इस भूल से बदल न जाए भूगोल...परिस्थिि
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

इस भूल से बदल न जाए भूगोल…परिस्थिि

by
Nov 7, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Nov 2016 11:46:33

त बदलती है, प्रकृति नहीं। इसे सरल शब्दों में इस तरह कहा जा सकता है कि आदत आसानी से नहीं जाती। पाकिस्तान के मामले में आदत का यह अडि़यलपन साफ देखा जा सकता है। मुंबई, पठानकोट, उरी…भारत को एक के बाद एक लगातार घाव देने की नीति उसी तरह काम कर रही है जैसे करती रही है। भारत और पाकिस्तान में सरकारें बदलने से बेपरवाह।
भीतर भले चिंताओं का सागर लहराए तो भी ऊपरी तौर पर निश्चिंत मुद्रा। प्रश्न यह है कि भारत को निशाने पर रखने की यह मुद्रा केवल ढिठाई है या यह आदत पाकिस्तान की आवश्यकता में बदल गई है?
दूसरी बात की संभावना अधिक है। यही ज्यादा चिंता की बात भी है।
29 सितंबर की रात उरी के दुस्साहस का सर्जिकल स्ट्राइक द्वारा इलाज एक अभूतपूर्व घटना थी। अगर दंडात्मक कार्रवाई के मामले में भारतीय पक्ष के ठंडेपन को लेकर पाकिस्तानी पाले में कोई गलतफहमी लंबे समय पलती भी रही थी तो वह गलतफहमी इससे झड़ जानी चाहिए थी। भारतीय कमांडो दस्ते द्वारा आतंकी ठिकानों पर एकदम सटीक और सैन्य व राजनीतिक गलियारों को भीतर तक थर्रा देने वाले ऐसे प्रतिकार की वहां किसी को कल्पना भी नहीं थी। लेकिन जिस बात की कल्पना न हो ऐसी कार्रवाई की पुष्टि यदि पाकिस्तान कर देता तो उसके घर के भीतर ही भ्रम के कई गढ़ ढह जाते। इन ढहते गढ़ों की मजबूती का झूठ जनता के सामने बनाए रखना ही पाकिस्तान की मजबूरी है।
यही वह मोड़ है जहां आदत आवश्यकता में परिवर्तित हो जाती है। पाकिस्तान का सतत भारत विरोध क्या है, यह समझना जरूरी है। यह केवल विभाजन की ऐसी टीस नहीं है जो विकास के पैमाने भारत के मुकाबले पिछड़ने के कारण और तीखी हो उठी हो। यह उस नींव पर उठने वाले प्रश्न भी नहीं हैं जिन्हें विभाजन के मुस्लिम पैरोकारों द्वारा 'अमन-तरक्की' का सुनहरा पायदान बताया गया था लेकिन भरमाए गए लोगों को हिंसा और पिछड़ेपन के बियाबान में छोड़ दिया गया।
बात इससे आगे की है।
जनता के लिए भले यह बियाबान हो लेकिन यहां उसकी किस्मत की कमान थामने वालों के हितों के जंगल खड़े हैं।
लोकतांत्रिक विश्व के भीतर पाकिस्तान का सैन्यतंत्र ऐसा है जो व्यापार और राजनीति में अन्य किसी के मुकाबले ज्यादा दिलचस्पी और दखल रखता है।
सरकार कोई हो, सेना का राजनीति और व्यापार को धकेलने वाला इंजन उसी तरह धुंआ फेंकता रहता है। इस धौंकनी ने उद्यमिता और विकास का दम फुला दिया। लोकतंत्र को मानो राख  कर दिया। पकिस्तान में राजनेता कठपुतली हैं, विकास नदारद और सिक्का चलता है तो सिर्फ जनरलों का। शासकों की पूंछ पांव के नीचे रखने वाले, आंखें दिखाने वाले को फांसी के तख्त पर चढ़ा देने वाले जनरलों की हनक पिछले सातेक दशकों से जनता के मन में बैठी और बैठाई गई है। इस हनक का टूटना यानी मेहनत से चढ़ाए 'इस्लामी निष्ठा' के रखवालों की ताकत के मुलम्मे का उतर जाना। नेता-सेना-आतंकी नेटवर्क की जतन से जमाई परतों का उधड़ जाना, और अंतत: पाकिस्तान का बिखर जाना।
इसलिए पाकिस्तान की हनक तोड़ने वाली सर्जिकल स्ट्राइक से दहलने के बावजूद पाकिस्तान ने उसे नहीं स्वीकारा। पाकिस्तान चाहता है कि 29 सितंबर की भारतीय कार्रवाई रात के अंधेरों में दबी रहे, जनता देखे तो सिर्फ जनरलों की दिलेरी, जिहादियों को हर हाल में समर्थन देने का जज्बा और पाकिस्तानी चालों के आगे पस्त पड़ोसी..। नवंबर अंत में सेवानिवृत हो रहे पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ के लिए यह पैंतरा जरूरी है। पनामा पेपर्स से पिटे उनके चचेरे भाई नवाज शरीफ के लिए भी जनता का ध्यान घर के भीतर छिपी कालिख से हटाना जरूरी है लेकिन पाकिस्तान के लिए जरूरी क्या है? भ्रष्टाचार के कुलांचे भरती और विकास की लंगड़ी चाल चलती सेना और सत्ता एक दूसरे की बैसाखी बने-बने कहीं दुस्साहस के उस कगार पर तो नहीं आ पहुंचीं जहां से उनका फिसलना तय है?
सत्ता और सैन्य हितों की रक्षा के लिए, जनता का ध्यान भटकाने के लिए सीमापर पाकिस्तान गोलीबारी और तेज हो सकती है, इसकी पूरी संभावना है। विश्व को आतंक का निर्यात करने वाली, क्षुद्र हितों को पोसने वाली विषैली सोच नए क्षेत्रीय संकटों को न्योता दे रही है।
बहरहाल, भारतीय सीमा पर गोलीबारी चाहे पाकिस्तान की आदत हो या वहां के आंतरिक शक्ति द्वंद्व की आवश्यकता, यह नाजुक समय में की गई ऐसी भारी भूल साबित हो सकती है जो क्षेत्र का भूगोल बदल सकती है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies