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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार पिछले दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया। इसी क्रम में उन्होंने बस्तर में पत्रकारों से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद में कई समानताएं होने के बावजूद दोनों की तुलना नहीं की जा सकती। आतंकवादी जहां मजहब को आधार बनाकर देश को खंडित करना चाहते हैं, वहीं नक्सली अपने एजेंडे को लेकर भ्रमित हैं। वे देश में अराजकता का स्थायी माहौल पैदा कर सत्ता पर काबिज होने का स्वप्न देख रहे हैं, जो कि कभी पूरा नहीं होने वाला। आतंकवाद और नक्सलवाद के पीछे विदेशी ताकतें हैं, जो देश को मजबूत होते नहीं देखना चाहतीं। उन्होंने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में बतौर संघ प्रचारक काम कर चुके हैं, इसलिए आतंकवाद को बड़ी नजदीकी से देखा है। वहां के आतंकी मजहब को आधार बनाकर दूसरे मत-पंथों के लोगों पर निशाना साधते हैं और देशविरोधी कार्य कर देश की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि संघ को लगातार बदनाम करने की साजिशें की जा रही हैं। कुछ लोग तथा संगठन लगातार यह दुष्प्रचार करते रहते हैं कि संघ कट्टर हिंदूवादी संगठन है और गैर-हिंदुओं का विरोधी है। उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि संघ के लिए देश सर्वप्रथम है और संघ की देशभक्ति पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। संघ सभी मत-पंथों का सम्मान करता है। विसंकें, छत्तीसगढ़
'कठमुल्लों के शिकंजे से बाहर निकले मुस्लिम समाज'
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने 14 फरवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि गृह राज्यमंत्री श्री किरेन रिजीजू ने हिंदू जनसंख्या में कमी पर जो बात कही, वह एक जिम्मेवार नेता की राष्ट्रहित में व्यक्त गहरी चिंता का परिचायक है। इस बयान का विरोध करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वे ओछी राजनीति का शिकार बन अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं जिससे न सिर्फ मुसलमानों, बल्कि देश का भी अहित हो रहा है। विश्व के सभी सभ्य समाज आज परिवार नियोजन को स्वीकार कर रहे हैं, किंतु ये नेता अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु आबादी बढ़ाकर उन्हें विकास नहीं, सच्चे विनाश की ओर ले जाकर जिहाद की आग में झोंकने का कार्य कर रहे हैं। मुस्लिम समाज की वर्तमान स्थिति को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि ये नेता उन्हें भारत में भी स्वाभिमान व शांति से नहीं रहने देना चाहते। इन राजनेताओं को यह तथ्य समझना चाहिए कि स्वयं बौद्ध होते हुए भी श्री रिजीजू ने इस विषय पर अपनी चिंता केवल देशहित में व्यक्त की है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व हिंदू परिषद मुस्लिम समाज की विरोधी नहीं है। हम मानते हैं कि वे सभी इस देश के ही धरती पुत्र हैं जिनके पूर्वज हिंदू ही थे किंतु कथित सेकुलरों के कारण उनमें असहिष्णुता पनपी। हमारी मुस्लिम समाज को सलाह है कि वह कठमुल्लों और सेकुलरों के शिकंजे से बाहर निकलकर विकास के मार्ग पर आगे बढ़े। प्रतिनिधि
साहित्य बिक्री सप्ताह संपन्न
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग की ओर से वर्ष में एक बार प्रचार दिवस पर सार्वजनिक स्थानों पर साहित्य बिक्री की जाती है। इसी के तहत गत दिनों जयपुर में संघ से जुड़ी पुस्तकें बेची गईं। इस अभियान में शहर के प्रमुख चौराहों, पाकार् और मंदिरों सहित अनेक स्थानों पर संस्कार प्ररेक कम दर वाले साहित्य की बिक्री की गई। साहित्य बिक्री सप्ताह में स्वयंसेवकों द्वारा समसामयिक मुद्दों, महापुरुषों, स्वास्थ्य, भारतीय संस्कृति, प्रेरक कथाओं और राष्ट्र के प्रति गौरव बढ़ाने वाली पुस्तकों का विक्रय किया गया। विसंकें, जयपुर
