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गत दिनों उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर में राष्ट्रीय सेवा भारती, गोरक्ष प्रांत का वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ।
इस अवसर पर हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह गोसेवा प्रमुख श्री अजीत महापात्र उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उपेक्षित बन्धुओं की सेवा, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयत्न, समाज के प्रत्येक सामर्थ्यवान व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यदि हम वंचित समाज के इन बंधुओं के लिए आगे नहीं आएंगे तो हमारी उपेक्षा के शिकार हमारे अपने ही बंधुओं को भड़का कर देश विरोधी ताकतें उन्हें देश और समाज के खिलाफ खड़ा करने का षड्यंत्र करेंगी। पूर्व में ऐसे प्रयास हो ही चुके हैं। दूसरी बात सेवा कार्य करते हुए हमारे मन में यह पवित्र भाव होना चाहिए कि हम एक व्यक्ति की सेवा नहीं, अपितु साक्षात प्रभु की ही सेवा कर रहे हैं। हृदय में इस भाव के साथ सेवा करने से ही हमारी सेवा सार्थक होती है।
इस अवसर पर महानगर में संचालित सेवा भारती के संस्कार केन्द्रों के बच्चों द्वारा नृत्य व गायन की भी प्रस्तुति दी गई। प्रतिनिधि
'लाल आतंक' से रक्त रंजित हो रहा केरल
यह दिल्ली में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जोरदार पैरवी करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का दोहरा चरित्र ही है कि केरल में उसके गुंडों द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो दूर, किसी दूसरी विचारधारा के लोगों को बर्दाश्त तक नहीं किया जाता। पिछले दिनों नई दिल्ली के कॉस्टीटयूशन क्लब में इस मुद्दे को समाविष्ट करते हुए 'केरल में बढ़ती-कम्युनिस्ट हिंसा' पर एक सेमिनार का आयोजन हुआ। इसमें केरल के उन 17 लोगों के परिवार आए थे, जिन्हें मार्क्सवादी गुंडों ने मौत के घाट उतार दिया था। जब इन लोगों ने हिंसा की रोंगटे खड़ी कर देने वाली आंखों देखी घटनाएं सुनाईं, तो श्रोता आक्रोश से भर उठे। इन लोगों ने बताया कि कैसे वे केरल में आतंक के साये में जी रहे हैं क्योंकि शासन, प्रशासन सब माकपा से जुड़े हैं। इसलिए ऐसे परिवारों की आवाज दिल्ली में सुनी जाए़, कन्नूर जिले के सह-कार्यवाह श्री सोहन लाल शर्मा इन लोगों को दिल्ली लेकर आये।
इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि कम्युनिष्ट पार्टी के अराजक गुंडे अब तक रा.स्व.संघ और भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार चुके हैं। लेकिन जब भी कोई घटना होती है तो माकपा के नेता इसे झुठला देते हैं। मैंने माकपा नेता सीताराम येचुरी को चुनौती दी कि वे साबित करें कि केरल में कैसा लाल आतंक झूठा प्रोपेगेंडा है। उन्होंने कम्युनिस्ट आतंक के शिकार हुए उन सभी लोगों के नाम गिनवाए, जिन्हें केरल में माकपाई गुंडों ने आईएसआईएस से भी ज्यादा निर्मम तरीके से मौत के घाट उतारा है। मूल केरल वासियों की संस्था नवोदयम के अध्यक्ष और सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री कैलाश नाथ पिल्लई ने केरल में 1957 से चल रहे लाल आतंक पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि माकपा के कुछ वरिष्ठ नेता दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया में बैठकर मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की डुगडुगी पीटते नजर आते हैं। लेकिन बंगाल और केरल में आए दिन हो रहे खून-खराबे पर कुछ नहीं बोलते। कन्नूर जिले के सहकार्यवाह श्री सोहनलाल शर्मा ने उन परिवारों से परिचित करवाया, जिनके अपनों को उनकी आंखों के सामने निर्मम तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया। प्रतिनिधि
ध्येय पथ पर बढ़ता संघ
गत दिनों उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के नॉलेज पार्क स्थित आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय वर्ग आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से विभिन्न विद्यालयों के 500 से अधिक छात्र सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में उपस्थित मेरठ प्रांत प्रचार प्रमुख श्री अजय मित्तल ने कहा कि स्वराज को सुराज में बदलने के लिये देशभक्ति, चरित्र, अनुशासन व संगठन नामक चार तत्वों की आवश्यकता होती है। संघ का स्वयंसेवक, राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के
लिये स्वेच्छापूर्वक आत्मीयता से सर्वस्व समर्पण करने की भावना रखने वाला होता है। वह प्रखर देशभक्त, चरित्रवान्, असीमित सेवाभावी एवं स्वत: प्रेरित अनुशासित जीवन जीने वाला होता है। सन् 1925 में ड़ॉ. हेडगेवार जी ने संघ स्थापना के समय ऐसे स्वयंसेवकों का संगठन बनाने का लक्ष्य रखा था, यदि हम आज आकलन करते हैं तो पाते हैं कि संघ अपने लक्ष्य में सफल हुआ है। संघ ने देश के लिए सर्वस्व समर्पण करने वाले व्यक्ति तैयार किए हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश श्री जोगेन्द्र सिंह त्यागी ने कहा कि नागरिकों में राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण के लिए संघ सराहनीय प्रयास कर रहा है और समाज में सभी को साथ मिलकर अपने राष्ट्र को उच्च शिखर पर पहुंचाने में सहयोग करना चाहिये। प्रतिनिधि
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