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भोपाल। 7 अगस्त को विश्व संवाद केंद्र में आहूत किए गए महिलाओं के विमर्श में सुप्रसिद्ध विचारक स्व. श्री हो़ वे़ शेषाद्रि की भारत विभाजन पर केंद्रित पुस्तक और देश बंट गया पर खुलकर चर्चा की गई। सत्य इतिहास पर आधारित 27 अध्यायों में विभक्त इस पुस्तक के अलग-अलग अध्यायों पर एक-एक महिला द्वारा प्रकाश डाला गया। इस चिंतन का सारभूत निष्कर्ष यह निकला कि अपने इतिहास से प्रेरणा लेते हुए देश की समस्त अराजक शक्तियों के विरोध में मातृशक्ति को सदैव जागृत और तत्पर रहना होगा। हमारे आस-पास क्या हो रहा है, पारिवारिक एवं अन्य दायित्वों के निर्वहन के साथ हमें इसके लिए भी सचेत रहना चाहिए। महिलाएं यदि संगठित होकर समाज तथा राष्ट्र से जुड़े विषयों पर सतत सक्रिय रहेंगी तो न कभी देश पर न ही हमारी समाज व्यवस्था पर कोई संकट आ सकता है।
इस विमर्श में डॉ. निवेदिता शर्मा, ऋचा मिश्रा, सरस्वती परमार, कुसुमलता शास्त्री, दीपशिखा त्रिवेदी, डॉ. वंदना गांधी, सत्या राठौर, अंजना चौबे, डॉ. जूही गुप्ता, डॉ़ भारती शर्मा, अर्चना सोनी, सोनू ठाकुर, नेहा पटले, हेमलता, नीता शर्मा, अंजनी खैर, डॉ़ मनीषा पाण्डेय इत्यादि लेखक, शिक्षक, साहित्यकार, डॉक्टर एवं इंजीनियर आदि विविध क्षेत्रों से जुड़ी तमाम महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान विमर्श कार्यक्रम में हिन्दू जागरण मंच के विभाग संगठन मंत्री सुुशील यादव मौजूद थे। -प्रतिनिधि
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