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विश्व संवाद केंद्र, आगरा (ब्रज प्रांत) द्वारा गत दिनों देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर राज्यसभा सांसद डॉ़ सुब्रह्मण्यम स्वामी एवं मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उ.प्र.-उत्तराखंड (पश्चिमी) के प्रचार प्रमुख श्री पद्म उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रहने वालों का डीएनए एक है। जिस दिन मुस्लिम यह मान लेंंगे कि उनके पूर्वज हिन्दू हैं, उस दिन सब एक हो जाएंगे। उन्होंने तीन तलाक पर कहा कि इसे संविधान के तहत रद्द किया जा सकता है और कोई इसे शरीयत में होने का तर्क नहीं दे सकता। इस अवसर पर श्री पद्म ने कहा कि देवर्षि नारद ने लोक कल्याण को ही सर्वाधिक महत्व दिया। घटना क्या है, केवल यह नहीं बताया, घटना क्या हुई, इसको भी उजागर किया, समाधान दिया। उन्होंने इसी भाव को लेते हुए सत्य को प्रामाणिकता से प्रस्तुत किया, इसलिए देवर्षि नारद आज भी प्रासंगिक हैं। ल्ल (विसंकें, आगरा)
'विश्व में बढ़ता भारत का महत्व'
पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बख्शी का तालाब स्थित एसआर कॉलेज में संपन्न हुई। समारोह का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सर्वश्री नागेश ठाकुर, महामंत्री विनय बिद्रे, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील आम्बेकर ने किया। इस अवसर पर डॉ़ नागेश ठाकुर ने कहा कि शिक्षा, सामाजिक कुरीतियों, अन्याय के निराकरण हेतु लोग परिषद की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। संगठन की 70 वर्ष की विचार यात्रा में अनेक लोगों ने त्याग, तप से विद्यार्थी परिषद को मुकाम तक पहुंचाया, इसे आगे बढ़ाना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, सशक्त विदेश नीति, घोटाला मुक्त शासन व्यवस्था से विश्व में भारत का महत्व बढ़ा है। लेकिन कश्मीर में सीमापार का आतंकवाद, और नक्सलवादी वारदातें चिंतित करती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यापारीकरण का भी परिषद् विरोध करता है। इसके लिए आंदोलन किये गए। राष्ट्रीय महामंत्री श्री विनय बिद्रे ने कहा कि परिसरों में देश विरोधी तत्व, शैक्षिक योजना-नीति, परिसरों में संघर्ष, संगठनात्मक विकास, सदस्यता, संपर्क अभियान, कार्यक्रमों का विभिन्न स्तरों पर स्वरूप, मीडिया, सोशल मीडिया, छात्रसंघ चुनाव, प्रकाशन, पर्यावरण, राष्ट्रीय सुरक्षा, आगामी योजनाएं आदि विषयों पर बैठक में विस्तृत रूप से चर्चा हुई। ल्ल (विसंकें, लखनऊ )
'पत्रकारिता में नारदीय तत्व की आवश्यकता'
''भारतीय पत्रकारिता में आज नारदीय तत्व की आवश्यकता है। आद्य पत्रकार देवर्षि नारद की पत्रकारिता में स्रोत प्र्रामाणिक और पवित्र होने के साथ ही सर्वव्यापक होते थे। भारत में आधुनिक पत्रकारिता के उदय का श्रेय कलकत्ता से प्रकाशित होने वाले उदंत मार्तण्ड को है, जिसके प्रथम पृष्ठ पर आद्य पत्रकार देवर्षि नारद का चित्र अंकित था।'' उक्त बातें पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने कहीं। वे गत दिनों विश्व संवाद केन्द्र, मेरठ द्वारा आयोजित आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नारद जी के संवाद में चुटीलापन तो था, लेकिन शब्दों का चयन और भाषा में मर्यादा थी। वर्तमान समय की पत्रकारिता में भाषा के स्तर में गिरावट देखी जा सकती है।
आज पत्रकारिता व भाषा में नारदीय तत्व की आवश्यकता है। खबरें जहां होती थीं, नारद वहां होते थे। उनकी स्वीकार्यता देवलोक, पृथ्वी और पाताल सभी जगह थी। आज स्वतंत्रता के इतने वषोंर् के बाद हम देखते हैं कि पत्रकारिता जहां मिशन थी, उसकी स्वीकार्यता और विश्वसनीयता का संकट बढ़ रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रदेव के सम्पादक श्री अजय मित्तल ने विश्व संवाद केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज भारत में 41 विश्व संवाद केन्द्र तथा एक केन्द्र नेपाल में है जो निरन्तर मीडिया को राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा देते रहते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कार्यक्रम सम्मानित पत्रकारों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ल्ल (विसंकें, मेरठ)
'तथ्यों को जांचकर ही करें कुछ पोस्ट'
''अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत को 136वां स्थान दिया गया है। इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का क्रमांक 133 था। इसलिए अब तक सब बहुत अच्छा था और आज ही अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़ा खतरा निर्माण हुआ है, यह शोर बेमानी है।'' उक्त बातें जी न्यूज के कार्यकारी संपादक श्री रोहित सरदाना ने कहीं।
वे विश्व संवाद केन्द्र, नागपुर द्वारा आयोजित नारद जयंती पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योग घरानों द्वारा संचालित मीडिया का व्यावसायीकरण हो गया है, इसलिए वहां कुछ भी संतुलित नहीं होता।
सोशल मीडिया के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह सूचना का प्रभावी माध्यम बन गया है। इससे लोगों को विविध स्रोतों से किसी भी घटना की जानकारी मिलती रहती है। इसमें कई बार गलत जानकारी भी होती है। ऐसे में संदेहजनक प्रतीत होने पर तथ्यों को जांच लेना चाहिए। समाचारपत्र 'लोकशाही वार्ता' के संपादक श्री लक्ष्मणराव जोशी जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि टेलीविजन प्रसार माध्यमों की भीड़ में भी मुद्रित माध्यमों ने ध्येयवादी पत्रकारिता
का दामन नहीं छोड़ा तो उनका महत्व अबाधित रहेगा। ल्ल (विसंकें, नागपुर)
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