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पूरे देश में मना विलय दिवस
जम्मू-कश्मीर राज्य का भारतीय संघ में 26 अक्तूबर, 1947 को विलय हुआ था। तभी से हर वर्ष 26 अक्तूबर को विलय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह दिवस पूरे देश में बहुत ही प्रमुखता के साथ मनाया गया और अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए। मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष जवाहरलाल कौल, प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ आलोक बंसल, मारूफ रजा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। इसी तरह के कार्यक्रम भोपाल, सांबा (जम्मू-कश्मीर) आदि जगहों पर भी हुए। इन कार्यक्रमों में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर राज्य का विलय विधिवत हुआ है, लेकिन कुछ लोग इस संबंध में जनता को भ्रमित कर रहे हैं। प्रतिनिधि
28 नवंबर को होगा प्रताप गौरव केन्द्र का उद्घाटन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत 28 नवंबर को उदयपुर में बन रहे प्रताप गौरव केन्द्र का उद्घाटन करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख महेन्द्र सिंहल ने प्रताप गौरव केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह दुनिया का अद्भुत ऐतिहासिक केन्द्र है। इससे नई पीढ़ी को देश के गौरवशाली इतिहास, शौर्य और पराक्रम की प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति जगेगी। पहाड़ी पर स्थापित इस केन्द्र पर महाराणा प्रताप की 57 फुट उंची और 40 टन वजनी अष्टधातु की प्रतिमा है। इसकी विभिन्न दीर्घाओं में इतिहास की विभिन्न घटनाओं, भारतमाता मन्दिर, हल्दी घाटी युद्ध की झांकी लगाई गई है। राजस्थान गैलेरी में 24 महापुरुषों की झांकी है। प्रतिनिधि
सामाजिक समरसता के लिए सामूहिक पूजन
दिल्ली प्रांत के नांगलोई जिले में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा गोसेवा को प्रोत्साहित करने हेतु पिछले दिनों अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए। दीपावली के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यालय में पूजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद डॉ. उदित राज और संघ के अनेक अधिकारी उपस्थित थे। डॉ़ उदित राज ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायोंर् से देश में ही नहीं, पूरे विश्व में भारत की छवि सुधरी है तथा एक सकारात्मक सोच बनी है। सबका साथ, सबका विकास का नारा वास्तविक रूप ले रहा है। लेकिन कुछ लोग स्वार्थवश देश में जाति और मजहब के नाम पर लोगों को बांटना चाहते हैं, किन्तु संघ के कार्यकर्ता उनके प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे। संघ समाज की सोच को बदलने की ताकत रखता है। संघ के समरसता अभियान से वंचित समाज की स्थिति में सुधार अवश्य होगा, किन्तु इसमें गति लाने की
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