मेधा के बल पर पाई ख्याति
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मेधा के बल पर पाई ख्याति

by
Nov 28, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Nov 2016 14:56:22

30 अक्तूबर, 2016

 

आवरण कथा 'अनूठा संयोग' हर बार से बिल्कुल हटकर है। पत्रिका ने लक्ष्मी तथा सरस्वती के अनूठे संगम का विचार एवं उसके उदाहरण प्रस्तुत कर नए ज्ञानी उद्योगपतियों का अभिनंदन ही नहीं किया बल्कि नई पीढ़ी को इस ओर प्रेरित भी किया है। लक्ष्मी और सरस्वती के परस्पर विरोधी होने की पौराणिक परंपरा नए रूप ले रही हैं और नई पीढ़ी इसे कई क्षेत्रों में सिद्ध भी कर रही है। कोई भी कर्म ज्ञान के स्पर्श के बिना सिद्ध नहीं होता।

—कमल किशोर गोयनका, अशोक विहार (दिल्ली)

 

ङ्म  ज्ञान और समृद्धि का अनूठा संयोग सचमुच विशिष्ट ही है। पिछले पूरे वर्ष इतनी प्रेरणादायक सामग्री किसी पत्रिका में पढ़ने को नहीं मिली। यह अच्छी बात है कि अंक के सभी लेख उत्कृष्ट हैं। श्रमिकों के सच्चे दोस्त के रूप में ठेंगड़ी जी के संबंध में ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई। इस अंक के लिए संपादकीय सहयोगियों को बहुत-बहुत बधाई।

—आचार्य मायाराम पतंग, शाहदरा (दिल्ली)

 

ङ्म  मुझे दीपावली विशेषांक का हर वर्ष हृदय से इंतजार रहता है, क्योंकि इसमें ज्यादा से ज्यादा ऐसे विषयों की जानकारियां समाहित होती हैं जिन्हें हम अक्सर नहीं जान पाते। कुछ अनूठी स्टोरियों से यह आयोजन विशिष्टता को ग्रहण कर लेता है। इस अंक का संपादकीय बहुत ही ओजपूर्ण था जिसको पढ़कर काफी आंनद आया। संग्रहणीय अंक। पत्रिका दिनोंदिन उन्नति करे, प्रभु से यही कामना है।

—बी. एस. शांताबाई, चामराजपेट, बेंगलुरू (कर्नाटक)

 

ङ्म  पत्रिका में हमेशा ही रोचक सामग्री होती है और हम सभी को इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में भारत की सोच क्या है और सरकार क्या कर रही है, वह हमें इसी पत्रिका से पढ़ने का मिलता है। आपने हाल के दिनों में कई प्रेरणादायक स्टोरियां दीं जो अनूठी लगीं।

—महेन्द्र भाटिया, अमरावती (महा.)

 

इनसे सीखें

कहते हैं, प्रत्येक व्यक्ति अपना वर्तमान बदल सकता है लेकिन अतीत नहीं बदल सकता। भारत के साथ सटे कुछ देशों और वहां रहने वाले मुसलमानों का भी ऐसा ही अतीत है, जो उसे छिपा तो सकते हैं लेकिन भुला या पीछा नहीं छुड़ा नहीं सकते। इसके अलावा वे इसे गर्व से अपना भी सकते हैं। इंडोनेशिया के मुसलमान ऐसे ही नागरिक हैं जो अरब की परंपराओं को न मान अपनी प्राचीन परंपराओं को गर्व से अपनाएं हुए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि हमारे पूर्वजों ने पूजा पद्धति का तरीका जरूर बदला था लेकिन अपनी सनातन परंपराओं का त्याग नहीं किया। ऐसे मुसलमान आज पूरे विश्व के सामने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर शांति का संदेश देते हैं।

—अरुण बेरी, ं१४ल्लुी१्रा९१@ॅें्र'.ूङ्मे

 

सपा का चरित्र

'सैफई का संग्राम' रपट से स्पष्ट होता है कि समाजवादी पार्टी की कलह को लोग न केवल समझ गए हैं बल्कि उन्होंने किस लिए यह सब किया वह भी जान गए हैं। इसलिए राज्य की जनता समाजवादी पार्टी के काले कारनामों पर विश्लेषण करे और चुनाव में मत द्वारा इसका जवाब दे। साथ ही भारतीय जनता पार्टी को अखिलेश सरकार की नाकामियों को राज्य की जनता के सामने लाना होगा। क्योंकि इनकी आपसी लड़ाई में लोगों का ध्यान उस ओर से हट गया है। जबकि पांच साल में अखिलेश सरकार ने काम क्या किया यही तो जनता को पता होना चाहिए।

—आनंद जायसवाल, देहारादून (उत्तराखंड)

