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उ. प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मॉरीशस यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों से की जड़ों से जुड़ने की अपील
मॉरिशस सेसविता तिवारी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1-3 नवंबर के बीच मॉरीशस के तीन दिवसीय दौरे पर थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह प्रवासियों के आगमन की 183वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित प्रवासी दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ तथा उनका समस्त मंत्रिमंडल मौजूद था।
योगी आदित्यनाथ ने अपने औपचारिक भाषण की शुरुआत भोजपुरी से करके उपस्थित लोगों को मोहित कर दिया। उन्होंने कहा,‘‘इ हमर खातिर बहुत ही गरब की बात बा कि आप्रवासी दिवस के पावन मौका पर हम भारत की ओर से अपन श्रद्धासुमन अर्पित करत बा।’’ तालियों की गड़गड़ाहट और जय श्री राम के नारों के बीच मुख्यमंत्री को कुछ देर के लिए अपना भाषण रोकना पड़ा। इसके बाद उन्होंने, भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए मॉरीशस के भोजपूरी समाज द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंधों में विकास हुआ है और अब हमारे भावनात्मक एवं सांस्कृतिक के साथ-साथ वाणिज्यिक संबंध भी प्रगाढ़ हुए हैं। उन्होंने उन सारी परियोजनाओं का उल्लेख किया जो मॉरीशस में भारत सरकार के सहयोग एवं आर्थिक सहायता से चलाई जा रही हैं। इनमें मेट्रो एक्सप्रेस, ‘सुप्रीम कोर्ट’ टॉवर, सोशल हाउसिंग, विश्व हिंदी सचिवालय के भवन का निर्माण, ई-टेबलेट, ईएनटी अस्पताल आदि योजनाएं मुख्य हैं। श्री योगी ने उत्तर प्रदेश का मॉरीशस से गहरा नाता बताते हुए इन संबंधों को और प्रगाढ़ एवं भावनात्मक बनाने के लिए अपनी पूरी संकल्पबद्धता जताई। उन्होंने अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव की चर्चा करते हुए कहा कि इस आयोजन से पूरे विश्व के सनातनधर्मियों को यह ज्ञात हुआ कि दीवाली का यह विशिष्ट आयोजन कहां से प्रारंभ होता है और इसके पीछे का उद्देश्य क्या है। हम सभी को यह जानना चाहिए कि विश्व के हिंदू सहोदर भाई हैं। सबको एकजुट होकर एकता का परिचय देने की जरूरत है, चाहे वे मॉरीशस के हों या भारत के। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार आप्रवासी भवन के लिए वाराणसी में भूमि भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने इसके अलावा अगले आप्रवासी दिवस पर मॉरीशस में रामलीला के मंचन के लिए उत्तर प्रदेश से दल भेजने का प्रस्ताव भी रखा। साथ ही इन संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए राज्य के वाराणसी जिले में दोनों देशों के संयुक्त तत्वावधान में एक सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित करने के मॉरिशस के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी।
बहरहाल, इस दौरे को योगी आदित्यनाथ ने आप्रवासी दिवस तक सीमित नहीं रखा बल्कि मॉरीशस के व्यापार एवं उद्योग मंत्री से विशेष मुलाकात की और वहां बसे आप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इसके अलावा उन्होंने गंगा तालाब, रामायण सेंटर आदि धार्मिक स्थलों का दौरा भी किया एवं विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों से भी मुलाकात की। ल्ल
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