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नाम : श्रेयंस भंडारी व रमेश धामी (19 वर्ष)
व्यवसाय : फुटवेयर स्टार्टअप
प्रेरणा : गरीब बच्चे को जब पादुकाएं कीं दान
अविस्मरणीय क्षण : बराक ओबामा ने की तारीफ
25,000 जूते-चप्पल हर साल करते हैं दान
ग्रीनसोल के संस्थापक श्रीयंस उदयपुर और रमेश धामी उत्तराखंड के रहने वाले हैं। इन दोनों की मुलाकात कुछ साल पहले मुंबई में एक मैराथन दौड़ के दौरान हुई थी। उसी दौरान रमेश ने जब 'ग्रीनसोल' की योजना श्रीयंस को बतायी तो उन्हें यह सोच बहुत पसंद आया और दोनों ने इसे अमलीजामा पहनाते हुए 'ग्रीनसोल' की नींव डाली। 18 व 19 साल के इन युवा एथलीटों ने अपने इस उद्यम की शुरुआत साल 2013 में नवी मुंबई के औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्गफुट के एक हॉल से की।
इस काम में उन्होंने शुरु में पांच कामगारों को लगाया और उन्हें बेकार व पुराने जूते-चप्पलों को नई शक्ल देने का काम सौंपा। धीरे-धीरे उनके इस स्टार्टअप विचार को लोगों की सराहना व सहयोग मिलता गया। आज दोनों एथलीटों का ऑनलाइन संगठन गुजरात व महाराष्ट्र में प्रतिवर्ष 25,000 जूते-चप्पल गरीबों को दान करता है। इस संस्था का लक्ष्य सन् 2023 तक हर जरूरतमंद को एक जोड़ी जूते-चप्पल उपलब्ध कराने का है। रमेश के मुताबिक वे इस उद्यम में निर्माण व डिजाइनिंग का काम संभालते हैं और श्रीयंस मार्केटिंग की जिम्मेदारी।
आज इनकी एक बड़ी टीम है जो इस पहल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहंुचाने की कोशिश में जुटी है। श्रीयंस कहते हैं कि 'आज सम्पन्न ही नहीं, मध्यमवर्गीय लोगों के पास भी कई जोड़ी जूते-चप्पलें होती हैं। इनमें से बहुत से लोग जूते-चप्पल को बेकार जान कर कबाड़ में फेंक देते हैं।
हम इन्हीं जूते-चप्पलों को 'इको-फ्रेंडली' तरीके से नया रूप देकर जरूरतमंद लोगों और बच्चों को दान करते हैं। आज
करीब 17 कॉरपोरेट सहयोगी हमारा साथ दे रहे हैं। खास बात यह है कि हमें अपनी इस नेक सामाजिक पहल के लिए देश के दिग्गज उद्यमी रतन टाटा और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा जैसे प्रभावशाली लोगों से भी तारीफ व प्रोत्साहन मिल चुका है।'
प्रस्तुति : पूनम नेगी
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