दुलू की अनोखी मुहिम
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दुलू की अनोखी मुहिम

by
Jul 24, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 24 Jul 2017 12:25:12

 

असम के बिनोद बोरा बीस पिछले वर्ष से वन्यजीवों के संरक्षण में जुटे हुए हैं। उन्होंने किंग कोबरा जैसे विषधर सहित सैकड़ों पशु-पक्षियों को सही-सलामत जंगलों तक पहुंचाया है

निधि सिंह

सम के नगांव में एक साधारण परिवार में जन्मे बिनोद बोरा, जिन्हें लोग दुलू दा बुलाते हैं, अपने स्तर पर वन्यजीवों को बचा कर एक मिसाल पेश कर रहे हैं। कार्बी आंगलोंग पहाड़ियों की तलहटी में बसे चापनाला गांव के दुलू अपने आप में एक जंगी सिपाही हैं। वे अभी 36 वर्ष के हैं। जब वे 8-9 वर्ष के थे, तभी से वन्यजीवों को बचाने के काम में जुटे हुए हैं। बचपन से ही वे हाट में बिकने वाले जीव-जंतुओं को देखकर बहुत दुखी होते थे। तब मां जो पैसे बचा कर रखती थी, दुलू उसमें सेंधमारी करते और उन पैसों से हाट में बिकने आए जंगली मुर्गों, पक्षियों और कछुओं को खरीद कर वापस जंगल में छोड़ आते थे। घर के लोगों को जब इसका पता चला तो उन्होंने वन्यजीवों के प्रति अपने लाड़ले की भावनाओं का सम्मान करते हुए शिकार करना ही बंद कर दिया। एक बार तो दुलू खनन माफिया से ही भिड़ गए। उस समय उनकी उम्र महज 16 साल थी। हुआ यूं कि दुलू ने एक स्थानीय अखबार के पत्रकार से मिलकर यह खबर छपवा दी कि खनन के कारण दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों के घोंसले उजड़ रहे हैं। खबर छपने के बाद खदान मालिक ने खदान मजदूरों को यह कहकर भड़का दिया कि उनका रोजगार छिन जाएगा। फिर क्या था, हजारों मजदूरों ने दुलू के घर को घेर लिया और मुआवजा मांगने लगे। घरवालों ने किसी तरह आरजू-मिन्नतें कर भीड़ को विदा किया। लेकिन अगले दिन इस घेराव की खबर अखबारों में छप गई। इसका असर यह हुआ कि खदान हमेशा के लिए बंद हो गईं और दुलू रातोंरात प्रसिद्ध हो गए।
दुलू ने इस मुहिम में अभी तक 400 सांपों को बचाया है, जिसमें एक 18 फुट लंबा किंग कोबरा भी शामिल है। इसी तरह उन्होंने करीब 1400 पक्षियों, स्तनपायी जानवरों को बचाया है। इसके अलावा, दुलू ने हाथी के चार बच्चों को सुरक्षित वन विभाग के सुपुर्द किया है। उन्हें करीब छह माह पूर्व चापनाला चाय बागान में एक बीमार वयस्क हाथी मिला था। दुलू ने बिना किसी सरकारी मदद के एक माह तक उसकी देखभाल की। बाद में वन विभाग ने भी मदद की, लेकिन हाथी को बचाया नहीं जा सका। यह शायद दुलू के प्रेम का ही असर है कि हाथी जैसा विशालकाय जीव और किंग कोबरा जैसा विषधर भी उनके प्रेम के वशीभूत हो जाते हैं। शरद ऋतु आते ही हाथियों के झुंड जंगलों से निकल आते हैं और धान की फसल को रौंद देते हैं। तब दुलू ग्रामीणों के साथ मिलकर खेतों में काम करते हैं और अगर हाथी किसी के घर को नुकसान पहुंचाते हैं तो उसे बचाने में भी मदद करते हैं। 
दो दशकों की कड़ी मेहनत के बाद दुलू ने स्वयंसेवकों की फौज खड़ी कर ली है जो प्रत्येक सप्ताह के आखिर में उनके साथ जाकर जंगलों में हाथियों के लिए खास तरह के केले के पौधे रोपते हैं। इसका मकसद यह है कि हाथियों को जंगल में ही भोजन मिल जाए ताकि वे आबादी की ओर रुख न करें और फसलों एवं घरों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। 2003 से उनके इस अभियान में ग्रीन गार्ड नेचर आॅर्गेनाइजेशन उन्हें सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है। दुलू इस संस्था के समन्वयक भी हैं। वन्यजीवों के प्रति उनके सराहनीय कार्यों से प्रभावित होकर ‘सेंक्च्युअरी पत्रिका’ ने 2013 में उन्हें ‘सेंक्च्युअरी  एशिया टाइगर डिफेंडर’ और 2014 में ‘सेंक्च्युअरी वाइल्डलाइफ सर्विस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया। 2013 में उन्हें ‘रोटरी यंग एचीवर अवॉर्ड’ से भी नवाजा गया। इसके अलावा बाली फाउंडेशन ने उन्हें कंजर्वेशन थ्रू इनोवेशन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है। बाली फाउंडेशन ने करीब एक माह पहले बिनोद बोरा के कार्यों पर एक वृत्तचित्र भी
बनाया है।     

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

बांग्लादेशी मूल की अंबिया बानो ने काशी में सनातन धर्म स्वीकार किया

लंदन में पली-बढ़ी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, गर्भ में मारी गई बेटी का किया पिंडदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय महिला पायलट का फर्जी वीडियो वायरल, ये है पूरी सच्चाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

बांग्लादेशी मूल की अंबिया बानो ने काशी में सनातन धर्म स्वीकार किया

लंदन में पली-बढ़ी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, गर्भ में मारी गई बेटी का किया पिंडदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय महिला पायलट का फर्जी वीडियो वायरल, ये है पूरी सच्चाई

ट्रोलर्स का घृणित कार्य, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार की कर रहे ट्रोलिंग, महिला आयोग ने की निंदा

Indian army press breafing

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, कहा- हम अगले मिशन के लिए हैं तैयार

प्रतीकात्मक तस्वीर

पकिस्तान का भारतीय एयरफील्ड तबाह करने का दावा भी निकला फर्जी, वीडियो का 5 सेकंड का एडिट हिस्सा सबूत के तौर पर दिखाया

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : शब्दयुद्ध में जरा संभलकर!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies