उभरने लगी दरारें
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

उभरने लगी दरारें

by
Oct 17, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 17 Oct 2016 12:26:06

भारत के अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक अभियानों से दुनिया के सामने पाकिस्तान की कलई खुुल गई है। इससे नवाज बौखला गए हैं।
अब वे फौज को आड़े हाथों लेने का कोई मौका नहीं चूक रहे  

प्रशांत बाजपेई
पाकिस्तान के 'सर्वशक्तिमान' खाकी वाले बेबस दिख रहे हैं। आज तक उनके सामने पानी भरते आए जनता के नुमाइंदे, उनका पानी उतरते देख मन ही मन खुश हो रहे हैं। वे बेधड़क हैं कि इस आड़े वक्त में खाकी वाले सत्ता को सीधे हथियाने आगे नहीं आने वाले। इसीलिए प्रधानमंत्री नवाज ने अपने भाई शाहबाज और दूसरे सहयोगियों के मुंह से  आईएसआई और फौज को कुछ कड़वी बातें  कहलवाई हैं। पाकिस्तान में, जहां फौज ने मीडिया को नियंत्रित करने के लिए बाकायदा एक विभाग खोल रखा है, ऐसी बातें फुसफुसाकर भी नहीं कही जातीं, लेकिन वहां के मशहूर अखबार डॉन के पत्रकार साइरिल अलमीडा ने सत्ता के गलियारों के इस भूचाल को दुनिया के सामने उघाड़कर रख दिया है। उनके इस कदम ने पहले से ही असहज 'एस्टैब्लिशमेंट' को और असहज कर दिया है। अलमीडा उसके रडार पर आ गए हैं। सत्ता तंत्र उनकी रिपोर्ट को 'काल्पनिक' और 'झूठा' बताने में जुटा है लेकिन अलमीडा और उनका अखबार अपनी बात पर कायम हैं। पाकिस्तानी समाचार जगत भी अपने साथी के पीछे एकजुट होता दिख रहा है। यह घटनाक्रम अभूतपूर्व है। यह रिपोर्ट 7 अक्तूूबर को डॉन में 'आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करो, या अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार का सामना करो-नागरिक सरकार ने फौज से कहा' नामक शीर्षक से प्रकाशित हुई थी।
अक्तूूबर के पहले हफ्ते में  प्रधानमंत्री नवाज के कार्यालय में एक बैठक हुई थी व जिसमें फौज और सरकार के प्रमुख ओहदेदार शामिल थे। सबसे पहले नागरिक सरकार ने फौज प्रमुख को बताया कि किस प्रकार भारत पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने में कामयाब रहा है, और सभी चाहते हैं कि आतंकवादियों का कुछ किया जाए। बैठक में तय हुआ कि आईएसआई के महानिदेशक जनरल रिजवान अख्तर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर जंजुआ पाकिस्तान के चारों प्रांतों में जाएंगे और वहां के आईएसआई के सेक्टर कमांडरों और शीर्ष कमेटियों को संदेश देंगे कि वे लोग प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और (अब तक) नागरिक सरकारों के अधिकार के बाहर समझे जाते रहे जिहादियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में टांग नहीं अड़ाएंगे। कहा जाता है कि रिजवान का दौरा तत्काल शुरू हो गया। दूसरा फैसला नवाज ने सुनाया कि मुंबई और पठानकोट हमलों की जांच पूरी करके मामले को रावलपिंडी की आतंक निरोधी अदालत में पेश किया जाएगा।
