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समाज के कल्याण के लिए पग-पग धरती नाप कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सीताराम केदिलाय ने समाज में जागरूकता लाने का किया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सीताराम केदिलाय द्वारा शुरू की गई भारत परिक्रमा यात्रा पिछले दिनों कन्याकुमारी में संपन्न हुई। 9 अगस्त, 2012 को जब श्री केदिलाय ने कन्याकुमारी से भारत परिक्रमा यात्रा की शुरुआत की थी तब अनेक चिंताएं जगी थी, जैसे 68 वर्ष की अवस्था में प्रतिदिन 10 से 15 किमी. की यात्रा कैसे करेंगे? आधुनिक समाज में पैदल यात्रा करने की क्या जरूरत? लेकिन उन्होंने इन सभी सवालों को एक किनारे रखते हुए अपनी यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान वे न कभी बीमार हुए, न ही थके और न ही कभी रुके। बस अनवरत चलते रहे। श्री केदिलाय ने इस दौरान 23 राज्यों के 9,000 गांवों से होते हुए 26,650 किलोमीटर की यात्रा तय की। यात्रा के समापन पर कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह वही स्थान है जहां से स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो के लिए अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। और इसी स्थान से श्री सीताराम जी ने भी भारत परिक्रमा यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास से ही भारत का विकास होगा। इस यात्रा से एक बात पता चली कि गांव-गांव जाकर ही एक महत्वपूर्ण परिवर्तन संभव है। हम जब भी कुछ नया करेंगे तो जीवन में समस्याएं आएंगी। लेकिन हमें खुद ही उन समस्याओं को अच्छे कर्मों से हल करने का अभ्यास करना होगा। यह खुद के लिए भी अच्छा होगा और समाज के लिए भी। श्री भागवत ने कहा कि स्वार्थ, अहंकार, अभिमान को त्यागकर समाज एक साथ पग-से पग मिलाकर चले, इससे ही राष्ट्र का विकास होगा।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा एवं भारत परिक्रमा यात्रा ने समाज में जागरूकता पैदा की है। मैंने इस यात्रा से पंचभूत-जल, जंगल,जमीन, जन और पशुओं के संरक्षण के बारे में जागरूकता का प्रयास किया। इस यात्रा से न केवल व्यक्तियों ने बल्कि विभिन्न संगठनों और राष्ट्रीय नेताओं ने इन मुद्दों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। नतीजतन स्वयंसेवक और द्रुतगति से पर्यावरण संरक्षण, जल, मिट्टी, जंगल, जैव विविधता के संरक्षण के कार्यों में जुट गए हैं। शुरुआत में हमारा ध्यान केवल व्यक्ति निर्माण और संगठन निर्माण तक ही सीमित था। धीरे-धीरे सेवा क्षेत्र में गतिविधियां शुरू हुर्इं, गांवों के विकास के लिए काम शुरू हुआ और अब पर्यावरण संरक्षण पर काम हो रहा है।
—सीताराम केदिलाय
वेलीमलाई आश्रम के स्वामी श्री चैतन्यानंद महाराज ने कहा कि सीताराम जी की मंगलमय यात्रा पूर्ण हुई, इसके लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को बधाई और शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि यह भारत पुण्यभूमि है। यहां की विविधता और संस्कृति अनुपम है। लेकिन मीडिया का एक वर्ग सदैव भारत की छवि को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करता रहता है, जो ठीक नहीं है। मेरा मीडिया से अनुरोध है कि वह भारत की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को दिखाए। विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महासचिव श्री चंपत राय ने कहा कि हमारे संत-मुनि, जैसे स्वामी विवेकानंद, आद्य शंकराचार्य, गुरु नानक,स्वामी दयानंद एवं अनेक जैन संतों ने भी ऐसे ही देशभ्रमण किया और जन-जन से मिले और उनकी पीड़ा को समझा। आज यह काम सीताराम जी ने किया है। केन्द्रीय राज्यमंत्री पी.राधाकृष्णनन ने कहा कि श्री सीताराम जी ने समाज को जोड़ने का महान कार्य किया है।
इस यात्रा ने गांव-गांव लोगों को जाग्रत करने के साथ ही सभ्यता, संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षण के लिए युवाओं को दिशा देने का काम है। उन्होंने कहा कि जब श्री सीताराम ने यात्रा की शुरुआत की थी तब कुछ लोग उनके साथ चले थे लेकिन जैसे-जैसे वे चलते रहे, उनके साथ अपार जनमानस जुड़ता गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से रा.स्व.संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
ल्ल प्रतिनिधि
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