श्रद्धाञ्जलिजड़ से जुड़ा जननायक
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श्रद्धाञ्जलिजड़ से जुड़ा जननायक

by
Jan 2, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Jan 2017 16:15:40

 

सुंदरलाल पटवा जी भारत की राजनीति, राजनेताओं की विनम्रता, भाजपा की समझ, जनता और नेता के संबंध- इन सब पर ऐसी गहरी छाप छोड़ गए हैं, जिसकी गूंज कई दशकों तक सुनाई देती रहेगी। 1990 की बात है। पटवा जी भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस ने उनकी घेराबंदी करने के लिए राजकुमार पटेल को टिकट दिया। तुरुप का पत्ता। राजकुमार पटेल जिस समुदाय से संबंधित हैं, उसका भोजपुर ही नहीं, आसपास के कई सौ किलोमीटर तक भारी दबदबा है। उस पर खुद राजकुमार पटेल के परिवार की भारी प्रतिष्ठा थी। पटेल ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पोस्टरों में लिखा गया- तुमरो मौड़ा राजकुमार (तुम्हारा बेटा राजकुमार)। पटवाजी प्रदेश भर के दौरों में व्यस्त थे। अपनी सीट के लिए उन्होंने अंतिम कुछ दिन निर्धारित किए थे। एक पत्रकार के तौर पर उनके चुनाव दौरे की कवरेज के लिए मैं साथ था। चुनाव दौरे का पहला दिन। भोजपुर का एक छोटा-सा गांव। पटवा जी पहुंचे। गांव के लगभग हर व्यक्ति को वे पहचानते-जानते थे। कुशल-क्षेम, चाय-पान हुआ और चलने का समय आ गया। चलते हुए पटवा जी ने पूछा—कैसा माहौल है?

बाकी तो सब ठीक ही है, बस थोड़ी बिरादरी की बात है? बेहद विनम्र और माफी मांगते अंदाज में ईमानदार जवाब। बिरादरी की बात- माने जाति की बात। पूरे गांव में एक-दो परिवारों को छोड़कर सारे पटेल ही थे। कुछ कांग्रेस उम्मीदवार के रिश्तेदार भी थे। पटवा जी ने सुना, लेकिन कुछ बोले नहीं। अगले गांव की ओर चल दिए। ग्रामीणों से ठेठ गंवई भाषा में बात होती रही। चलते समय फिर वही सवाल और फिर वही जवाब। पटवाजी फिर चुप रहे। तीसरा गांव बड़ा था। कोई एक हजार मतदाता होंगे। सारे गांव को मिलने के लिए बुला लिया गया। मेल-मुलाकात के बाद फिर वही सवाल   उठा फिर वही जवाब मिला।

अब पटवाजी का धैर्य टूट गया। उठकर खड़े हुए और भाषण देना शुरू किया। मात्र चंद वाक्यों का भाषण। बोले,''मैं दो गांवों से होकर आ रहा हूं। लगातार सुन रहा हूं कि बिरादरी की बात है। क्या कोई शादी-ब्याह हो रहा है? यह चुनाव हो रहा है, जो राजनीति का और लोकतंत्र का संस्कार है। राजनीति में तो (मध्यप्रदेश में) दो ही जातियां होती हैं। एक कांग्रेस और एक भारतीय जनता पार्टी। बताइए आप किस जाति के हैं।''

और पटवा जी ने भीड़ से हाथ खड़े करवा दिए कि उनकी राजनीतिक जाति कौन सी है। शाम होते-होते, भोजपुर कस्बे तक पहुंचते-पहुंचते पटवा जी का यह अंदाज निखरता चला गया और भोजपुर की सभा में, जिसमें शायद पटेल बिरादरी की संख्या तीन-चौथाई से ज्यादा होगी, पटवाजी ने तीन-चौथाई से ज्यादा लोगों से हाथ खड़े करवा दिए कि उनकी राजनीतिक जाति कौन-सी है।

उस समय तक न तो देश में जातिवादी राजनीति वैसी हुई थी, जैसी बाद के चंद वर्षों में हो गई और मध्यप्रदेश में तो, कुछ जिलों को छोड़कर राजनीति में जातिवाद का कोई अर्थ ही नहीं था। वह उस चुनाव में लगभग 30 हजार मतों से जीते थे। जाति को राजनीति से परे करने का पटवाजी का यह मंत्र शायद आज भी कारगर है और भाजपा की इस खांटी दिशा को उन्होंने सहज ही परिभाषित कर दिया था।

पटवाजी मूलत: और स्वभावत: कार्यकर्ता थे। जमीनी मेहनत वाले। लेकिन नेता के सारे गुणों में भी वह सबसे अग्रणी थे। विधानसभा में पटवा जी के तर्कों से सन्नाटा छा जाता था। विपक्ष में रहते हुए पटवाजी ने कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों का सामना किया। कांग्रेस के शायद सारे मुख्यमंत्री उनको बड़ा भाई घोषित करके अपनी पारी शुरू करते थे, और जब उनकी पद से छुट्टी हो जाती थी, तो फिर से आशीर्वाद मांगने आते थे। यह पटवाजी का राजनैतिक कौशल था। देश के सबसे बड़े राज्य, अविभाजित मध्य प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा कस्बा रहा होगा, जहां से वे कम से कम दो बार पदयात्रा न कर चुके हों। कार्यकर्ताओं के साथ उनके संबंध या यूं कहें कि कार्यकर्ता ही उनका परिवार थे। 1985 के विधानसभा चुनाव में पटवाजी जब सीहोर से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तो कांग्रेस ने फिर उन्हें वहीं घेरने का दांव चला। भोपाल के अखबारों ने यह भी छापना शुरू कर दिया था कि सीहोर में कांटे की लड़ाई है। फिर क्या था, आसपास की जिस-जिस सीट का चुनाव निबटता गया, वहां के कार्यकर्ता पटवा जी का प्रचार करने के लिए सीहोर पहुंचने लगे। पटवा जी नाममात्र वोटों से चुनाव जीत गए। उन्होंने कहा भी—यह भाजपा के कार्यकर्ताओं की जीत है। उनकी की भाषणशैली अद्भुत थी। भाजपा के अनेक नेता और कार्यकर्ता उनका भाषण सुन-सुनकर भाषण देना सीखते जाते थे। वे 1997 के उपचुनाव में छिंदवाड़ा से कमलनाथ को पराजित करके लोकसभा पहुंचे थे। यह उनकी जनमानस से जुड़ने की क्षमता का एक बड़ा उदाहरण था। वे संभवत: एकमात्र ऐसे नेता थे, जो शायद मध्य प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते थे, जीत सकते थे। पटवाजी सिर्फ कर्मवीर नहीं थे। भाग्यशाली भी थे। कुशाभाऊ ठाकरे का जैसा सानिध्य उन्हें मिला, वह विरला ही थे। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के तो वे सबसे लाड़ले थे। वाजपेयी-आडवाणी उनपर अगाध विश्वास रखते। वे हर कार्यकर्ता का सबसे बड़ा संबल थे। श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार में उन्हें ग्रामीण विकास जैसा भारी-भरकम मंत्रालय सौंपा था। कारण? ग्रामराज्य लाने के लिए आंदोलन चला कर सरकार बनाने का इतिहास पटवाजी के नाम है। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धाञ्जलि।     ज्ञानेंद्र बरतरिया

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies