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नई दिल्ली। 17 जुलाई को द्वारका के वैशाली, महावीर एन्कलेव क्षेत्र में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा संचालित पाञ्चजन्य पाठक क्लब में प्रबुद्ध पाठकों द्वारा देश के समसामयिक विषयों पर परस्पर चर्चा का आयोजन किया गया। शीर्ष समाजसेवी और भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष श्री अजित दुबे की अध्यक्षता में हुई इस चर्चा गोष्ठी में पाञ्चजन्य के पाठकों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति, पाकिस्तान की भूमिका और दुनियाभर के लिए चुनौती बन गए आईएसआईएस के आतंकवाद पर चर्चा की। श्री दुबे ने राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय मुद्दों पर पाञ्चजन्य के रुख व इसमें निहित सामग्री की प्रशंसा की और पत्रिका रूप में बढ़ते इसके प्रसार व लोकप्रियता पर भी चर्चा की। पाञ्चजन्य के सहयोगी संपादक सूर्य प्रकाश सेमवाल ने पाठकों की शंकाओं का समाधान किया। रा.स्व.संघ के पश्चिमी विभाग, द्वारका जिले और कई मंडलों के स्वयंसेवकों सहित स्थानीय आरडब्ल्यूए के लोग भी इस चर्चा में उपस्थित थे। द्वारका जिले के सहकार्यवाह श्री शैलेन्द्र, कुटुंब प्रबोधन दिल्ली प्रान्त के पदाधिकारी श्री रामप्रकाश व महावीर नगर के कार्यवाह श्री सतीश ने आयोजन में विशेष सहभागिता की। वरिष्ठ प्रचारक श्री जयपाल शास्त्री, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष मोरध्वज राय, महामंत्री ए.पी. सिंह, व्यासनारायण, जगदीश कोहली, रूप सिंह व रामनाथ राय ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। -प्रतिनिधि
भारत परिक्रमा पदयात्रा
भुवनेश्वर। ग्राम विकाश का सन्देश लेकर कन्याकुमारी से आरम्भ हुई भारत परिक्रमा पदयात्रा विगत दिनों ओडिशा के बलेस्वर जिले के जलेश्वर से शुरू हुई। बलेस्वर, भद्रक, जाजपुर, कटक, मधुबाबू के गांव, जयदेव के पीठ केन्दुबिलवा, पंडित गोपबंधु के गांव सुआन्दो चकापद आश्रम बिरुपाख्य महादेव, बौद्घ विहार कदलिगड़ में भीमाभाई के कुएं, बरगढ़, बोलांगीर, कालाहांडी, कोरापुट होते हुए यह पदयात्रा संपन्न हुई। ग्रामों में सन्त सीताराम के नेतृत्व में सहयात्रियों ने रात्रि विश्राम किया। उन्होंने गांवो में कई सभाओं का आयोजन किया। भारत परिक्रमा के लक्ष्य को जन-जन तक पहुंचाया। ओडिशा में कई किमी. की इस परिक्रमा ने जब आंध्र प्रदेश में प्रवेश किया तो संत सीताराम जी ने इन गांवों के नौजवानों को ग्राम रक्षा और समाज के प्रति जागरूकता की प्रेरणा दी। इसके साथ ही राष्ट्रीय एकता एवं देशभक्ति के मर्म को समझने के सूत्र भी स्वामी जी ने सबको दिये।। -पंचानन अग्रवाल
वरिष्ठ प्रचारक ओमप्रकाश कुंद्रा दिवंगत
कुरुक्षेत्र। 8 जुलाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री ओमप्रकाश कुंद्रा का देहान्त हो गया। देशभक्ति से ओतप्रोत श्री कुन्द्रा किशोरवय में ही सेना में भर्ती हो गये। द्वितीय विश्वयुद्घ में अल अलामी (मिस्र) की लड़ाई में एक भारतीय सैनिक के रूप में उनकी भूमिका भारतीय इतिहास में दर्ज है। देश विभाजन की त्रासदी झेलते हुए भी अखंड देशभक्ति की साधना करते रहे। 30 जुलाई, 1923 को श्री संतराम कुन्द्रा एवं परम साध्वी श्रीमती करतार देवी के घर जन्मे ओम प्रकाश का बचपन और शिक्षा दीक्षा लाहौर में हुई।
अमर शहीद भगत सिंह और सुखदेव इसी कॉलेज में उनके वरिष्ठ सहपाठी रहे। जब ओम प्रकाश कुन्द्रा जी जब 17 वर्ष के थे, तभी उनके पिताजी का निधन हो गया। 1958 में आपका विवाह सौ. कमला बेदी से हुआ। राष्ट्रीय विचारधारा के साधक और वाहक श्री कुन्द्रा द्वितीय विश्वयुद्घ काल में सैनिक, विभाजन की विभीषिका में समाजसेवी तथा तदन्तर पत्रकार रहे। मध्यप्रदेश शासन ने श्री कुन्द्रा की पत्रकारिता साधना को प्रतिष्ठित स्व़ माणिकचन्द्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार देकर विभूषित किया। – प्रतिनिधि
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