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नाम : जनार्दन भट्ट (84 वर्ष)
व्यवसाय : बैंक में बाबू के पद से सेवानिवृत्त
प्रेरणा : सीमा पर सेना के जवानों के शहीद होने की खबरें देख उनके परिवार के बारे में सोचकर विचलित हो उठे
अविस्मरणीय क्षण : सेना को दान की जीवनभर की कमाई
1 करोड़ किए सेना को दान
गुजरात के भावनगर में रहने वाले 84 वर्षीय जनार्दन भट्ट भारतीय स्टेट बैंक में बाबू के पद से सेवानिवृत्त हुए। जनार्दन जी का जीवन बेहद सादगीपूर्ण व संयमित है। लेकिन जब भी सीमा पर तैनात जवानों के शहीद होने की खबर मिलती, वे उनके परिवार के बारे में सोचकर विचलित हो जाते व करुणा से भर उठते। एक दिन उन्होंने ऐसे परिवारों की मदद करने का निर्णय लिया। अपनी पत्नी व बच्चों से विचार विमर्श करने के बाद उन्होंने भारतीय सेना को अपने जीवन की समूची कमाई (एक करोड़ रुपये) दान कर दी। यह देखकर सेना के अफसर इस बुजुर्ग की दरियादिली से न केवल प्रसन्न हुए बल्कि उनकी सद्भावना का सम्मान भी किया। जनार्दन कहते हैं कि उन्होंने अपनी कमाई से काफी बचत की थी और कई फंडों में निवेश किया था, जिससे उन्हें अच्छा पैसा मिला। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके पैसे देश के शहीद सेनानियों के परिवारों के काम आएंगे। यह दान उन्हें वाकई आत्मिक सुख देता है।
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