 

ङ्म  उ.प्र. में होने वाले चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी का यह कहना कि मुसलमान सपा की आत्मा हैं, कई सवाल खड़े करता है। पारिवारिक कलह में फंसा सैफई परिवार अपनी पार्टी के अंदर के हाल को समझ चुका है। इसलिए उसने मुसलमानों को लुभाने और उनका मसीहा बनने के लिए ऐसी चाल चली है। जिससे मुस्लिम उनके बिछाये जाल में फंस जाएं। कांग्रेस और सपा सहित देश के अन्य क्षेत्रीय दलों ने सदैव ही मुसलमानों को वोट बैंक ही समझा है। वोट लेते ही उनका हाल क्या है, उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। इसका परिणाम खुद मुस्लिम देखें। आज सबके कारण ही उनकी हालत अन्य समुदायों के मुकाबले कमजोर है।

—प्रदीप सिंह राठौर, पनकी (उ.प्र.)

 

ङ्म  मुलायम सिंह वैसे एक शिक्षक रहे हैं और पहलवान भी। पहले उन्हें पहलवानी करने के लिए दंगल में जाना पड़ता था लेकिन अब उनके ही घर में दंगल छिड़ा हुआ है। उसमें लड़ने वाले कोई और नहीं बल्कि चाचा-भतीजे हैं। असल में पूरी लड़ाई का आधार वह रकम थी जो भ्रष्टाचार करके कमाई गई थी। इसको हथियाने के लिए ही चाचा-भतीजे आपस में लड़े जा रहे थे। लेकिन नोटबंदी के बाद से पूरा मामला शांत हो गया। पता नहीं ऐसा क्या हुआ जो लड़ाई ही खत्म हो गई। लोग सब

समझते हैं।

—रितिका गौड़, लखनऊ (उ.प्र.)

 

ङ्म  उत्तर प्रदेश में सपा का पांच वर्षीय शासन समाप्ति की ओर है। पांच वर्ष शासन किया। लेकिन इस अवधि में राज्य के हालात की समीक्षा की जाए तो स्थितियां सुधरने के बजाए बदतर ही हुई हैं। हाल ही में महोबा में हुई परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री ने राज्य की जनता से स्पष्ट कहा कि वह सपा, बसपा के चक्कर से बाहर निकले। कांग्रेस आज अपने कर्मों के कारण अंतिम सांसे ले रही है। लेकिन हम सभी को खुद ही जागरूक होना चाहिए कि जो व्यक्ति घोटालों में लिप्त हैं और भ्रष्टाचार के आंकठ में डूबे हैं, उनको नकारें। यही हम सभी के लिए अच्छा होगा और देश के लिए भी।

—जयभान सोमवंशी, समस्तीपुर (बिहार)

 

ङ्म  उत्तर प्रदेश के लोग समाजवादी पार्टी में चल रही अंदरखाने की लड़ाई को समझ ही गए होंगे कि आखिर इस लड़ाई के पीछे क्या था। लेकिन अब लोगों को सही कदम उठाने की जरूरत है। चुनाव आते ही फिर से कुछ दल जनता को अपने जाल में फंसाने के लिए लालच देने लगे हैं। वे फिर से लोगों को कुछ लालच में फांसकर राज्य का बेड़ा गर्क करने वाले हैं। ऐसे सभी लोगों से सवाधान रहने की जरूरत है।

—जयेन्द्र सिंह, प्रतापगढ़ (उ.प्र.)

 

कांग्रेस का काला सच

लेख 'सरदार की बात सुनी होती तो…(30 अक्टूबर, 2016) से जाहिर है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की नीति और सोच की तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उपेक्षा की, जिसका परिणाम आज भी देश और देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। गुट निरपेक्षता की काल्पनिक और भाम्रक छवि में डूबी कांग्रेस ने तब भी और हाल के दस वर्षों में संप्रग काल के दौरान देश का बहुत ही नुकसान किया। जबकि पटेल इनकी कारगुजारियां को भलीभंाति जानते थे। कांग्रेस ने आजादी के बाद से देश की जनता को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक में बांटा है। इसी मानसिकता ने समग्र राष्ट्र को कमजोर किया है और लोगों के मनों में खाईं को चौड़ा किया। लेकिन अब कांग्रेस की बांटो और राज करो की नीति को देश की जनता पहचान

चुकी है।

—मनोहर मंजुल, पिपल्या-बुजुर्ग (म.प्र.)

 

ङ्म  कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विश्व में होती जय जयकार से इतना परेशान हैं कि उनका कोई भी नेता कुछ भी अनाप-शनाप बयान देने लगता है। उन्हें यह भान नहीं रहता कि किसी की आलोचना करने की कोई सीमा होती है। लेकिन सेकुलर नेता सभी सीमाओं को लांघ जाते हैं।

—सुरेन्द्र पंड्या, नासिक (महा.)

 

ङ्म  दुर्भाग्य से सर्जिकल स्ट्राइक के समय जब प्रत्येक भारतीय की भावना देश की सेना के साथ थी तब कुछ देशद्रोही किस्स के लोग इसके सुबूत मांग रहे थे। ओमपुरी जैसे निकृष्ट फिल्म अभिनेता तो कह रहे थे कि सेना में भर्ती होने के लिए किसने कहा। उनके इस बयान से समझा जा सकता है   कि जहर कहां तक फैल चुका है। जिन कलाकारों को हम सिर आंखों पर बैठाते हैं, वे ही लोग देश की बात करने के बजाय देश के विरोध में स्वर बुलंद

करके दुश्मनों को संबल देते हैं। जनता

को ऐसे लोगों को पहचानकर समय

आने पर जवाब देना होगा। वस्तुत: ऐसे निरर्थक बयानों से सेना का मनोबल

गिरता है।

—विनोद कुमार, सहारनुपर (उ.प्र.)

 

मीडिया की सीमा रेखा

'नैतिकता में रहे मीडिया' (13 सितम्बर, 2016) लेख अच्छा लगा। लेख में मीडिया को यह संदेश देता है कि वह किसी भी संवेदनशील मुद्दे की रिपोर्ट करते समय ध्यान में रखे कि रिपोर्ट गलत न होने पाए। कभी-कभी गलत रिर्पोटिंग से समाज में अनियंत्रित स्थिति पैदा हो जाती है। लेकिन ऐसा होता कम ही है जब मीडिया अपनी 'गाइड लाइन' पर चलता हो। अधिकतर सेकुलर मीडिया अपने लोभ और लालच के चलते कुछ विषयों की रिर्पोटिंग जान-बूझकर गलत तरीके से करती हैं। लेकिन मीडिया का काम जनता को सच को सच और झूठ को झूठ बताना है।

—देशबंधु, उत्तम नगर (नई दिल्ली)

रोड़ा बने मुल्ला-मौलवी

धर्म शब्द ध धातु से बना है, जिसका अर्थ है धारण करना। धर्म में वे सभी बातें, कार्य एवं व्यवहार सन्निहित हैं जो समाज को चलाने के लिए न्यायपूर्ण एवं हितकारी हों। किसी भी संस्था, समाज एवं राज्य को व्यवस्थित एवं शांतिपूर्ण रूप से चलाने के लिए नियमावली बनाई जाती है। पूर्व काल में हमारे धर्मग्रंथ ही संविधान के रूप में थे। लेकिन वर्तमान में संविधान के अनुसार काम होता है और इसमें समय-समय पर परिवर्तन होते रहे हैं।

इन दिनों मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक पर बहस जोरों पर है। तथाकथित सेकुलर नेताओं, मानवतावादी और विचारकों से विनम्र निवेदन है कि वे कृपया विचार करें कि यदि उनकी पुत्री या बहन को बिना कोई आरोप लगाए कुछ पल में ही तलाक दे दे तो क्या उन्हें क्रोध नहीं आएगा? क्या वे इसे आसानी से सहन कर लेंगे? तलाक के बाद उनकी पुत्री-बहन पर क्या बीतेगी? ऐसी मुस्लिमों में कितनी ही महिलाएं होंगी जो निर्दोष होते हुए भी उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता होगा।

हालांकि कोई भी मत-पंथ अन्याय या निद्रोषों को सताने की बात नहीं कहता और न ही उसका अनुसरण करने को कहता है। लेकिन इस्लाम के मुल्ला-मौलवी तीन तलाक के मामले में गलत व्याख्या करके इसे जायज ठहरा रहे हैं। क्या वे स्त्री को उपभोग की वस्तु समझते हैं? अगर ऐसा है तो दुनिया ऐसे लोगों की असलियत को जाने और समझे। आज जब पूरे विश्व में महिलाओं को समान अधिकार दिए जा रहे हैं,तो ऐसे में मस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देने में मुल्ला-मौलवी क्यों रोड़ा अटकाए हुए हैं।

—रमाकान्त शुक्ल, 117/के/60, सर्वोदय नगर, कानुपर(उ.प्र.)

 

कड़वी चाय

 

मोदी ने है पेश की, ऐसी कड़वी चाय

भ्रष्ट जनों के मुंह जले, निकल रही है हाय।

निकल रही है हाल, पियें या उगलें इसको

बैठ गया है दिल, हालत बतलाएं किसको?

कह 'प्रशांत' अरबों नोट हो गये रद्दी

फिसल रही है ऐसों के नीचे से गद्दी॥    

    —प्रशांत

 

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies