|
गत 25 अगस्त को नई दिल्ली स्थित रामकृष्ण मिशन सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। छात्रों के बीच काम करने वाली संस्था 'युवा' द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मासिक ई पत्रिका 'कैंपस क्रॉनिकल' का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण आश्रम, दिल्ली के सचिव स्वामी शांतात्मानंद जी ने की। मुख्य अतिथि थे भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक श्री के.जी. सुरेश। उन्होंने कहा कि आज का सेकुलर मीडिया अपने निहित स्वार्थ को लेकर अपने हिसाब से खबरें प्रचारित और प्रसारित करता है। देश और समाजहित में क्या सही और क्या गलत है, इससे मीडिया का सरोकार नहीं रह गया है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने इस अभियान को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का अभियान बताया। उन्होंने पूछा कि क्या देश को स्वच्छ नहीं बनाया जाना चाहिए? यदि हां, तो फिर यह अभियान संघ और भाजपा का कैसे हुआ? कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और 'अटल इनोवेशन मिशन' के प्रबंधक डॉ. उन्नत पंडित ने मिशन के कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कैसे भारत के युवा शोध कार्य में दुनिया में अपना डंका बजा रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. हीरामन तिवारी ने कहा कि युवा मन ऊर्जा से भरा होता है। सही दिशा मिलने पर वह ऊर्जा समाज हित में काम आती है। इससे पहले 'युवा' के संयोजक रजनीश जिंदल ने बताया कि युवा का काम दिल्ली और उसके आसपास के 70 से अधिक महाविद्यालयों में है। कार्यक्रम में दिल्ली विवि., जेएनयू एवं जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र बड़ी संख्या में
उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
चुनौतियों का डटकर करना है मुकाबला
बीते दिनों कोटपुतली की मोरीजावाला धर्मशाला में अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जयपुर प्रांत के कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय अभ्यास वर्ग संपन्न हुआ। इस अवसर पर साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री विपिन चन्द्र ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि साहित्यकार राष्ट्रहित में अपनी रचनाओं से जन-जाग्रती लाएं। कोटपुतली में आयोजित इस अभ्यास वर्ग में जयपुर, दौसा, सीकर, भरतपुर सहित आठ जिलों के 70 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। पांच अलग-अलग सत्रों में संगठन की कार्य योजनाओं पर मंथन के साथ आगामी योजनाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ। वर्ग में वरिष्ठ साहित्यकार श्री बलबीर सिंह 'करुण', श्री मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ और डॉ. विजय नागपाल 'नाविक' विशेष रूप से उपस्थित रहे।
विचार गोष्ठी संपन्न
पिछले दिनों देहरादून के बार ऐसोसिएशन सभागार में 35-ए तथा जम्मू-कश्मीर विषय पर विश्व संवाद केन्द्र व अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में सवार्ेच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता, हरियाणा सरकार श्री संजय त्यागी उपस्थित थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और 35-ए हमेशा से ही लोगों में एक उत्सुकता का विषय रहा है। 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तो लगभग 561 रियासतों ने विलय पत्र पर सहमति देते हुए अपने हस्ताक्षर किए थे। इस दौरान जब विलय की प्रक्रिया चल रही थी और भारत सरकार पृथक संविधान के निर्माण प्रक्रिया पर कार्य कर रही थी उस दौरान यह भी तय हुआ कि सभी राज्यों का संविधान अलग-अलग होगा। इसके लिए सभी राज्यों में संविधान सभा का गठन होना था, जो नहीं हो सका। तय हुआ कि एक राज्य में मॉडल संविधान बनाया जाए जिसके अनुसार सभी राज्यों का संविधान निर्मित किया जायेगा और भारत सरकार के संविधान को सभी राज्यों से जोड़ा जाएगा। भारत-पाक विभाजन के समय पाकिस्तान के पश्चिम हिस्से से भारी संख्या में लोग जम्मू-कश्मीर में आये और उन्हें वहां बसा दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बार एसोसिएशन, देहरादून के अध्यक्ष श्री राजीव शर्मा ने कहा कि 35-ए को आधार बनाकर जम्मू कश्मीर में जो व्यवस्था दी गई, वह 'पिछले दरवाजे से लाभ' वाली कहावत को चरितार्थ करती है। -(विसंके,देहरादून)
टिप्पणियाँ