आस्था/सिद्धिविनायक मंदिर:जन-जन के गजानन
May 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आस्था/सिद्धिविनायक मंदिर:जन-जन के गजानन

by
Aug 28, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Aug 2017 13:01:46

सिद्धिविनायक मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र तो है ही, यह जन-कल्याण के अनेक प्रकल्प भी चलाता है

प्रदीप सरदाना
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर भक्तों की आस्था का एक बड़ा केंद्र रहा है। इस मंदिर की गिनती देश के सर्वाधिक लोकप्रिय मंदिरों में होती है। आम दिन तो भक्तों की भीड़ यहां रहती ही है, पर गणेश चतुर्थी और गणेशोत्सव के दिनों में तो यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। मंदिर में गणपति बप्पा की प्रतिमा को कुछ लोग 500 साल पुरानी मानते हैं, लेकिन बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को लक्ष्मण विठू पाटिल और दिऊबाई पाटिल ने कराया था। गणपति यूं भी प्रथम पूजनीय हैं पर महाराष्ट्र में तो गणपति की पूजा सर्वाधिक होती है। 1936 से गोविन्द राव पाठक ने मंदिर में नियमित पूजा करानी शुरू की थी, जिन्होंने 1973 तक इस मंदिर का कामकाज संभाला। उसके बाद मंदिर की व्यवस्था एक न्यास प्रबंध समिति ने संभाली। लेकिन बाद में यह समिति कुछ कारणों से विवादों में आ गई। इसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास, प्रभादेवी, मुबई  एक्ट-1980 के अंतर्गत नया न्यास बनाया जो आज तक इस मंदिर की तमाम व्यवस्थाएं संचालित कर रहा है।
हालांकि यह मंदिर पहले काफी छोटा था और मंडप में एक साथ 20 लोग भी मुश्किल से दर्शन कर पाते थे। लेकिन भक्तों की संख्या और मंदिर की लोकप्रियता को देखते हुए 1991 में मंदिर का पुनर्निर्माण आरंभ हुआ, और 1994 में यहां पांच मंजिला भव्य मंदिर तैयार हुआ। मंदिर की रूपरेखा वास्तुकार शरद अथाले ने मुंबई की जलवायु के अनुसार, लंबे शोध के पश्चात तैयार की।
क्यों खास हैं ‘सिद्धिविनायक’
यह सिद्धिविनायक मंदिर अपनी आस्थाओं के साथ ही गणपति की विशिष्ट प्रतिमा के लिए भी प्रसिद्ध है। प्रतिमा की सबसे खास बात यह है कि गणेश जी की सूंड दाहिनी ओर मुड़ी हुई है जबकि सामान्यत: यह बाईं ओर होती है। इस प्रतिमा के भगवान शिव की भांति तीन नेत्र हैं। यहां गणपति काले पत्थर से बने मूषक पर पद्मासन में बैठे हैं। केसरिया रंग की प्रतिमा के एक हाथ में कमल, दूसरे में परशु, तीसरे में जप माला और चौथे में मोदक का थाल है। उनके कंधे से पेट तक एक सर्प लिपटा है। गणपति के दोनों ओर उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि हरे रंग की साड़ी पहने आसीन हैं। गणेश जी का मुकुट तो सोने का है ही, साथ ही गर्भ गृह के भी कुछ हिस्से स्वर्ण के या स्वर्ण पत्र जड़ित हैं।
कामनाएं होती हैं पूरी
सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में लोगों की यह मान्यता रही है कि यहां कोई भी शुद्धभाव से गणपति से जो भी मांगता है, उसकी वह उचित और न्यायसंगत मांग अवश्य पूरी होती है। यहां लोग किसी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले उसकी सिद्धि और सफलता की इच्छा लेकर आते हैं तो कुछ नि:संतान दंपती भी संतान प्राप्ति की इच्छा लेकर आते हैं।  मंदिर में लोगों की श्रद्धा और आस्था किस कदर बढ़ रही है, उसकी मिसाल इस बात से भी मिलती है कि यहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब 50 से 60,000 लोग भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। जबकि मंगलवार, शनिवार, रविवार और चतुर्थी के दिन यहां आगंतुकों की संख्या एक लाख से सवा लाख हो जाती है। इसके अलावा भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव के दौरान तो इस मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या दो से ढाई लाख प्रतिदिन तक पहुंच जाती है। सिद्धिविनायक के दरबार में देश की नामी जनों को माथा टेकते और अपने लिए मुरादें मांगते हुए देखा जा सकता है। फिल्म, संगीत और खेल की दुनिया के साथ ही, राजनीतिक तथा औद्योगिक घरानों के अनेक मशहूर परिवार यहां अक्सर आते रहते हैं।
फिल्मी दुनिया की हस्ती अमिताभ बच्चन और उनके परिवारीजन तो यहां नियमित आते रहते हैं। अमिताभ कई बार अपने घर से पैदल भी चलकर आये हैं। कबड्डी टीम जयपुर पिंक पैन्थर्स के साथ विजय की कामना के लिए अभिषेक बच्चन आए थे तो अनिल कपूर और उनका परिवार भी नियमित यहां आता है। सुप्रसिद्ध गायक सुरेश वाडकर तो यहां बहुत बरसों से नियमित आते हैं।
उधर क्रिकेट खिलाड़ियों को भी यह मन्दिर खूब भाता है। सचिन तेंदुलकर, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री और अजिंक्य रहाणे जैसे कई खिलाड़ियों को यहां अक्सर देखा जाता है। ऐसे ही बड़े औद्योगिक घरानों में यहां मुकेश अंबानी और उनका परिवार तो करीब करीब हर हफ्ते ही आता है। कुछ समय पहले तो यहां एप्पल के सीईओ टिम कुक भी आये और करीब आधा घंटा यहीं रहे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी यहां आते हैं।
स्वच्छता और शुद्धता में अग्रणी

सिद्धिविनायक मंदिर की विशेषताओं और मान्यता के साथ ही यहां का प्रसाद भी बेमिसाल है। मंदिर की पांचवीं मंजिल पर प्रसाद निर्माण के लिए एक विशाल रसोई है, जिसमें आधुनिक संसाधनों के साथ लगभग 50 व्यक्ति हर रोज प्रसाद के लिए देसी घी के करीब 50,000 लड्डू और लगभग इतनी ही नारियल बर्फी बनाते हैं। यह देश का पहला मंदिर है जिसने प्रसाद के मामले में एफएसएमएस (फूड सेफ्टी मेनेजमेंट सिस्टम) और एफएसएसआई (फूड स्टैंडर्ड्स एंड सेफ्टी अथॉरिटी आॅफ इंडिया) के मापदंडों और दिशानिर्देशों का पालन सबसे पहले किया। प्रसाद के बनाने के साथ ही उसकी पैकिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। प्रसाद की नारियल बर्फी के लिए उसी नारियल को इस्तेमाल किया जाता है जो भक्तजन गणेश जी को चढ़ाते हैं। 

श्रद्धा और सेवा का मेल है मंदिर
सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास के कार्यकारी अधिकारी संजीव पाटील से मंदिर और भक्तों की इसमें आस्था पर हुई बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-
 सिद्धिवानायक मंदिर की लोकप्रियता का क्या पैमाना है?
सिद्धिविनायक मंदिर चढ़ावे के हिसाब से देश में तीसरे स्थान पर है। भक्तों ने पिछले वर्ष करीब 84 करोड़ रुपए का चढ़ावा अर्पित किया था। 
 मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में नित होती बढ़ोतरी पर क्या कहेुंगे?
कुछ बढ़ोतरी तो समय के साथ होती ही रहती है लेकिन हमने यहां ऐसी व्यवस्था की है कि लोग 15 से 20 मिनट के अंदर ही दर्शन कर लें। लंबी कतारें न लगें।
 प्रसाद की शुद्धता और स्वच्छता पर बहुत गौर किया जाता है। इसके लिए आपने क्या विशेष उपाय किये?
हमारा मंदिर देश के सबसे स्वच्छ मंदिरों में गिना जाता है। यह देश का पहला मंदिर है जिसे स्वच्छता के लिए इंडिया ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने ‘ग्रीन पैलेस आॅफ वर्शिप’ के प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया है। हम भगवान को अर्पित किये फूलों को रीसाइक्लिंग करके सुगंधित टीका सामग्री तैयार करते हैं और उसी से भक्तों को तिलक लगाते हैं। हम हर रोज आधुनिक मशीनों से एक लाख लड्डू और बर्फी बनाने का लक्ष्य रखते हैं। प्रसाद के साथ मानव संपर्क कम से कम रखते हैं। 
  चढ़ावे का कुछ अंश क्या समाज कल्याणार्थ खर्च करते हैं?
हम मंदिर की आय का अधिकांश हिस्सा न्यास के माध्यम से गरीबों और समाज के अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के कल्याण के लिए ही खर्च करते  हैं। पिछले दो वर्षों में ही हमने जल संरक्षण और सूखाग्रस्त क्षेत्रों की सहायतार्थ 73 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है। न्यास चिकित्सा सहायतार्थ भी प्रतिवर्ष 12 से 14 करोड़ रुपए की राशि देता है। अभी हमने महाराष्ट्र के विभिन्न अस्पतालों में 102 डायलिसिस मशीनें प्रदान की हैं। न्यास स्वयं मंदिर परिसर के बगल में अपना एक अस्पताल भी चलाता है जिसमें 22 डायलिसिस मशीनें हैं। हर रोज 60 व्यक्तियों की डायलिसिस मात्र 250 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से करते हैं। मंदिर में चिकित्सा सहयता केंद्र अलग से चलता है। इसके अलावा एक पुस्तकालय चला रहे हैं और गरीब विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष लगभग 4 करोड़ रुपए की पुस्तकें निशुल्क देते हैं। हम उन किसानों के बच्चों की शिक्षा का व्यय भी उठाते हैं जिन्होंने आत्महत्या की है।   

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Administartion buldozed Illegal mosque

उत्तराखंड: मुरादाबाद-काशीपुर हाईवे पर बनी अवैध मस्जिद और मजारों पर प्रशासन ने चलाया बुल्डोजर

सुप्रीम कोर्ट

‘भारत कोई धर्मशाला नहीं’ सुप्रीम कोर्ट का फैसला और केंद्र की गाइड लाइन

Operation sindoor

‘ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ’, इजरायल में भारत के राजदूत बोले-लखवी, हाफिज सईद और साजिद मीर को सौंपे पाकिस्तान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी फौज पर हमले तेज कर दिए हैं

अत्याचार का प्रतिकार, हमले लगातार

Voice president jagdeep dhankarh

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले में एफआईआर न होने पर उठाए सवाल

Hindu Family in Sylhat converted to Islam

बांग्लादेश: जमात ए इस्लामी ने हिन्दू परिवार का करवाया इस्लामिक कन्वर्जन, लगाए अल्लाह हु अकबर के मजहबी नारे

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Administartion buldozed Illegal mosque

उत्तराखंड: मुरादाबाद-काशीपुर हाईवे पर बनी अवैध मस्जिद और मजारों पर प्रशासन ने चलाया बुल्डोजर

सुप्रीम कोर्ट

‘भारत कोई धर्मशाला नहीं’ सुप्रीम कोर्ट का फैसला और केंद्र की गाइड लाइन

Operation sindoor

‘ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ’, इजरायल में भारत के राजदूत बोले-लखवी, हाफिज सईद और साजिद मीर को सौंपे पाकिस्तान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी फौज पर हमले तेज कर दिए हैं

अत्याचार का प्रतिकार, हमले लगातार

Voice president jagdeep dhankarh

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले में एफआईआर न होने पर उठाए सवाल

Hindu Family in Sylhat converted to Islam

बांग्लादेश: जमात ए इस्लामी ने हिन्दू परिवार का करवाया इस्लामिक कन्वर्जन, लगाए अल्लाह हु अकबर के मजहबी नारे

अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

दिल्ली में ‘ई-जीरो एफआईआर’ पहल लॉन्च, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- साइबर अपराधियों पर अब होगी तुरंत कार्रवाई 

मुंबई में कोरोना के 8 संदिग्ध मरीज, अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर भी संक्रमित

Dhruv Rathi

यूट्यूबर ध्रुव राठी पर एफआईआर की मांग, सिखों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप

पाकिस्तानी जासूस तारीफ

नूंह से पाकिस्तानी जासूस तारीफ गिरफ्तार, भेजी गोपनीय जानकारी, पाकिस्तान उच्चायोग के दो कर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies