|
2 जुलाई, 2017
आवरण कथा ‘100 दिन सरकार के’ से स्पष्ट है कि इस अल्पावधि में ही योगी सरकार ने खेती-किसानी से लेकर सड़क, परिवहन, शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जबकि अखिलेश यादव सरकार ने उत्तर प्रदेश की स्थिति को बदहाल कर दिया था। भ्रष्टाचार अपने चरम पर था। लेकिन सरकार बदलते ही चीजों में सुधार हुआ और सकारात्मकता का भाव आया है।
—अनूप जोगी, लाजपतनगर (नई दिल्ली)
पिछली सरकार में कानून-व्यवस्था की हालत अत्यधिक बदतर थी। दिन-दहाड़े लूट, बलात्कार, छेड़खानी और मां-बहनों के साथ अभ्रदता की घटनाएं हो रही थीं। और जब पीड़ित पुलिस में शिकायत
दर्ज कराने जाते थे, तब या तो उन्हें भगा दिया जाता था या फिर उलटे उन्हें ही शिकार बना दिया जाता था। क्योंकि कई बार तो इन घटनाओं में सपा के
गुंडे ही शामिल होते थे। खैर, सरकार बदली और योगी जी के आने के बाद ऐसे अंधेरगर्दी थी, पर लगाम लगी है।
—शिप्रा ठाकुर, देहरादून (उत्तराखंड)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को निभाते हुए किसानों का कर्जा माफ किया, जो अपने आप में बड़ी बात है। किसानों को नई सरकार से ऐसी ही आशा थी और भाजपा सरकार उस पर खरी उतरी। योगी सरकार हर क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए रात-दिन कार्य रही है।
—बी.एस.शांताबाई,चामरापेट (कर्नाटक)
योगी सरकार जिस गति से काम कर रही है उससे विरोधी बौखलाए हुए हैं। इसलिए वे ऐसी हरकतें करते रहते हैं जिससे राज्य का माहौल खराब हो। कुछ दिन पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री की कुर्सी के नीचे विस्फोटक पदार्थ मिलना इसका उदाहरण है। सच तो यह है कि योगी सरकार बिना किसी भेदभाव के राज्य का विकास कर रही है और लोगों में इस बात की खुशी
भी है।
—हरीशचन्द्र धानुक, लखनऊ (उ.प्र.)
उत्तर प्रदेश में भाजपा को जनता ने अपार समर्थन दिया है। इससे सपा, बसपा और अन्य छोटे दल जो भाजपा का हर मोर्चे पर विरोध करते थे, अब सीधे तौर से वंचित समाज और मुसलमान विरोधी साबित करने में जुट गए हैं। ऐसा नहीं है कि वे यह सब पहली बार कर रहे हैं। इससे पहले भी वे ऐसे घृणित कार्य करते रहे हैं और हर बार असफल हुए हैं। पर वह यह भूल जाते हैं कि उन्हें इसी तरह की राजनीति ने उनको कहीं का नहीं छोड़ा। आज राज्य में उन्हें कोई पूछने वाला तक नहीं दिखाई देता।
—प्रदीप सिंह राठौर, कानपुर (उ.प्र.)
उन्माद फैलाते मदरसे
लेख ‘सलाफी सोच और घाटी में अलगाववाद (11 जून, 2017)’ अच्छा लगा। दरअसल ये मदरसे ही कश्मीर घाटी में अलगाववाद और आतंक की जड़ हैं जो युवाओं में उन्माद भरने का काम करते हैं। देश-दुनिया के मुल्ला-मौलवियों द्वारा यहां जहर उगला जाता है, जिसका असर यहां के युवाओं पर होता है। नतीजतन कि घाटी में युवा वर्ग या तो उन्माद के रास्ते पर या तो नशाखोरी से लेकर अन्य गलत कार्यों में लिप्त है। घाटी में अलगाववाद और उग्रवाद की जो भी घटनाएं घट रही हैं, उसमें घाटी के अलगाववादियों का पूरा हाथ है। उन्हीं के इशारे पर कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं से लेकर पत्थरबाजी होती है। ये विदेशी पैसे से कश्मीरी युवकों को लालच देकर उन्हें उन्माद की आग मे झोंकते हें। और यह धंधा वर्षों से चला आ रहा था। पर अब इस पर नकेल कस रही है और उनकी हकीकत सामने आ रही है।
—रामदास गुप्ता, जनता मिल (जम्मू-कश्मीर)
पिछले दिनों आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर कायराना हमला किया। लेकिन सेकुलर जमात की ओर से न तो कोई शोक संदेश आया और न ही उन्होंने आतंकी हमले की निंदा की। दादरी मामले पर शोर मचाने वाले इस निर्मम हत्याकांड पर लाज-शर्म त्यागकर चादर ओढ़कर सो गए। क्योंकि यह हिन्दुओं पर किया गया हमला था। लेकिन यही लोग हरियाणा के जुनैद की हत्या को सांप्रदायिक रंग देकर हिन्दू समाज को घेरने का काम करते हैं। अब जनता इनके चेहरों को अच्छी तरह से पहचान चुकी है।
—मनोहर मंजुल, प.निमाड़ (म.प्र.)
यह दुर्भाग्य की ही बात है कि घाटी के अलगाववादी भारत का ही खाते हैं और भारत के खिलाफ ही आग उगलते हैं। लेकिन कभी भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस की सरकार सदैव इन गददरों के यहां हाजिरी लगाती रही। लेकिन कभी भी इन्होंने भारत का हित नहीं सोचा और अराष्ट्रीय गतिविधियों को और तेज गति से हवा देने का काम करते रहे। अब इन पर शिंकजा कसना शुरू हो गया है।
—पी.जयाप्रदा, कोठापेट (आन्ध्र प्रदेश)
संतों की पावन भूमि कश्मीर को आसुरी शक्तियों ने न केवल अशांत किया बल्कि एक तरह से घाटी में इस्लामिक शासन स्थापित कर दिया। यहां चारों ओर मस्जिद और मदरसों के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता। जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ी, वैसे-वैसे घाटी में कट्टरपंथ भी बढ़ा। परिणाम यह हुआ कि लाखों हिन्दुओं को मार-काटकर भगा दिया गया। इस घटना को यादकर हर किसी को गुस्सा आता है। अब सरकार को चाहिए कि वह घाटी में फिर से कश्मीर के हिन्दुओं को बसाए और उन्हें पूर्ण सुरक्षा दे। ताकि कश्मीर की संस्कृति फिर से आबाद हो सके।
—परमानंद जोशी, चूरू (राज.)
अपनाएं योग, रहें निरोग
‘शुभ संयोग (25 जून,2016)’ रपट अच्छी लगी। यह सत्य है कि योग करने से सिर्फ निरोगी ही नहीं रहा जा सकता बल्कि अनेक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। देश के साथ ही विदेशों में योग और आयुर्वेद को लेकर उत्साह स्पष्ट तौर से देखा जा सकता है। विदेशी इसे जीवनचर्या में उतारकर लाभ ले रहे हैं और आयुर्वेद के हर पक्ष को जानने की कोशिश कर रहे हैं।
—देवसखा, पटना(बिहार)
चालाक चीन
चीन भारत को बराबर भड़काने का काम कर रहा है और शक्ति प्रदर्शन तक की धमकी देने से बाज नहीं आ रहा। दरअसल वह भारत की बढ़ती शक्ति से परिचित है और उसे देखकर परेशान है। इसलिए वह विश्व स्तर भारत का विरोध करता है और पाकिस्तान का समर्थन। लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने चीन को निर्भीक उत्तर देते कह दिया कि वह 1962 को भूल जाए क्योंकि यह 2017 है। चीन को यह बात बड़ी नागवार गुजरी। खैर, चीन की हरकतों को देखते हुए भारत के आमजनमानस को चाहिए कि वह चीन के बने सामान का बहिष्कार करे। जिस दिन लोग ऐसा करने लगेंगे, चीन की हेकड़ी अपने आप निकल जाएगी।
—कृष्ण वोहरा, सिरसा(हरियाणा)
टिप्पणियाँ