'अहंकार करने से सेवा का मूल्य माटी हो जाता है'
गत 10 फरवरी को भोपाल में संत रविदास जयंती और सेवा भारती के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर श्रम साधक संगम का आयोजन हुआ। इसमें भोपाल की 160 सेवा बस्तियों के सभी प्रकार के श्रम साधक उपस्थित थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने इस संगम को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास जी महाराज ने हमें अपने काम और व्यवहार से संदेश दिया था कि कोई भी काम और मनुष्य छोटा-बड़ा नहीं होता, सब समान होते हैं। हमें अपने श्रम को हल्का नहीं मानना चाहिए। समाज को उसकी आवश्यकता है, इसलिए हम वह श्रम कर रहे हैं।
श्रम में जिसका मान होता है, वही देश विकास करता है। इसलिए हमें श्रम और श्रमिकों का सम्मान करना चाहिए। राजा की सवारी के लिए सब रास्ता छोड़ते हैं, परंतु सवारी के सामने श्रमिक आ जाए तो राजा भी उसके लिए रास्ता छोड़ देते हैं। यह हमारी परंपरा है। उन्होंने कहा कि सेवा का अंग्रेजी में अर्थ 'सर्विस' बताया जाता है। 'सर्विस' के साथ वेतन भी होता है। इसलिए अपने यहां इसे सेवा नहीं माना जाता है। जो व्यक्ति यह कहता है कि उसने बहुत सेवा की है अर्थात् सेवा का अहंकार जब प्रकट होता है, तब उसका मूल्य माटी हो जाता है।
सेवा भारती के कायार्ें की सराहना करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि सेवा भारती के कार्यकर्ता समाज को अपना मानते हैं, इसलिए सेवा कार्य करते हैं। वे मानते हैं कि समाज परिवार का कोई भी भाई पीछे नहीं रहना चाहिए।
संगम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में सेवा भारती ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। श्रम साधकों के प्रति समाज और सरकार के भी कुछ कर्तव्य हैं, हमें इन कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौरान ने प्रदेश के सभी श्रमिकों को कानून बनाकर घर उपलब्ध कराने की घोषणा की। संगम में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। प्रतिनिधि
श्रद्धांजलि
ईश कुमार चड्ढा नहीं रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री ईश कुमार चड्ढा का 12 फरवरी को निधन हो गया। 77 वर्षीय श्री चड्ढा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। बाल्यकाल से स्वयंसेवक श्री चड्ढा ने नगर से लेकर प्रांत तक के दायित्वों को समर्पण और निष्ठा के साथ निभाया। उन्होंने प्रांत सह कार्यवाह और प्रांत संपर्क प्रमुख जैसे दायित्वों को निभाते हुए स्वयंसेवकों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया। वे दिल्ली के प्राय: सभी स्वयंसेवकों के संपर्क में रहते थे। 20 सितंबर, 1939 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे ईश जी वहीं संघ के संपर्क में आ गए थे। देश विभाजन के समय 1947 में वे अपने भाइयों और बहनों के साथ जालंधर आए और एक शिविर में रहने लगे। वहां उन्होंने बहुत ही संघर्षपूर्ण जीवन जिया। बाद में वे संघ के प्रचारक बने और चंडीगढ़ में संघ कार्य करने लगे। इसके बाद वे दिल्ली आ गए और बैंक में नौकरी करने लगे। 1974 में वे वैवाहिक बंधन में बंधे। पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए भी उन्होंने आजीवन संघ कार्य किया। स्व. चड्ढा को पाञ्चजन्य परिवार की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि। प्रतिनिधि
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