|
देहरादून स्थित विश्व संवाद केंद्र में 15 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक कार्यशाला आयोजित हुई। उद्देश्य था लोगों को सोशल मीडिया के प्रति जागरूक करना। सोशल मीडिया विशेषज्ञ हिमांशु अग्रवाल ने सभी को इस विषय की गहन जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया के महत्वपूर्ण अंग ट्विटर अकाउंट कैसे बनाएं और किस तरह से उसका प्रयोग करें, की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि आप किसी शब्द से पहले हैश टैग लगा देते हैं, तो उस शब्द या उससे जुड़ी जानकारी को जब सर्च (खोजा) किया जाएगा, तो वह सबसे ऊपर नजर आएगा। उन्होंने बताया कि आज के दौर में ट्विटर अकाउंट समाचार चैनलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरिया बना हुआ है। ट्वीट ही कभी-कभी बड़ा रूप ले लेता है। पत्रकार उसके पक्ष-विपक्ष दोनों पहलुओं पर तार्किक बहस कर उसका सही पक्ष जनता के सामने रखते हैं। उन्होंने बताया कि फेसबुक को ट्वीटर से भी जोड़ा जा सकता है। इसके बाद फेसबुक का स्टेटस ट्विटर पर डाला जा सकता है। ट्विटर पर शब्द लिखे जाने की अधिकतम सीमा 140 शब्द है। उन्होंने विकीपीडिया के बारे में बताया कि यह कंटेंट लेखक के लिए अच्छा मंच है। इसके जरिए लेखक कुछ नए विषय को संपूर्ण विश्व में पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आपको प्रारंभ में विकीपीडिया में दस लेख दर्ज कराने होंगे। अगर वे बिना किसी रुकावट के प्रेषित हो जाते हैं तो आप कंटेंट लेखक बन जाते हैं। इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय कुमार ने भी अपने विचार विचार रखे। अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। (विसंके, देहरादून)
स्व. हरिहर शर्मा का स्मरण
गत दिनों हैदराबाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता स्वर्गीय हरिहर शर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। इस अवसर पर राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह द्वय श्री भागैया जी और श्री दत्तात्रेय होसबाले सहित अनेक गणमान्य लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। श्री भागैया जी ने कहा कि स्व. शर्मा का जीवन जानकारियों का स्रोत और प्रेरणादायक था। वे अपने कॉलेज के दिनों में संघ से जुड़े और अंतिम सांस तक संघ का काम करते रहे। उन्होंने पांच दशक तक अभाविप में अनेक दायित्वों को निभाया। वहीं श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि वे डॉ. हेडगेवार के कुल में उत्पन्न एक आदर्श स्वयंसेवक ल्ल प्रतिनिधि
साहित्य परिषद को अर्पित की पुरस्कार राशि
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराडकर ने पुरस्कार के रूप में मिली 5,00,000 रुपए की राशि साहित्य परिषद को भेंट कर दी है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही श्री पराडकर को केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा) ने स्वामी विवेकानंद पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्हें उपरोक्त राशि सम्मानस्वरूप मिली थी। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