अपनी बात :अकड़ नहीं, बड़प्पन चाहिए
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात :अकड़ नहीं, बड़प्पन चाहिए

by
Aug 7, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Aug 2017 10:56:11

आज कुछ ताजा बातें। छोटी-छोटी बातें। लेकिन इन बातों ने चीन के पेट में गहरी मरोड़ उठा दी है। भारत-भूटान सीमा पर दो माह से ड्रेगन की अकड़-फूं के बीच पहली बार चीनी विशेषज्ञों ने यह कहने की हिम्मत दिखाई है कि भारत के साथ लगातार गतिरोध अंतत: ड्रेगन को ही भारी पड़ने वाला है। खास बात यह कि ऐसी टिप्पणियों और उन पर प्रतिक्रियाओं के ज्वार-भाटे के बीच ही चीनी रुख में कुछ बदलाव देखने में आया है।
मकाऊ स्थित सैन्य विशेषज्ञ एंटोनी वांग डॉन्ग की ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ को दी गई टिप्पणी ने तात्कालिक गतिरोध से गहराती उन आशंकाओं के प्रति आगाह किया है जो आगे चलकर चीन के लिए फांस साबित हो सकती हैं।
बीजिंग में दोनों देशों के सुरक्षा सलाहकारों के बीच मुलाकात को लेकर लगते कयासों के बीच एक चीनी विशेषज्ञ की उक्त टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जानी चाहिए कि इसने चीन के गलत रुख को पहली बार सही रोशनी में रखा है। वैसे भी, यह न मानने का कोई कारण नहीं है कि हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में पंजे गड़ाता ड्रेगन मलक्का जलडमरू को भूलकर आगे बढ़ा तो चीन की ऊर्जा आवश्यकताओं का हांफता इंजन झटके से बैठ सकता है। इस समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना की शक्ति प्रबल है। किसी भी दुस्साहस का जवाब देने में सक्षम। ऐसे में टकराव का बढ़ना यानी चीनी विकास की दशकों लंबी कहानी का बीच समुद्र में डूब जाना होगा। भू-राजनीति के जानकार और रणनीति विशेषज्ञ इस बात को बखूबी जानते हैं।
वैसे, पहले के दावों को लेकर चीन गलत था, यह बात परोक्ष रूप से खुद चीन ने भी मान ली है! उसने पहली बार माना है कि डोकलाम में उसके और भूटान के बीच विवाद है। वरना इससे पहले तो वह स्वयं को पूरे जोर-शोर से इस क्षेत्र का निर्विवाद स्वामी घोषित करता रहा है!
अपने ही पूर्व रुख को खारिज करने का अर्थ क्या है? इसका मतलब यह कि, चीन को भी समझ आ रहा है कि गलत तथ्यों के सहारे इस मसले पर आगे बढ़ना मुंह की खाना है। किशनगंगा और रतले पनबिजली परियोजना पर पाकिस्तान की फजीहत दुनिया देख रही है। चीन भी देख रहा है। होती रहे भारत के साथ शत्रुता, चीन चाहे कितना ही पाकिस्तान को पुचकारे, लेकिन इससे होता क्या है? विश्व व्यवस्था किसी एक देश के चाहने, न चाहने से नहीं चलती। यह बात चीन को समझनी ही होगी।
ठीक है कि दुनिया चीन को, चीन की दीवार के उस पार चलने वाली बातों को, मानवाधिकार हनन के मामलों को अरसे तक नजरअंदाज करती रही, लेकिन यह सिलसिला कब तक चल सकता है! असली बात यह है कि विश्व व्यवस्था में कद बढ़ाते-बढ़ाते चीन अब उस हद तक आ गया है जहां से न तो वह अपनी बातें छिपा सकता है, न गलत बातों को मनवा सकता है और न ही अन्य देशों का विश्वास व सहयोग लिए बगैर आगे बढ़ सकता है। औरों को दबाते-पचाते हुए इतना ही बढ़ा जा सकता था।
वैसे भी, चीन भले खुद को महाशक्ति माने किन्तु तथ्य यह है कि एक खबर, एक व्यक्ति, एक भाषण.. इस महाशक्ति के पांवों में थर्राहट लाने के लिए ‘कोई एक’ ही काफी है। थ्येनआनमन चौक की कहानी या परम पावन दलाई लामा ही नहीं गूगल, व्हाट्सअप, जीमेल ..चीन को हर खरी, पारदर्शी, सहज, सच्ची बात से डर लगता है। मेसेजिंग एप वीचैट पर 23 जुलाई को जारी हुआ एक लेख हाल में इसका दिलचस्प उदाहरण है। बीजिंग के खोखलेपन और समाज के संत्रास को उजागर करता यह लेख हफ्ते से भी कम समय में 70 लाख लोगों द्वारा पढ़ा गया और लोकतंत्र का चोगा ओढ़कर बैठी साम्यवादी सत्ता को दहला गया। सरकारी सेंसरशिप के चलते इसे न सिर्फ हर जगह से ‘डिलीट’ कराया गया बल्कि बीजिंग में आम लोगों के कष्टप्रद जीवन को उजागर करने वाले लेखक जैंग गुओचैंग को इसके लिए माफी भी मांगनी पड़ी।
सो, एंटोनी वांग डॉन्ग या जैंग गुओचैंग..नाम से ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सच को नकारते हुए और अपने ही देश के बहुसंख्यक समाज की पीड़ा से आंखें मूंदे हुए चीन किस हद तक आगे जा सकता है? निश्चित ही ज्यादा नहीं। इस विश्व व्यवस्था में यदि कोई गलती पर है तो उसे निश्चित ही अपने कदम वापस खींचने होंगे। चीन के सरकारी मीडिया को उत्तेजक बयानबाजी, उकसाऊ शब्दों और निराधार दावों से बचना होगा। वरना आज आपने अपनी बात आहिस्ता से खारिज की है, कल को विश्व व्यवस्था इस अराजकता को खारिज करने के लिए लामबंद होगी। चीन के द्वारा सताए/ हथियाए सभी छोटे-छोटे क्षेत्रीय समाज, भू-क्षेत्र और देश (जिसमें ताइवान से लेकर तिब्बत तक के स्वर शामिल हैं) उस झंझावात को जन्म देंगे जिसे झेलना चीन के लिए संभव नहीं होगा।
जाहिर है, दुनिया बड़ी है और डोकलाम एक तंग जगह।
गलत दावों से पांव फंस सकता है।
इस संकरे गलियारे से गुजरना है तो चीन को अकड़ की बजाय बड़प्पन दिखाना होगा। आगे आपकी मर्जी।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies