समृद्धि की सार्थक पहल

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दिंनाक: 22 May 2017 12:39:26

– गुरु प्रकाश-

समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए वर्तमान केंद्र सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उससे सामाजिक न्याय की भावनाओं में बुनियादी बदलाव देखा जा रहा है। सरकार सामाजिक दृष्टि से पिछड़े हुए लोगों के लिए प्रभावी उपाय तलाश व तराश रही है। सरकार ने पहले दिन से ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिये कि उसकी पहली प्राथमिकता 'गरीबों का कल्याण' होगी। सामाजिक न्याय हमारे संविधान का एक महत्वपूर्ण आधार है।
'दलित उद्यमशीलता' का विचार सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों के कौशल को वित्तीय एवं विनियामक सुविधाओं से युक्त आवश्यक समर्थन प्रणाली मुहैया कराता है। भारत विभिन्न औद्योगिक कौशलों, जैसे जूता निर्माण, पॉलिशिंग, हथकरघा आदि का परंपरागत संरक्षक रहा है। वर्तमान सरकार ने संस्थागत एवं व्यक्तिगत स्तर पर भागीदारी के माध्यम से सहकारी, कॉर्पोरेट और अन्य जगहों पर समाज के पिछड़े तबके का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।  
केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं-
प्रधानमंत्री जन-धन योजना, सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार और उप-उद्यमिता के लिए संस्थागत समर्थन।
 प्रधानमंत्री जन-धन योजना, एक महत्वपूर्ण योजना है जो वित्तीय असमानता को समाप्त करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को बैंक खातों से जुड़ना सुनिश्चित करती है।
सामाजिक सुरक्षा दायरा विस्तार योजना को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (दुर्घटना बीमा), अटल पेंशन योजना (असंगठित क्षेत्र) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना (जीवन बीमा) से साधा गया है, जो समाज के हाशिए पर रह रहे लोगों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा देती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को सूक्ष्म वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भी कदम उठाया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना की गई है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में सूक्ष्म इकाइयों के लिए  1,37,449़ 27 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 1,32,954़ 73 करोड़ रुपए वितरित हो चुके हैं।
अनुसूचित जातियों के लिए ऋण संवर्धन गारंटी योजना
 इस योजना का उद्देश्य है अनुसूचित जातियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और उनको रियायती वित्त सहायता प्रदान करना। यह योजना भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) लिमिटेड द्वारा लागू की जाएगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
स्वच्छ उद्यमी योजना
यह योजना 'स्वच्छ भारत अभियान' का अभिन्न अंग है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) ने सामुदायिक शौचालयों और कूड़ा-कचरा इकट्ठा करने के लिए सफाई वाहनों के वित्त पोषण हेतु 'स्वच्छ उद्यमी योजना' नाम से एक नई योजना शुरू की है।
हरित व्यवसाय योजना
यह योजना अनुसूचित जातियों और सफाई कर्मचारियों को सतत आजीविका देने हेतु एनएसएफडीसी द्वारा शुरू की गई है। इसके अंतर्गत ई-रिक्शा, सौर पंप और सौर ऊर्जा से चलने वाले अन्य उपकरणों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सहायता मिली है।
स्वच्छता हाट योजना
यह योजना 2014-15 में शुरू की गई। इसके तहत शौचालयों/बायो शौचालयों के निर्माण हेतु सफाई कर्मचारियों को 15 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना
 यह योजना समाज के सर्वाधिक कमजोर समूहों के बीच उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के लिए हाल ही में शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की प्रत्येक शाखा को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और महिला श्रेणी से कम से कम एक-एक उद्यमी को कर्ज  देने के लिए कहा गया है।
पंचतीर्थ की घोषणा
 भारत सरकार ने बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित 5 मुख्य स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने बाबासाहेब के जन्मस्थान महू में एक भव्य स्मारक स्थापित किया है। महाराष्ट्र सरकार ने 10, किंग हेनरी रोड, लंदन स्थित उस घर को खरीद लिया है जहां से बाबासाहेब ने अपनी उच्च शिक्षा हासिल की थी। इसका उद्घाटन 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान किया था।  
उपर्युक्त योजनाएं साफ-साफ इंगित करती हैं कि वर्तमान सरकार अनुसूचित समाज और अन्य पिछड़े वगोंर् के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
(लेखक 'इंडिया फाउंडेशन' से जुड़े हैं) 

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