अपनी बात : ये चमक और ये सबक
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अपनी बात : ये चमक और ये सबक

by
Feb 20, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 20 Feb 2017 12:49:22

लोहा तो सब पहले से मानते ही थे, अब तो यह साख सोने-सी निखर आई है। 15 फरवरी, 2017 को भारत ने आधे घंटे में उस असंभव को संभव कर दिखाया जिसका सपना आज भी बड़े-बड़े देशों के लिए दूर की कौड़ी है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 30 मिनट में सात देशों के सौ से भी ज्यादा उपग्रह कक्षा में स्थापित करना क्या कोई छोटी बात है? इस सफलता को यूं आंकिए कि रूस जैसी महाशक्ति के केवल दो वर्ष पूर्व स्थापित कीर्तिमान को करीब तिहरे अंतर से पार किया गया। निश्चित ही उपलब्धि बड़ी है किन्तु इसरो की इस सफलता को सिर्फ कीर्तिमान की कसौटी पर नहीं रखा जा सकता। यहां, अपनी प्रक्षेपण योग्यता को परखने, साबित करने और लगातार बेहतर करते जाने की चुनौती इतनी प्रबल रही कि बड़े से बड़े रिकॉर्ड भी लंबे सफर के बीच आने वाले पड़ावों से ज्यादा महत्व नहीं रखते।

जर्मनी के एकीकरण और राममंदिर आंदोलन का उफान देखने से वंचित नई पीढ़ी के लिए यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा खुद को चुनौती देने और सफलता की इन मुस्कानों के पीछे अपमान से पैदा तड़प का भी बड़ा हाथ है। आज तालियां बज रही हैं किन्तु करीब दो दशक पूर्व महाशक्तियों से अपमान मिला था।

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए पोकरण में परमाणु परीक्षण उसकी आवश्यकता से जुड़ा और प्रभुसत्ता के अंतर्गत लिया गया निर्णय था। किन्तु भारत पर लांछित करने वाले वैश्विक प्रतिबंध थोप दिए गए। अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोगात्मक रूप से बढ़ने की सहमति के साथ जो क्रायोजेनिक तकनीक भारत को दी जानी थी उससे हाथ खींच लिए गए। अमेरिका के दबाव में रूस पीछे हट गया…तब शुरू हुई यह यात्रा। तमिलनाडु के महेंद्रगिरी पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक अनवरत शोध-साधना में जुटे रहे। अत्यल्प संसाधनों के साथ अतिप्रबल जनाकांक्षाओं को पूरा करने का अनूठा अभियान।

मन में कुछ पंक्तियां कौंधती हैं। संभवत: ऐसा ही कोई संकल्प मंत्र इस राष्ट्र के मन में तब गूंजा था 'न हो साथ कोई, अकेले बढ़ो तुम, सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी, सदा जो जगाए बिना ही जगा है,अंधेरा उसे देखकर ही भगा है। वही बीज पनपा, पनपना जिसे था, घुना क्या किसी के उगाए उगा है। अगर उग सको तो उगो सूर्य से तुम, प्रखरता तुम्हारे चरण चूम लेगी।' आज भारतीय मेधा का सूर्य चमक रहा है। लेकिन बात अधूरी रह जाएगी यदि उन घुने हुए बीजों का जिक्र न हो जिन्हें उगाने, हरियाने की कोशिशें सबने कीं लेकिन परिणाम शून्य रहा। भारत वैश्विक उपेक्षा और प्रतिबंधों के बाद भी आज इस सम्मानजनक सोपान तक आया है। पाकिस्तान चीन-अमेरिका की लगातार पुचकार और भारी आर्थिक अनुदानों के बावजूद कहां है?

भारत को रोकने, थामने, अलगाने वाले लगभग सभी देश या तो सिमटते गए हैं या भारत के साथ आते गए हैं। किन्तु इस सफर में पाकिस्तान तब कहां खड़ा था और आज कहां खड़ा है?

सोचिए, दिल्ली यमुना किनारे 'विश्व संस्कृति महोत्सव' की साक्षी बनती है और लाहौर-सिंध में फितूरी हमलावर दरगाह और बाजारों में दर्जनों जिंदगियां लील जाते हैं! तब भी भारत से परमाणु खतरे की पाकिस्तानी डुगडुगी दुनिया भर में बजाई गई थी। आज भी पाकिस्तान का सैन्य तंत्र और मीडिया उन्हीं 'झूठे अंदेशों' को दुनिया के सामने भुनाने में जुटा है।

भारत शोध और विकास की डगर पर बढ़ता गया पाकिस्तान आशंकाओं और षड्यंत्रों की अपनी ही रची भूलभुलैया में भटकता रहा।

इस सप्ताह जहां विश्व समुदाय को हर्ष और गर्व पहुंचाने वाली इसरो की उपलब्धि ने समाचारों में जगह बनाई है, वहीं पाकिस्तान की ओर से 2,000 के भारतीय नोट की नकल (17 में से 11 सुरक्षा मानकों की नकल के साथ) के अंदेशे और एक और आत्मघाती बम धमाके की खबर मीडिया में तैर रही है।  यही अंतर है। भूगोल एक होने भर से सोच और लीक एक नहीं हो सकती। नींव में से अपने पुरखों, अपने इतिहास, ज्ञान परंपरा और विश्वबंधुत्व के अनमोल पत्थरों को निकाल फेंकेंगे तो और क्या होगा? पाकिस्तान को उसकी 'हिन्दू विरासत' से काटने वालों ने क्या इस पूरे देश को कबाइली पत्थरयुग में नहीं ला पटका?

खैर, सिंध धमाके में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते यही कहना ठीक होगा- लीक ठीक हो, तो सब ठीक होता है।  आसमान से पैसे भी बरसते हैं, आफत भी। पाकिस्तान के लिए यह भारत से, अपने पुरखों से, सीखने का समय है।

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies