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पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की तीन दिवसीय बैठक भाग्यनगर (हैदराबाद) में संपन्न हुई। इसमें देश और विश्व की वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा हुई। साथ ही हिंदू समाज के सामने उपस्थित करणीय कार्यों और चुनौतियों पर भी गहन विमर्श हुआ। बैठक में दो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुए। पहला प्रस्ताव केरल में कम्युनिस्ट पार्टियों द्वारा हिंसा को लेकर है। इसमें कहा गया है कि कम्युनिस्ट पार्टियों ने केरल में हिंसा और हत्या को एक राजनीतिक हथियार के रूप में अपनाया हुआ है। पिछले कुछ दशकों में 250 से अधिक संघ कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। इन हत्याओं के पीछे विरोधी विचारों को नष्ट करने और अपने प्रभाव क्षेत्र में अपनी खूनी दादागीरी बनाए रखने की मनोवृत्ति काम कर रही है। यह भी कहा गया है कि अनेक लोगों की आहुतियां देकर भी संघ सारे समाज में एकता का संदेश देकर केरल में मजबूती से खड़ा है और इसका बढ़ता हुआ प्रभाव अब सबको दिखने लगा है। परन्तु हत्या के इस दौर को इस देश का सभ्य समाज मूकदर्शक बनकर नहीं देखेगा और राज्य शासन और जरूरत पड़ी तो केंद्र शासन भी अपना धर्म निभाएगा, ऐसी आशा है।
दूसरा प्रस्ताव एकात्म मानव दर्शन से जुड़ा है। इसमें कहा गया है कि इस दर्शन में वर्तमान वैश्विक संकट का समाधान है। विश्व के सम्मुख उभरती वर्तमान चुनौतियों के सन्दर्भ में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल का सुविचारित मत है कि पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय द्वारा शाश्वत भारतीय चिंतन के आधार पर प्रतिपादित एकात्म मानव दर्शन के अनुसरण से ही इन सबका सहज समाधान संभव है।
आज विश्व में बढ़ रही आर्थिक विषमता, पर्यावरण-असंतुलन और आतंकवाद विश्व मानवता के लिए गंभीर चुनौती का कारण बन रहे हैं। अनियंत्रित पूंजीवाद और वर्ग-संघर्ष की साम्यवादी विचारधाराओं को अपनाने के कारण ही आज विश्वभर में बेरोजगारी, गरीबी, कुपोषण के साथ-साथ विविध देशों में बढ़ता आर्थिक संकट और विश्व के दो-तिहाई से अधिक उत्पादन पर चंद देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आधिपत्य आदि समस्याएं अत्यन्त चिंताजनक हैं।
भौतिक आवश्यकताओं पर ही केन्द्रित जीवनदृष्टि के कारण परिवारों में विघटन और मनोविकार-जन्य रोग तीव्र गति से बढ़ रहे हैं। प्रकृति के अनियंत्रित शोषण से बढ़ते तापमान के कारण उभरती प्राकृतिक आपदाएं, समुद्र के जल स्तर में निरंतर वृद्धि, वायु-जल-मिट्टी का बढ़ता प्रदूषण, जल संकट, उपजाऊ भूमि का बंजर होते चले जाना और अनेक जीव-प्रजातियों का विलोपन आदि चुनौतियां बढ़ रही हैं। इन सबका निवारण एकात्म मानव दर्शन के चिंतन से ही होगा।
इन प्रस्तावों के अलावा सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर देश में जिहादी तत्वों द्वारा विभिन्न स्थानों पर की जा रही योजनापूर्ण एवं दुर्भाग्यजनक हिंसा, जिसका शिकार हिंदू हो रहे हैं, पर भी चिंता व्यक्त की। इसमें पिछले कुछ दिनों में प़ बंगाल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में जिहादी तत्वों द्वारा की गई क्रूर सांप्रदायिक हिंसा की निंदा भी की गई है।प्रतिनिधि
'महाव्रती कर्मयोगी प्रचारक सोहन सिंह' का लोकार्पण
जयपुर में 3 नवंबर को 'महाव्रती कर्मयोगी प्रचारक सोहन सिंह' पुस्तक का लोकार्पण हुआ। लोकार्पणकर्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश चन्द्र। संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे स्व. सोहन सिंह जी के जीवन पर लिखी इस पुस्तक का संपादन वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने किया है।
इस अवसर पर श्री सुरेश चन्द्र ने बताया कि सोहन सिंह जी 1973 में हरियाणा से राजस्थान आए और फिर दिल्ली तक संघ के विभिन्न दायित्वों का लगभग चार दशक तक निर्वहन किया। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन संघ कार्य के माध्यम से भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया था। उनका जीवन कठोर अनुशासन के साथ वात्सलय भाव से भरा था। उनका रोम-रोम राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित था। उन्होंने यह भी कहा कि सोहन जी ने राजस्थान में संघ कार्य को दृढ़ता प्रदान की, संघ कार्य को व्यवस्थित किया तथा गांव-गांव और शहरों में मंडल स्तर तक संघ कार्य का विस्तार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 1985 में राजस्थान सीमा पर बढ़ रही पाक घुसपैठ और तस्करी से निपटने के लिए सीमा जन कल्याण समिति का गठन किया। लोकार्पण से पूर्व पुस्तक के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने सोहन सिंह जी पर लिखी इस पुस्तक के अनुभवों को साझा किया। प्रतिनिधि
गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व संपन्न
गत दिनों नई दिल्ली के पहाड़गंज स्थित राष्ट्रीय सिख संगत के मुख्यालय 'संगत भवन' में गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाया गया। इस अवसर पर साहित्यकार सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी आज के युग के लिए प्रकाश स्तंभ हैं। उनके विचारों और शिक्षा कर अनुकरण करके ही भारत को पुन: विश्व गुरु बनाया जा सकता है। संगत के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री अविनाश जायसवाल ने श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को आज की पीढ़ी के लिए संजीवनी बताते हुए कहा कि हम अपने जीवन में उनके संदेश को उतारकर ही आज के युग को स्वर्णिम बना सकते हैं। इस अवसर पर अनेक लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधि
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