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भारत सहित दुनिया के तमाम देशों के लोग ये देखकर हैरान हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिन में 18 से 20 घंटे काम कैसे कर लेते हैं, 6 दिन में 5 देशों के दौरे कैसे कर लेते हैं, सुबह से लेकर देर रात तक बैठकें कैसे ले लेते हैं और कैसे उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं दिखाई देती! एक नहीं, कई बार खुद प्रधानमंत्री मोदी इसका राज बता चुके हैं और वह है योग। भोर में उठकर योग करना उनकी दिनचर्या का अभिन्न अंग है। यही है जिससे उन्हें इतनी ऊर्जा मिलती है कि वे बिना रुके काम में जुटे रहते हैं।
प्राचीन ग्रंथों के ऋषियों ने आरोग्य के ये सूत्र पांच हजार वर्ष पहले दिए थे किन्तु अंग्रेजी सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक गुलामी की मानसिकता ओढ़े रखने को ही ‘शिक्षा’ का दर्जा दे रखा था। लिहाजा अपने यहां योग जैसा निरोग-मंत्र पोथों में दबाए रखा गया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्टÑ संघ में दुनिया के 177 देशों को योग के प्रति आकर्षित किया और संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्टÑीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। आज योग और आयुर्वेद स्वस्थ-सबल जीवनशैली के आवश्यक अंग की तरह स्वीकारे जा रहे हैं। दुनिया में भारत की इस सांस्कृतिक थाती के प्रति जिज्ञासा बढ़ रही है।
इस बार अंतरराष्टÑीय योग दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है योग-आयुर्वेद के अनूठे समन्वय, पातंजल योग प्रदीप के अनुसार विभिन्न ऊर्जा चक्र और योग को समर्पित कुुछ विशिष्ट जन और संस्थाओं की चर्चा से सजा पाञ्जन्य का यह विशेष आयोजन।
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