अलमीडा के अनुसार, यह फैसला फौज और आईएसआई ने ऐसे ही नहीं स्वीकार कर लिया। इसके पहले नवाज के छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ तथा आईएसआई प्रमुख रिजवान के बीच तीखी बहस हुई। सर्जिकल स्ट्राइक के तीन दिन बाद हुई इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण दिया कि किस प्रकार नवाज सरकार द्वारा की गई जी-तोड़ कोशिशों के बावजूद दुनियाभर की महत्वपूर्ण राजधानियों में पाकिस्तान को बेइज्जत होना पड़ा है और कोई भी हमारा साथ देने के लिए तैयार नहीं है। चौधरी ने बताया कि भारत जैशे-मोहम्मद और लश्करे-तैयबा पर वास्तविक कार्यवाही चाहता है। उधर अमेरिका के साथ भी संबंध और बिगड़ने वाले हैं, यदि पाकिस्तानी फौज के लाडले हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई नहीं  की गई।
चीन हमें समर्थन दे रहा है लेकिन खुश नहीं है और संयुक्त राष्ट्र में जैशे मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बचाने के लिए बार-बार अपने (चीन के) विशेषाधिकार का प्रयोग करने का औचित्य जानना चाहता है। चीन के इस रुख के बारे में सुनकर बैठक में उपस्थित लोग सन्न रह गए। मौका देखकर सरकारी पक्ष ने आईएसआई प्रमुख पर हमला बोल दिया।
जब जनरल अख्तर ने पूछा कि अंतरराष्ट्रीय अलगाव को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए तो विदेश सचिव ने सपाट उत्तर दिया कि मसूद अजहर, हाफिज सईद और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करनी होगी। इस पर अख्तर ने कहा कि ''सरकार को जिसे भी आवश्यक हो, गिरफ्तार करना चाहिए।'' तभी ऐसे उत्तर की प्रतीक्षा करते शाहबाज शरीफ बीच में कूद पड़े और अख्तर से कहा कि ''जब भी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त होने की कोशिश करती है, सैन्य एस्टैब्लिशमेंट उन्हें बचाने के लिए परदे के पीछे से अपना काम शुरू कर देता है।'' शाहबाज के इस हस्तक्षेप से कमरे में सनसनी फैल गई।
यह पहला मौका था जब आईएसआई प्रमुख से किसी गैर फौजी ने इस अंदाज में बात की थी। तब नवाज शरीफ ने बीच-बचाव की भंगिमा दिखाते हुए कहा कि जो भी हो रहा है, उसके लिए किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार इस सारे घटनाक्रम के सूत्रधार नवाज ही थे। उनकी यह कोशिश फौज तथा आईएसआई को दखलंदाजी से दूर रखने की रणनीति का हिस्सा है। एक महत्वपूर्ण सरकारी सूत्र ने आईएसआई प्रमुख द्वारा सरकार को दिए गए सकारात्मक आश्वासन के बारे में अलमीडा से कहा कि ''यही सुनने के लिए हम सारी जिंदगी दुआ मांगते आये हैं। अब देखते हैं कि क्या होता है।'' इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद साइरिल अलमीडा के पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है।  हालांकि इस रोक ने पाकिस्तान की आंतरिक उथल-पुथल को अंतरराष्ट्रीय खबर बना दिया है।

अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान बदलेगा? रातोंरात तो कुछ नहीं होगा। कोई भी जानकार ऐसी उम्मीद पालने से मना ही करेगा। इसको समझने के लिए पाकिस्तान में फौज की सत्ता-प्रशासन-शिक्षा-अर्थव्यवस्था पर पकड़, फौज में बजबजाता भ्रष्टाचार, फौज की कट्टर इस्लामी तत्वों पर पकड़, इन कट्टर इस्लामी तत्वों की पाकिस्तानी समाज पर पकड़, पाकिस्तान में इस्लाम बनाम लोकतंत्र की बहस में लोकतंत्र का हमेशा पिछड़ते जाना और फौज, जिसे 'इस्लाम की हिफाजत करने वाला लश्कर' माना जाता है, की मयार्दाओं को लेकर पाकिस्तानी मानस में कोई चिंतन न होना, आम पाकिस्तानी को 'हिंदू' भारत के प्रति नफरत की लगातार खुराक आदि कारकों का चिंतन-विश्लेषण करना होगा। पाकिस्तान के शहरों-कस्बों में खुले घूम रहे हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, लश्करे तैयबा, लश्करे झांगवी, जैशे मोहम्मद, सिपहे-सहाबा, इस्लामिक स्टेट, अलकायदा, हरकत-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-अंसार, हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी, अल बद्र, अल-जिहाद, सिपहे-मोहम्मद, जमातुल फुकरा, तहरीके जाफरिया, तहरीके नफाज, नदीम कमांडो, तहरीकुल मुजाहिदीन, तहरीके तालिबान-पाकिस्तान जैसे दर्जनों खूंखार जिहादी संगठनों के लाखों गुर्गे कैसे काबू में आएंगे, यह बहुत बड़ा सवाल है। दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन को भी आईएसआई ने पच्चीस बरसों से पाल रखा है। फिर पाकिस्तान के कट्टरपंथी मजहबी संगठन भी हैं। इन सबका उपयोग आईएसआई पाकिस्तान के बाहर कम और अंदर ज्यादा करती है। इनमें से कई उसके भाड़े के हत्यारे हैं जिनसे कभी बलूचों की हत्याएं करवाई जाती हैं तो कभी कराची में खून-खराबा करवाया जाता है। कोई शियाओं का दुश्मन है तो कोई मुहाजिरों का। कोई पख्तूनों का जिहादी संगठन है तो कोई पंजाबियों का। फिर इनका इस्तेमाल एक-दूसरे के खिलाफ भी किया जाता है, ताकि हर किसी को हद में रखा जा सके। इतने समय से सक्रिय इन संगठनों के फौज के अंदर भी छिपे और प्रकट हमदर्द और मददगार हैं। तानाशाह रहते हुए मुशर्रफ के हाथ में सेना और प्रशासन, दोनों  की बागडोर थी, लेकिन जब उन्होंने कुछ गैर अनुशासित जिहादियों की मुश्कें कसने की कोशिश की तो मुशर्रफ की हत्या के कई प्रयास हुए। बेनजीर भुट्टो को आईएसआई के अंदर कई लोग पसंद नहीं करते थे। उन्हें  चुनाव प्रचार के दौरान मार दिया गया। चुनाव के बाद उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सत्ता में आई। बेनजीर के विधुर आसिफ जरदारी पांच साल राष्ट्रपति रहे, लेकिन इस हत्या की गुत्थी आज तक अनसुलझी है। ये तथ्य बताते हैं कि पाकिस्तान में फौज और आतंकियों के बीच की रेखाएं कितनी धुंधली हैं।
2011 में पाकिस्तानी नौसेना के कराची एयरबेस पर हुए भीषण हमले ने इस बात को एक बार पुन: स्थापित किया था। लेकिन ये जटिलताएं ही दबाव पड़ने पर पाकिस्तान के गले की फांस बनने जा रही हैं।
अफगानिस्तान में फंसा हुआ अमेरिका और स्वयं अफगानिस्तान पिछले डेढ़ दशक से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को साधने में जुटे थे और पाकिस्तानी फौज व आईएसआई उनके साथ लुकाछिपी का खेल खेल रही थी। अब भारत के नई भूमिका में सामने आने से बाजी उलट गई है। यह भारत के दबाव और आक्रामक भूमिका का परिणाम  है कि पाकिस्तान की दरारें उभर रही हैं।
अरब जगत के पुराने सहयोगी तक उससे किनारा कर रहे हैं।  जिहादी आतंकवाद आज वैश्विक मुद्दा है और दुनिया अच्छी तरह अनुभव कर चुकी है कि कश्मीर जिहाद या अफगान जिहाद को पेरिस, चेचेन्या या न्यूयॉर्क पहुंचने में देर नहीं लगती। बलूचिस्तान-सिंध-पीओके-खैबर, हर तरफ विप्लव है। इधर भारत अपना कूटनीतिक शिकंजा कसता जा रहा है। नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को इस मौके का  फायदा उठाना चाहिए। पाकिस्तान के ये दो प्रमुख दल फौजी हथकंडों के खिलाफ अतीत में भी कई बार औपचारिक तथा अनौपचारिक रूप से साथ आए हैं। पाकिस्तान के अंदर फौज का दबदबा जरूर चलता आया है, लेकिन लड़ाई के मैदान में उन्होंने कभी कोई जौहर नहीं दिखाया। छह दशकों से पाकिस्तान की सड़कों और गलियारों में दनदना रही फौज यदि बैरक में लौटने पर मजबूर हो जाए तो भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक उम्मीद दिख सकती है। हालांकि यह अभी दूर की कौड़ी है।
फिलहाल भारत के कूटनीतिक अभियान के और तेज होने के आसार हैं। भारत आक्रामकता से अपने हितों की रक्षा करेगा, ये संदेश उसने दुनिया को दे दिया है। इस संदेश को दुनिया की राजधानियों से उत्साहजनक प्रतिसाद मिला है। आने वाले दिनों में सरकार अपने वैश्विक समर्थन को सहेजते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाएगी। घेरा कसेगा, तो अनुभवजन्य ज्ञान यह कहता है कि दरारें और चौड़ी होंगी। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Uttarakhand RSS

उत्तराखंड: संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां शुरू, 6000+ स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण

Bhagwan Narsingh Jayanti

भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु बने नृसिंह

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies