीमा पार से घुसपैठ में कामयाब हो पा रहा है। सुरक्षाबलों ने हर मोर्चे पर भारतीय उसकी कमर तोड़ दी है। आज देश की जनता इस माहौल से बेहद खुश है। क्योंकि कश्मीर कोई जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं बल्कि देश का अभिन्न अंग है। और उस अंग की रक्षा करना और उसे सही सलामत रखना देश का कर्तव्य है। मोदी सरकार अपने इस कर्तव्य को बखूबी पूरा कर रही है।
—सुरभि सक्सेना, भोपाल (म.प्र.)
केन्द्र की राजग सरकार हर मोर्चे पर देशहित ही नहीं विश्वहित के लिए कार्य कर रही है। ऐसा देश के लोग ही नहीं विश्व की प्रतिष्ठित संस्थाएं, संगठन और नेता मानने लगे हैं। और उसका परिणाम सामने दिखाई देता है। मगर, कुतर्क करने वाले लोगों को कोई नहीं समझा सकता। क्योंकि ऐसे लोगों को लगता है कि जब तक उनका स्वार्थ सिद्ध नहीं हो पा रहा तब देश में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है।
—प्रदीप, कानपुर (उ.प्र.)
आरक्षण पर हो पुनर्विचार
यह सही है कि यह विषय बड़ा ही नाजुक है। कोई भी नेता इस पर बोलने से सौ कदम पीछे भागता है। क्योंंकि उसको लगता है कि कुछ भी बोले तो समझो, फंसे। इसलिए जो जैसे चल रहा है, चलता रहे। लेकिन मौजूदा आरक्षण नीति के कई दुष्परिणाम भी हैं। जिनको इसका हक मिलना चाहिए उनको न मिलकर किसी और को मिल रहा है। ऐसे में इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। क्योंकि इससे समाज में विभेद उत्पन्न होता है और प्रतिभा कुंद होती है।
—विनय जिंदल, पीतंमपुरा (नई दिल्ली)
हिन्दूहंताओं के साथी
कुछ दिनों से कर्नाटक में टीपू सुल्तान को लेकर काफी हो-हल्ला हुआ। कांग्रेस खुलकर टीपू के समर्थन में आई और उस हत्यारे की जयंती मनाकर उसकी शान में कसीदे पढ़े। दरअसल, कांग्रेस के
नेताओं का स्वभाव बन चुका है कि वे देशविरोधी और देश की अस्मिता को
ठेस पहुंचाने वालों के पक्ष में ही जुटते हैं। क्योंकि उन्हें ऐसे लोगों के वोट जो पाने हैं। —दया वर्धिनी, सिकंदराबाद (तेलंगाना)
उन्नति से नाता जोड़ो
करना कारोबार अब, हुआ बहुत आसान
मूडी ने ऊंचा किया, भारत का सम्मान।
भारत का सम्मान, नौकरी की जिद छोड़ो
अपना काम करो, उन्नति से नाता जोड़ो।
कह ‘प्रशांत’ पहले वालों ने नरक बनाया
कांग्रेस ने ऐसा उल्टा चक्र घुमाया॥
— ‘प्रशांत’
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